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आर्किटेक्टचर में करियर: जिंदगी को दें नया डिजाइन

By: Apr 10th, 2024 12:05 am

12वीं पास करने के बाद हर स्टूडेंट अपने करियर को लेकर काफी सीरियस हो जाता है और ऐसी फील्ड चुनना चाहता है जो उसके करियर को संवार सके। मेडिकल और इंजीनियरिंग के अलावा भी कई ऐसे करियर ऑप्शन हैं, जिन्हें अपनाकर स्टूडेंट अपना आने वाला भविष्य बेहतरीन बना सकते हैं। इन ऑप्शन में से आर्किटेक्चर भी ऐसा ही ऑप्शन है। इस फील्ड में काफी स्कोप हैं और आर्किटेक्चर की डिग्री लेने के बाद सरकारी सेक्टर के अलावा प्राइवेट सेक्टर में भी अच्छी सैलरी पर जॉब पा सकते हैं…

देश भर में आर्किटेक्ट्स की डिमांड तेजी से बढ़ रही है। इसी वजह से एक यह उभरता हुआ करियर ऑप्शन बनकर सामने आ रहा है। आर्किटेक्ट एक स्किल्ड प्रोफेशनल होता है, जो इमारतों की डिजाइनिंग से लेकर उनके निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आर्किटेक्ट, कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट के सभी चरणों जैसे क्लाइंट के साथ प्रिलिमिनरी विचार-विमर्श से लेकर पूरे स्ट्रक्चर की अंतिम डिलीवरी तक शामिल होते हैं। आर्किटेक्ट बनने के लिए विशिष्ट स्किल्स की आवश्यकता होती है.. जैसे डिजाइनिंग, मैनेजमेंट, सुपरविजन और ग्राहकों और बिल्डर्स के साथ कम्यूनिकेट करना।

विभिन्न उद्योगों में कई प्रकार के आर्किटेक्ट होते हैं, सभी आर्किटेक्ट का प्राथमिक उद्देश्य किसी संरचना के सभी घटकों की योजना बनाना और डिजाइन करना होता है। आर्किटेक्ट किसी संरचना की सौंदर्य अपील की देखरेख करते हैं और इसकी सुरक्षा और कार्यक्षमता भी सुनिश्चित करते हैं। वे इमारतों के आर्थिक पहलुओं पर भी विचार करते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि वे उन व्यक्तियों की ज़रूरतों को पूरा करें जो उनका उपयोग कर सकते हैं।

इनका काम

1. डिजाइन : इसमें वास्तुकार का काम अपने क्लाइंट के कहे मुताबिक इमारत या साइट का नक्शा या डिजाइन बनाने का होता है।

2. दस्तावेज तैयार करना : एक आर्किटेक्ट की भूमिका का दूसरा चरण फाइनल डिजाइन को दस्तावेज का रूप देने का होता है अर्थात इस चरण में वास्तुकार को ग्राहक द्वारा बताये गए डिजाइन को पेपर में उतारना होता है। इस चरण में वास्तुकार को ग्राहक की आवश्यकता, बजट, नियमों के मुताबिक दस्तावेज में संशोधन करने की आवश्यकता हो सकती है ।

3. निर्माण भूमिकाएं : इस चरण में निर्माण दस्तावेजों को तैयार करना होता है इसमें डिजाइन को ठेकेदारों एवं निर्माण विशेषज्ञों के लिए निर्देशों एवं तकनीकी विनिर्देशों के रूप में रूपांतरित किया जाता है, ताकि वे इनका अनुसरण करके ही भवन या साइट का निर्माण कर सकें।

जरूरी स्किल्स

न्यूमेरिकल स्किल्स : आर्किटेक्चर गणित के बारे में है, आपको न्यूमेरिकल प्रिंसिपल्स, ज्योमेट्री और एडवांस्ड अलजेब्रा की अच्छी समझ होनी चाहिए। यह सबसे जरूरी स्किल्स में से एक जो एक आर्किटेक्ट के पास होनी चाहिए।

क्रिएटिविटी : एक आर्किटेक्ट के रूप में आपके पास अलग-अलग और अनोखे बिल्डिंग आइडियाज होने चाहिए। इसके लिए आपका क्रिएटिव होना बेहद जरूरी है।

डिजाइनिंग स्किल्स : एक आर्किटेक्ट को मॉडल और ड्राइंग बनाने में अच्छा होना चाहिए। इसके लिए आपको डिजाइनिंग प्रोसेस की अच्छी समझ होनी चाहिए, तभी आप अपने क्लाइंट्स की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम होंगे।

लीगल नॉलेज : एक आर्किटेक्ट के पास कानूनी ज्ञान होना भी जरूरी है। आर्किटेक्ट को बिल्डिंग कोड्स, नियम और नीतियों से अवगत होना चाहिए।

कम्युनिकेशन स्किल्स : आर्किटेक्ट के रूप में, आपको अपने ग्राहक, वकील, भवन मैनेजर और अन्य लोगों के साथ कम्यूनिकेट करने की जरूरत पड़ती है। यदि आपकी कम्युनिकेशन स्किल्स अच्छी नहीं है तो आपके लिए अपनी बात कहना, क्लाइंट्स से डील करना आदि बहुत ही चुनौतीपूर्ण होगा। अत: जरूरी है कि आप अपनी कम्युनिकेशन स्किल्स अच्छी रखें।

लीडरशिप/मैनेजमेंट स्किल्स : लीडरशिप और मैनेजमेंट स्किल्स भी एक जरूरी स्किल्स में से हैं, जो एक आर्किटेक्ट के पास होनी चाहिए। डिजाइन बनाना, उसे अपने क्लाइंट्स को समझाना और उन्हें यह विश्वास दिलाना है कि यह सबसे अच्छा है, यह सब एक आर्किटेक्ट का काम होता है। इसके अलावा, उन्हें जूनियर आर्किटेक्ट और टेक्नीशियन्स के साथ काम करना होता है, इसलिए एक अच्छी लीडरशिप स्किल्स का होना महत्त्वपूर्ण है।

प्रॉब्लम-सॉल्विंग स्किल्स : एक आर्किटेक्ट के रूप में आपको अपने करियर में बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ेगा, चाहे वह डिजाइनिंग संबंधित प्रोब्लेम्स हों, कानूनी समस्याओं हों या कुछ और। अपने रास्ते में आने वाली सभी समस्याओं, सभी मुद्दों से निपटने के लिए आपके पास एक बेहतरीन प्रॉब्लम-सॉल्विंग स्किल्स का होना जरूरी है।

जिम्मेदारियां

प्रोजेक्ट के आइडियाज, उद्देश्य, आवश्यकताओं और बजट पर चर्चा करना और कुछ मामलों में साइट चुनने में मदद करना।
डिजाइन के बारे में अन्य प्रोफेशनल्स से परामर्श करना।
क्लाइंट्स को उनके प्रोजेक्ट की प्रैक्टिकैलिटी पर सलाह देते हुए बिल्डिंग और उसके यूजर्स की जरूरतों का आकलन करना।
फिजिबिलिटी रिपोर्ट और डिजाइन प्रस्ताव तैयार करना और क्लाइंट्स को प्रेजेंट करना।
स्थानीय पर्यावरण पर पडऩे वाले असर का आकलन करना।
डिजाइन और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में आईटी का उपयोग करना।
फाइनांशियल मैनेजमेंट और डेडलाइन का ध्यान रखना।
डिटेल्ड कार्यों, ड्रॉइंग्स और स्पेसिफिकेशन पर ध्यान देना।
आवश्यक मैटीरियलों के नेचर और क्वालिटी का परीक्षण करना।
टेंडर आवेदन और प्रेजेंटेशन तैयार करना।
ठेकेदारों और अन्य प्रोफेशनल्स के साथ बातचीत करना।
कंट्रोल विभागों की योजना और निर्माण के लिए आवेदन तैयार करना।
कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए टेंडर दस्तावेजों को तैयार करना।
प्रोग्रेस की जांच के लिए नियमित रूप से साइट का दौरा करना और यह सुनिश्चित करना कि प्रोजेक्ट सही समय और बजट पर चल रहा है। कंस्ट्रक्शन के दौरान आने वाली समस्याओं का समाधान करना।

कोर्सेज

आर्किटेक्चर बैचलर्स डिग्री कोर्सेज

.- Bachelor of Architecture
– BachelorM’s in Engineering and Architectural Design
– Bachelor of Engineering in Landscape Architecture
– BSc/BA in Architecture Technology & Construction Management
– BA (Hons) in Interior Architecture & Design

आर्किटेक्चर मास्टर्स डिग्री कोर्सेज

– M.Arch in Conservation and Restoration
– M.Arch in Architectural History and Theory
– M.Arch in Landscape Design
– Masters in Urban Planning
– M.Tech in Construction Engineering and Management
– M.Tech in Building Energy Performance

– M.Des in Interior Architecture

यूं बनें आर्किटेक्ट

10वीं के बाद साइंस स्ट्रीम का चयन करें : यदि आप आर्किटेक्ट बनना चाहते हैं, तो इसके लिए तैयारी आपको अपने स्कूल के दिनों से ही करनी होगी। 10वीं के बाद साइंस स्ट्रीम का चयन कीजिए और 12वीं अच्छे अंकों से उत्तीर्ण कीजिए।

प्रवेश आवश्यकताएं पूरी करें : अपनी 12वीं की शिक्षा पूरी करने और आवश्यक अंक अर्जित करने के बाद, आप वास्तुकला में स्नातक की डिग्री के लिए आवेदन कर सकते हैं। अर्हता प्राप्त करने के लिए, छात्र तीन प्रवेश परीक्षाओं में से एक को पूरा कर सकते हैं…

– संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मुख्य पेपर एक

– संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) मुख्य पेपर दो

– जेईई एडवांस्ड

– आर्किटेक्चर एप्टीट्यूड टेस्ट (एएटी)

– वास्तुकला के लिए राष्ट्रीय योग्यता परीक्षा (एनएटीए)

विश्वविद्यालयों को एक या एकाधिक परीक्षाओं की आवश्यकता हो सकती है। उदाहरण के लिए, कुछ कार्यक्रमों के लिए छात्रों को जेईई मेन और एएटी दोनों को पूरा करना आवश्यक होता है। छात्र आम तौर पर साल में दो बार ये परीक्षा दे सकते हैं। यह देखने के लिए अपने आदर्श कार्यक्रम की ऑनलाइन जांच करने पर विचार करें कि आपकी योग्यताएं पूरी करने के लिए उन्हें कौन सी परीक्षाओं की आवश्यकता है।

बैचलर्स डिग्री अर्जित करें : प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आप आर्किटेक्चर में बैचलर्स डिग्री की पढ़ाई करें। आर्किटेक्चर में सबसे लोकप्रिय बैचलर्स कोर्स बैचलर ऑफ आर्किटेक्च है। यह एक पांच साल की अवधि का डिग्री प्रोग्राम है। आर्किटेक्चर में बैचलर्स डिग्री का उद्देश्य स्टूडेंट्स को सभी स्किल्स के साथ-साथ कंस्ट्रक्शन एरिया में एक आर्किटेक्ट के रूप में काम करने के लिए बेसिक नॉलेज उपलब्ध कराना है। इस दौरान आप गणित, डिजाइन सिद्धांत और इंजीनियरिंग के पाठ्यक्रमों का अध्ययन कर सकते हैं।

इंटर्नशिप प्रोग्राम में हिस्सा लें : आपके स्नातक डिग्री कार्यक्रम के अंत में, छात्र आमतौर पर एक आर्किटेक्चर इंटर्नशिप पूरा करते हैं। एक आर्किटेक्ट के रूप में, लाइसेंस के लिए योग्य होने के लिए इंटर्नशिप प्रोग्राम में भाग लेना जरूरी है। एक आर्किटेक्ट के रूप में काम करने के लिए आपको कंस्ट्रक्शन से जुड़ी सभी शब्दावली के बारे में पता होना चाहिए। आप अनुभव के लिए एक प्रोफेशनल आर्किटेक्ट के नीचे काम कर सकते हैं। यह स्टेप आपके करियर के लिए काफी अच्छा साबित हो सकता है।

लाइसेंस प्राप्त करें : एक प्रोफेशनल आर्किटेक्ट के रूप में काम करने के लिए सर्टिफाइड होना या लाइसेंस प्राप्त करना एक महत्त्वपूर्ण कदम है। हालांकि कुछ देशों में आप आर्किटेक्चर में बैचलर्स डिग्री पूरी करने के बाद बिना लाइसेंस के भी आर्किटेक्ट के रूप में काम कर सकते हैं। लाइसेंस प्राप्त करना आपके करियर के लिए काफी अच्छा है, क्योंकि यह आपको ग्लोबल स्केल पर अधिक नौकरी के अवसरों के लिए योग्य बनाता है। भारत में, एक आर्किटेक्ट को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से सर्टिफिकेट प्राप्त करने के अलावा सभी आवश्यक दस्तावेजों के साथ आर्किटेक्चर कॉउंसिल (सीओए) के साथ रजिस्ट्रेशन करने की आवश्यकता होती है। आर्किटेक्ट को लाइसेंस प्रदान करने के लिए विदेशों में सभी देशों के अपने-अपने विभाग हैं। उदाहरण के लिए, अमरीका में, आपको प्रोफेशनल लाइसेंस हासिल करने के लिए नेशनल कॉउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर रजिस्ट्रेशन बोर्ड (एनसीएआरबी) द्वारा आयोजित आर्किटेक्ट रजिस्ट्रेशन एग्जामिनेशन (एआरई) पास करनी होगी।

आर्किटेक्ट की पोस्ट के लिए आवेदन करें : एक बार पंजीकृत होने के बाद, आप एक पेशेवर वास्तुकार के रूप में काम करना शुरू कर सकते हैं। एक बायोडाटा बनाने पर विचार करें जो आपके प्रासंगिक कौशल, प्रशिक्षण और शिक्षा को दर्शाता हो। आप अपना इंटर्नशिप अनुभव भी सूचीबद्ध कर सकते हैं। इससे संभावित नियोक्ता को यह दिखाने में मदद मिल सकती है कि आप आर्किटेक्चर पद के लिए योग्य हैं।

मास्टर्स डिग्री पर विचार करें : कुछ आर्किटेक्ट, आर्किटेक्चर से संबंधित क्षेत्र में मास्टर्स डिग्री प्राप्त करके अपने करियर को आगे बढ़ाने का विकल्प चुनते हैं। कई मास्टर ऑफ आर्किटेक्चर प्रोग्राम उपलब्ध हैं, जो एनएएबी द्वारा मान्यता प्राप्त हैं। यह आपके करियर के लिए काफी अच्छा साबित हो सकता है।

आर्किटेक्ट के प्रकार

योजना वास्तुकार : इस प्रकार का आर्किटेक्ट आमतौर पर ग्राहकों को स्थानीय नियमों पर सलाह देने में मदद करता है। वे यह सुनिश्चित करने के लिए काम करते हैं कि कोई परियोजना स्थानीय और राष्ट्रीय आवश्यकताओं और नियमों का पालन करे। उनके कत्र्तव्यों में स्थानीय दिशानिर्देशों की समीक्षा करना और इन नियमों को पूरा करने वाले डिजाइन बनाना शामिल है। उदाहरण के लिए, एक नियोजन वास्तुकार किसी साइट के कानूनी प्रतिबंधों की रूपरेखा तैयार कर सकता है या अनुमोदन के लिए स्थानीय या क्षेत्रीय प्राधिकरण को एक परियोजना प्रस्तुत कर सकता है।

साइट वास्तुकार : एक साइट आर्किटेक्ट किसी निर्माण स्थल पर शुरू से अंत तक सभी गतिविधियों की देखरेख के लिए जिम्मेदार होता है। एक साइट वास्तुकार निर्माण श्रमिकों को निर्देश दे सकता है और निर्माण अनुबंध का प्रबंधन कर सकता है। वे यह भी सुनिश्चित कर सकते हैं कि निर्माण टीम पूरी निर्माण प्रक्रिया के दौरान गुणवत्ता और सुरक्षा बनाए रखे।

डिजाइन वास्तुकार : इस प्रकार का आर्किटेक्ट किसी इमारत के समग्र डिजाइन और संरचना पर काम करता है। एक डिजाइन आर्किटेक्ट किसी संरचना की प्रारंभिक रूपरेखा तैयार कर सकता है, ब्लूप्रिंट तैयार कर सकता है और ग्राहक की प्राथमिकताओं के अनुरूप भवन डिज़ाइन को समायोजित कर सकता है। यह पेशेवर संरचना के निर्माण के लिए उपयोग की जाने वाली सामग्रियों के चयन में भी भूमिका निभा सकता है और निर्माण प्रक्रिया के दौरान निर्माण और डिजाइन टीम की देखरेख कर सकता है।

आंतरिक वास्तुकार : एक इंटीरियर आर्किटेक्ट एक इमारत के भीतर के इंटीरियर डिजाइन पर ध्यान केंद्रित करता है। वे फर्नीचर के बजाय किसी प्रोजेक्ट के स्थानिक तत्त्वों, जैसे संरचना और आकार पर ध्यान केंद्रित करते हैं। वे कार्यात्मक और सौंदर्य की दृष्टि से मनभावन आंतरिक सज्जा बनाने का काम करते हैं।

लैंडस्केप आर्किटेक्ट : लैंडस्केप आर्किटेक्ट सार्वजनिक पार्क, उद्यान और खेल के मैदान जैसे बाहरी स्थानों को डिजाइन करते हैं। वे विश्वविद्यालय परिसरों या बड़े आवासीय क्षेत्रों को भी डिजाइन कर सकते हैं। वे पेड़ों, फूलों, पैदल मार्गों और इमारतों के स्थान और डिजाइन की योजना बना सकते हैं।

नौसैनिक वास्तुकार : नौसेना के आर्किटेक्ट नावों और पनडुब्बियों को डिजाइन करते हैं। वे समुद्री संरचनाओं को भी डिजाइन कर सकते हैं, जैसे पानी के नीचे तेल रिग। वे कार्यात्मक और सुरक्षित डिजाइन बनाने के लिए समुद्री पैटर्न के वैज्ञानिक ज्ञान का उपयोग करते हैं।

बीएसएफ में 82 पदों पर निकली भर्ती

बॉर्डर सिक्योरिटी फोस (बीएसएफ) ने विभिन्न ग्रुप बी और सी पदों पर भर्ती के लिए योग्य उम्मीदवारों से ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं। कुल 82 वैकेंसी निकली हैं। बीएसएफ एयर विंग व बीएसफ इंजीनियरिंग सेटअप में सब इंस्पेक्टर, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर, हैड कांस्टेबल और कांस्टेबल के पदों पर भर्ती होगी। आवेदन की अंतिम तिथि 15 अप्रैल है। rectt.bsf.gov.in पर जाकर अप्लाई कर सकते हैं।

रिक्तियों का ब्यौरा : बीएसएफ एयर विंग/असिस्टेंट एयरक्राफ्ट मैकेनिक – असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर – 08
असिस्टेंट रेडियो मैकेनिक – असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर – 08
कांस्टेबल – 03
बीएसएफ इंजीनियरिंग सेटअप/सब इंस्पेक्टर – 22
हैड कांस्टेबल – 02
कांस्टेबल – 36

आयु सीमाअसिस्टें

ट एयरक्राफ्ट मैकेनिक : 28 वर्ष, सहायक रेडियो मैकेनिक : 28 वर्ष, कांस्टेबल : 20-25 वर्ष, सब इंस्पेक्टर :30 वर्ष, हैड कांस्टेबल : 18-25 वर्ष, कांस्टेबल : 18-25 वर्ष।

योग्यता और अनुभव

बीएसएफ इंजीनियर सेटअप

– सब-इंस्पेक्टर वर्कर्स – 13 वैकेंसी सिविल इंजीनियरिंग में तीन वर्षीय डिप्लोमा
– जूनियर इंजीनियर / सब इंस्पेक्टर इलेक्ट्रिकल – 9 वैकेंसी – इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में तीन वर्षीय डिप्लोमा
– हैड कांस्टेबल प्लंबर – 1 वैकेंसी – 10वीं पास व आईटीआई एवं तीन साल का अनुभव
– हैड कांस्टेबल कारपेंटर -1 वैकेंसी- 10वीं पास व आईटीआई एवं तीन साल का अनुभव
– कांस्टेबल जनरेटर ऑपरेटर – 13 वैकेंसी – 10वीं पास व आईटीआई (इलेक्ट्रिशियन , वायरमैन या डीजल / मोटर मैकेनिक) एवं तीन वर्षीय अनुभव
– कांस्टेबल जनरेटर मैकेनिक – 14 वैकेंसी – 10वीं पास व आईटीआई डीजल / मोटर मैकेनिक एवं तीन वर्षीय अनुभव
– कांस्टेबल लाइनमैन – 9 वैकेंसी – 10वीं पास व आईटीआई इलेक्ट्रिकल वायरमैन या लाइनमैन एवं तीन वर्षीय अनुभव

बीएसएफ एयर विंग

– असिस्टेंट एयरक्राफ्ट मैकेनिक एएसआई – 8 वैकेंसी

सबंधित ट्रेड में डिप्लोमा

– असिस्टेंट रेडियो मैकेनिक एएसआई – 11 वैकेंसी सबंधित ट्रेड में डिप्लोमा।

– कांस्टेबल स्टोरमैन – 3 वैकेंसी – 10वीं पास

ईडी में नौकरी

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सरकारी नौकरियों के इच्छुक लोगों के लिए एक महत्त्वपूर्ण अवसर प्रदान करते हुए डिप्टी डायरेक्टर और ड्राइवर के पदों पर आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इच्छुक उम्मीदवार वेबसाइट Enforcementdirectorate.gov.in के माध्यम से पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इन पदों के लिए आवेदन विंडो 16 अप्रैल तक खुली रहेगी।

शैक्षणिक योग्यता : उम्मीदवारों ने किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से सीए,आईसीडब्ल्यूए, डिप्लोमा, ग्रेजुएशन, पीजीडीएम, एमबीए, एमएसडब्ल्यू, पीजी डिप्लोमा, पीजी की डिग्री ली हो।

उम्र सीमा : डिप्टी डायरेक्टर और ड्राइवर के पदों पर आवेदन करने के लिए उम्मीदवार की अधिकतम आयु नोटिफिकेशन के अनुसार, 56 वर्ष निर्धारित की गई है।

सैलरी : चयनित उम्मीदवारों को उनके नियुक्त पदों के आधार पर अलग-अलग सैलरी मिलेगी, जो 19,900 रुपए से 2,08,700 रुपए होगी। ये है सैलरी हर महीने दी जाएगी।

ऐसे होगा चयन : उम्मीदवारों का चयन, जिसमें लिखित परीक्षा और उसके बाद इंटरव्यू के आधार पर किया जाएगा। शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों की नियुक्ति दिल्ली में होगी। ये है पता- एपीजे अब्दुल कलाम रोड, नई दिल्ली, 110011 दिल्ली

ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी में 100 पद खाली

ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (ओआईसीएल) ने प्रशासिनिक ऑफिसर के पदों पर भर्ती के लिए योग्य व इच्छुक अभ्यर्थियों आवेदन आमंत्रित किए हैं। ओआईसीएल की इस वैकेंसी में बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट orientalinsurance.org.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ओआईसीएल की इस भर्ती के लिए 12 अप्रैल 2024 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आईसीएल के इस भर्ती अभियान में कुल 100 पदों पर योग्य अभ्यर्थियों का चयन किया जाना है।

रिक्तियों का ब्यौरा: अकाउंटेंट्स -20 पद, एक्चुआरियल -5 पद, इंजीनियरिंग – 15 पद, मेडिकल ऑफिसर – 20 पद, लीगल – 20 पद

चयन प्रक्रिया : ओआईसीएल एओ भर्ती की चयन प्रक्रिया में प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार शामिल है। प्रारंभिक परीक्षा में बहुविकल्पीय प्रश्नों वाला पेपर होगा, जिसके लिए 100 अंक निर्धारित हैं। वहीं मुख्य परीक्षा 200 अंकों की होगी, जिसमें 30 अंक के व्याख्यात्मक प्रश्न होंगे। जिन अभ्यर्थियों का चयन फेज-2 की परीक्षा में होगा उन्हें कंपनी द्वारा आयोजित किए जाने वाले साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा। अभ्यर्थियों का फाइनल चयन मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के आधार पर बनने वाली मेरिट लिस्ट से होगा। ओआईसीएल की इस भर्ती में आवेदन के लिए अभ्यर्थियों को 1000 रुपए और जीएसटी जमा कराना होगा। एससी, एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों को 250 रुपए और जीएसटी देना होगा। आवेदन शुल्क ऑनलाइन माध्यम से जमा कराया जा सकता है।

इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक में 15 अप्रैल तक मौका

इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक (आईपीपीबी) ने एग्जीक्यूटिव पदों पर भर्ती के लिए योग्य और इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन आमंत्रित किए हैं। आईपीपीबी की इस भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इच्छुक अभ्यर्थी अंतिम तिथि 15 अप्रैल तक आवेदन कर सकते हैं। इच्छुक अभ्यर्थी आधिकारिक वेबसाइट www.ippbonline.com पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

वैकेंसी डिटेल : आईपीपीबी के इस भर्ती अभियान में कुल 47 पदों पर योग्य अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जाएगी। इनमें 21 रिक्तियां अनारक्षित वर्ग के लिए, 4 रिक्तियां ईडब्ल्यूएस वर्ग के लिए, 12 रिक्तियां ओबीसी वर्ग के लिए और 7 एससी व 3 एसटी वर्ग के लिए हैं।

आयु : आईपीपीबी की इस भर्ती में अभ्यर्थियों की आयु 21 वर्ष से 35 वर्ष के बीच होनी चाहिए।

आवेदन शुल्क : इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक वैकेंसी में आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों को 700 रुपए जमा कराने होंगे। हालांकि एससी, एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों को 150 रुपए जमा कराने होंगे।

चयन प्रक्रिया : इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की इस वैकेंसी में पात्र अभ्यर्थियों का चयन ग्रेजुएशन के माक्र्स, ग्रुप डिस्कशन या साक्षात्कार के जरिए किया जाएगा।

बीईएल में 517 वैकेंसी

भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) की तरफ से ट्रेनी इंजीनियरों की 517 भर्तियां की जा रही हैं। ऐसे में जो अभ्यर्थी इन पदों पर भर्ती के लिए आवेदन करना चाहते हैं, वे ऑफिशियल वेबसाइट https://bel-india.in पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। इच्छुक और योग्य अभ्यर्थी 13 अप्रैल तक आधिकारिक वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

योग्यता : भर्ती के लिए इंजीनियरिंग में बीई/बीटेक/एमई/एमटेक (इलेक्ट्रॉनिक्स, / इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार / इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार / दूरसंचार / संचार / मैकेनिकल / इलेक्ट्रिकल / इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स / कम्प्यूटर विज्ञान / कम्प्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग / सूचना विज्ञान / सूचान प्रौद्योगिकी) वाले अभ्यर्थी आवेदन कर सकते हैं।
आयु सीमा : बीई/बीटेक के लिए आयु सीमा 28 वर्ष है, जबकि एमई/एमटेक के लिए आयु सीमा 30 वर्ष है।

ऐसे कर सकेंगे अप्लाई : अभ्यर्थियों को वेबसाइट पर दिए गए लिंक में ऑनलाइन प्रारूप के माध्यम से आवश्यक फील्ड भरना होगा। इसके बाद सबमिट पर क्लिक करके आवेदन पत्र जमा करना होगा। सबमिट पर क्लिक करने के बाद, भरा हुआ आवेदन पत्र रजिस्टर्ड मेल आईडी पर भेज दिया जाएगा। इसके बाद पासपोर्ट साइज की फोटो सहित अन्य डिटेल्स लगाकर दिए गए पते पर भेजना होगा।

भर्ती डिटेज

सेंट्रल – 68
पूर्व – 86
पश्चिम-139
उत्तर – 78
उत्तर पूर्व – 15
दक्षिण – 131

सैलरी

पहले वर्ष के लिए 30,000/- प्रति माह दिया जाएगा, जबकि दूसरे वर्ष से 35,000/- प्रति माह रुपए की सैलरी दी जाएगी। वहीं, तीसरे वर्ष से 40,000/- प्रति माह की सैलरी दी जाएगी।


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