सेशन 24-25 के लिए CBSE एग्जाम पैटर्न में बदलाव

By: Apr 9th, 2024 7:58 pm

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने 2024-25 सेशन के लिए कक्षा 11वीं और 12वीं के लिए एग्जाम के पैटर्न में बदलाव किया है। बोर्ड ने घोषणा की है कि अब 11वीं-12वीं की परीक्षा में एप्टीट्यूड बेस्ड सवाल पूछे जाएंगे। इसका मतलब है कि छात्रों को एग्जाम में सिचुएशन क्वेश्चंस के जवाब देने होंगे। नए बदलावों के अनुसार, एग्जाम में शॉर्ट और लॉन्ग आंसर क्वेशचंस कम किए जाएंगे क्योंकि इनमें छात्रों को रटकर जवाब देना होता है। इनकी जगह सिचुएशनल सवाल पूछे जाएंगे जिससे बच्चे की डिसीजन मेकिंग स्किल परखी जा सके।

सिलेबस बेस्ड एमसीक्यू 40 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत किए जाएंगे। शॉर्ट आंसर क्वेश्चंस की संख्या भी 40 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत की जाएगी। पेपर में 50 प्रतिशत सवाल प्रैक्टिकल नालेज को टेस्ट करने पर फोकस होंगे। शिक्षा निदेशक जोसेफ इमैनुएल ने कहा है कि ये बदलाव एनईपी 2020 के उद्देश्यों को ध्यान में रखकर किए जा रहे हैं। स्किल बेस्ड एजुकेशन लागू करना सीबीएसई का एक बड़ा कदम है। 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए छात्रों में एनालिटिकल, क्रिटिकल और डिसीजन मेकिंग स्किल विकसित करना जरूरी है। ये बदलाव, नई शिक्षा नीति 2020 के तहत किए गए हैं। इनका उद्देश्य, स्कूली ज्ञान को रोजमर्रा के जीवन में उपयोग करना सिखाना है। बोर्ड का कहना है कि इससे छात्रों की सोचने की क्षमता विकसित करने पर फोकस किया जाएगा। अकादमिक ईयर 2025-26 से 10वीं, 12वीं के स्टूडेंट्स को साल में दो बार बोर्ड एग्जाम में शामिल होने का ऑप्शन मिलेगा। इसके अलावा, स्टूडेंट्स को बेस्ट स्कोर को रिटेन करने का विकल्प भी मिलेगा।

इसकी घोषणा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 19 फरवरी को की है। साथ ही साथ अगस्त 2023 में लाए गए नए करीकुलम फ्रेमवर्क के अनुसार, स्टूडेंट्स को अच्छा परफॉर्म करने के लिए पर्याप्त समय और अवसर सुनिश्चित किया जाएगा। CBSE ने स्टैंडर्ड स्कूल करिकुलम में फॉर्मल क्रेडिट सिस्टम का प्रोपोजल दिया है। फॉर्मल क्रेडिट सिस्टम के अनुसार, अब स्टूडेंट्स के पढ़ाई के घंटों को क्रेडिट में बदला जाएगा। अभी एक एकेडमिक ईयर में 1200 नेशनल लर्निंग आवर्स (पढऩे के घंटे) होते हैं। स्टूडेंट्स की अटैंड की हुई क्लासेज के अनुसार मिले क्रेडिट एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में जुड़ जाएंगे। क्लास 11वीं और 12वीं के लिए पांच सब्जेक्ट (1 लैंग्वेज और 4 ऑप्शनल सब्जेक्ट) के बजाय स्टूडेंट्स को 2 लैंग्वेज और 5 ऑप्शनल सब्जेक्ट को पढऩा होगा। दोनों लैंग्वेज में से एक नेटिव लैंग्वेज होनी जरूरी होगी। बता दें कि बोर्ड की तरफ से 21 जुलाई 2023 को एक नोटिस जारी किया गया था, जिसमें ष्टक्चस्श्व ने इंग्लिश मीडियम के साथ ही स्कूलों में क्लास 12वीं तक सब्जेक्ट के ऑप्शन में नेटिव लैंग्वेज को पढ़ाए जाने की शुरुआत की थी। बता दें कि अब सिर्फ एग्जाम में मिले ग्रेड और माक्र्स के आधार पर रिपोर्ट कार्ड नहीं बनेंगे बल्कि बच्चों के टीचर्स, साथ पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स और पेरेंट्स का फीडबैक भी रिपोर्ट कार्ड में शामिल किया जाएगा। इसे हॉलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड का नाम दिया गया है।

दसवीं के स्टूडेंट्स को दस पेपर देने होंगे

क्लास 10वीं के स्टूडेंट्स को अब पांच की बजाय दस सब्जेक्ट में पास होना जरूरी होगा। अभी तक 10वीं के स्टूडेंट्स को पांच सब्जेक्ट को पढऩा जरूरी होता है। इसी तरह क्लास 12वीं के लिए दिए गए प्रपोजल में स्टूडेंट्स को एक की बजाय दो लैंग्वेज को पढऩा होगा। इसमें कम से कम एक नेटिव इंडियन लैंग्वेज शामिल होनी चाहिए। इसका मतलब ये है कि बैचलर करने से पहले पांच के बजाय छह सब्जेक्ट्स में एग्जाम पास करना जरूरी होगा।

10वीं-12वीं में सब्जेक्ट्स भी घटेंगे

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी के लिए एजुकेशन स्ट्रक्चर में बदलाव करने का प्रस्ताव दिया है। इसके तहत क्लास 10वीं में अब दो लैंग्वेज की जगह तीन लैंग्वेज पढ़ाई जाएंगी। इनमें कम से कम दो नेटिव लैंग्वेज (जैसे हिंदी, मराठी) शामिल होंगी। बोर्ड ने यह प्रस्ताव HRD मिनिस्टरी को भेजा है। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद ही इसे लागू किया जा सकेगा।

सभी सब्जेक्ट में पास होना जरूरी

स्टूडेंट्स को अगली क्लास में पहुंचने के लिए सभी 10 सब्जेक्ट में पास होना जरूरी होगा। इस प्रोपोजल में तीन भाषाओं, गणित और कम्प्यूटेशनल थिंकिंग, सोशल साइंस, साइंस और एनवायर्नमेंट एजुकेशन की परीक्षा की कॉपियां दूसरे सेंटर पर चैक होंगी। आर्ट एजुकेशन, फिजिकल एजुकेशन और बिजनेस एजुकेशन में इंटर्नल और एक्सटर्नल दोनों ही एग्जाम लिए जाएंगे।


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