गृह मंत्री अमित शाह ने मल्लिकार्जुन खडग़े के उस बयान की आलोचना की, जिसमें उन्होंने ‘आर्टिकल 371’ का उल्लेख किया था। दरअसल, खडग़े ने राजस्थान के चुरू मेेंं एक रैली में कहा था कि वह यहां आकर कह रहे हैं कि मैंने 371 को निकाल दिया। अरे भई यहां के लोगों का वास्ता क्या है? ठीक है आप जाकर कश्मीर में बोले, जम्मू में बोले, लेकिन यहां...। खडग़े के इसी बयान को लेकर अमित शाह ने उन पर ह

आप संयोजक अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के विरोध में रविवार को खटकडक़लां में मुख्यमंत्री भगवंत मान, कैबिनेट मंत्रियों, विधायकों, पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों ने एक दिन का सामूहिक उपवास व्रत रखा। उन्होंने कहा कि शहीद-ए-आजम शहीद भगत सिंह जी के गांव खटकडक़लां में हम लोग तानाशाही के खिलाफ इक_े हुए हैं। देश के शहीदों इस इस बात का डर था कि आजादी के बाद देश कौन से हाथों में जाएगा। आज उनकी चिंता और डर सही साबित हो गया। अंग्रेज

सदियों से हमारे देश में परंपरा रही है कि प्रत्येक हिंदू परिवार में पहली रोटी गोमाता के नाम की बनती है और उसके बाद परिवार के लिए। परंतु पिछले कुछ समय से शहरी क्षेत्रों में घनी आबादी के बीच गउओंं का मिलना ही कठिन हो रहा था। इस वजह से या तो अनेक घरों में गाय के लिए रोटी बनाना बंद हो गया था या बनती भी थी, तो वह कई दिनों तक रसोई में पड़ी सूख जाती थी। गोसेवा टीम खरड़ एवं श्रीराधे रानी सोसायटी के सहयोग से सिटी हार्ट एवं सांची होम्स खरड़ ने उक्त समस्या का बहुत ही सरल और बेजोड़ हल निकाला है। इस गोसेवा ने गोग्रास रथ बनवाया हैं। अब प्रतिदिन ये रथ प्रात: ही गोशाला से शहर के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में घर-घर जा कर घरों से गोग्रास लेकर आएगा।

हिमाचल प्रदेश के सबसे प्राचीन व समृद्ध गद्दी समुदाय की छह उप-जातियों के समूह हिमालयन गद्दी यूनियन ने अपनी वर्षों पुरानी मांग को अब तक पूरा न होने पर रविवार को धर्मशाला की तपोवभूमि में द्वितीय महासम्मेलन से बड़ी हुंकार भरी है। धर्मशाला सिद्धबाड़ी के जोराबर सिंह मैदान में यूनियन के पदाधिकारियों ने एक मंच में आवाज बुंलद करते हुए कहा कि 75 वर्षों से उन्हें उपेक्षा का शिकार बनाया जा रहा है। गद्दी समुदाय की छह उप-जातियों में सिप्पी, धोगरी, रिहाड़े, वाड़ी, हाली व लौहार को गद्दी शब्द से वंचित रखा जा रहा है, जो कि मात्र राजस्व भू-अभिलेख त्रुटि है। उन्होंने कहा कि मात्र राजनीतिक लाभ के लिए बड़ी जनसं

जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव की तारीखें निकट आती जा रही हैं, वैसे-वैसे सभी राजनीतिक गठबंधनों के बीच का अंदरूनी कलह बंद कमरे से बाहर निकल कर सडक़ों पर आता जा रहा है। महाराष्ट्र में 2019 के मुकाबले एकदम नई तरह की परिस्थितियां सामने आ गई

लाहौर - पाक क्रिकेट बोर्ड ने इस महीने के अंत में न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू ट्वेंटी-20 सीरीज के लिए चयन समिति के सदस्यों मोहम्मद यूसुफ और अब्दुल रज्जाक को क्रमश: अंतरिम मुख्य कोच और सहायक कोच नियुक्त करने का फैसला किया है। यह फैसला तब किया गया, जब लंबी अवधि की भूमिका के लिए विदेशी कोच गैरी कस्र्टन और जेसन गिलेस्पी के साथ बातचीत जारी है।

शक्तिपीठों में तैयारियां पूरी, श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन ने किए विशेष इंतजाम स्टाफ रिपोर्टर-शिमला चैत्र नवरात्र मेले के दौरान प्रदेश के पांच शक्तिपीठों में माता की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। इसके अलावा मां को विशेष व्यंजनों के भोग लगाए जाएंगे। नवरात्र के दौरान माता श्रीबज्रेश्वरी देवी, श्रीनयनादेवी, श्रीचामुंडा देवी, श्रीज्वालामुखी तथा श्री चिंतपूर्णी

आखिरकार मुंबई इंडियंस ने आईपीएल के 17वें सीजन में अपनी जीत का खाता खोल ही लिया। लगातार तीन हार के बाद अपने घरेलू मैदान पर पहले बल्लेबाजी करते हुए 234 रन बनाए और फिर दिल्ली कैपिटल्स को 205 रन पर रोकते हुए 29 रन से मैदान मार लिया। मुंबई के लिए इस जीत के हीरो रोमारियो शेफर्ड रहे, जिन्होंने सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 10 गेंद पर नाबाद 39 रन बनाए। शेफर्ड की इस धमाकेदार पारी ने ही जीत-हार में बड़ा फर्क पैदा किया। दिल्ली के लिए ट्रिस्टन स्टब्स ने 25 गेंद में 80 रन की नाबाद पारी खेली, लेकिन वो जीत के लिए काफी साबित नहीं हुई।

सवाल उपचुनावों में फिर हिमाचल के कद और सामथ्र्य से कहीं बड़े हो जाएंगे। हर चुनाव की अमानत में जनता के सरोकार खोटे हो जाते हैं या चलते हुए नेता खोटे सिक्के हो जाते हैं। भाजपा हो या कांग्रेस चुनावों की फेहरिस्त ने नेताओं के बोल छोटे कर दिए। भाव-भंगिमाओं के चुनाव में हिमाचल अब रहता ही कहां है। हम एक चुनावी कबीला कब बन जाते हैं, पता ही नहीं चलता, ले

पहली बार बुद्धिजीवी ने एक ऐसा परिंदा देखा जो वाकई पर नहीं मार रहा था। बुद्धिजीवी यह देख सोच में पड़ गया कि यह अपने पंख होते हुए भी आख्रिर उड़ क्यों नहीं पा रहा है, ‘यह जरूर किसी से टकराया होगा। कहां टकराया होगा। अदालत के दरवाजे या संसद के गुंबद से।’ देखने में परिंदा तंदरुस्त था। तरह-तरह की बोली बोल रहा था। हरकतें कर रहा था, लेकिन अपने पर नहीं खोल पा रहा था। पहली बार बुद्धिजीवी ने इनसान जैसी असमंजस किसी पक्षी में देखी। देश की असमंजस पक्षी पर इस