परेशानी…एक दशक से ट्रॉमा सेंटर को नहीं मिले एक्सट्रा डाक्टर

By: Apr 18th, 2024 12:17 am

क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में तीन जिलों के मरीज आते हैं उपचार करवाने, तीन शिफ्टों में एक-एक डाक्टर पर रहती है पूरे सेंटर की जिम्मेदारी

कार्यालय संवाददाता-कुल्लू
पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह ने वर्ष 2014 में प्रदेश के चार जिलों के लोगों को बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधा मुहैया करवाने के लिए क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू को ट्रामा सेंटर दिया था। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने इसका उद्घाटन किया था। इसके बाद भाजपा सरकार आई। अब फिर कांग्रेस सरकार सूबे में आई है, लेकिन अभी तक सूबे में आने-जाने वाली सरकारें ट्रामा सेंटर में अतिरिक्त डाक्टर का इंतजाम नहीं कर पाईं। यहां पर ट्रामा सेंटर के उद्घाटन से लेकर अब तक तीन शिफ्टों में मात्र एक-एक डाक्टर की तैनात रहते हैं, जबकि मरीजों की बढ़ती तादाद को देखकर क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू के ट्रामा सेंटर में एक समय में दो डाक्टरों की जरूरत है।

एक डाक्टर पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। ट्रामा सेंटर में उपचाराधीन मरीज, आपातकालीन ओपीडी में आने वाले मरीज और एक्सिडेंट या अन्य हादसों से घायल मरीजों को भी देखना पड़ रहा है। ऐसे में आपातकालीन ओपीडी के बाहर कई बार मरीजों की कतारें लग रही है। अवकाश वाले दिन ट्रामा सेंटर में मरीजों की भीड़ रहती है। क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू के ट्रामा सेंटर में एक दिन डाक्टरों की मार्निंग, इवनिंग और नाइट तीन शिफ्टें लगती हैं। लेकिन हर शिफ्ट में एक-एक ही डाक्टर की तैनाती होती है। क्योंकि सरकार ने ट्रामा सेंटर के लिए अभी तक अतिरक्ति डाक्टर की तैनाती नहीं की है। यह बड़ी विडंबना है।

एक समय में दो डाक्टर्स का होना बेहद जरूरी
क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू के ट्रामा सेंटर में जिला कुल्लू के अतिरिक्त तीन अन्य जिलों लाहुल-स्पीति, मंडी और चंबा के पांगी क्षेत्र के लोगों के साथ-साथ बाहर से आने वाले पर्यटकों को भी लाभ मिलता है। ऐसे में ट्रामा सेंटर में एक समय में दो डाक्टरों का होना जरूरी है। यह मांग जनता कर रही है।

सेंटर के उद्घाटन के बाद भेजा सरकार को पत्र
जैसे ही क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में ट्रामा सेंटर का शुभारंभ हुआ था, तो उसके बाद से ही लगातार क्षेत्रीय अस्पताल प्रबंधन द्वारा सरकार को ट्रामा सेंटर के लिए अतिरिक्त डाक्टर भेजने के लिए पत्र भेजा जाता आ रहा है, लेकिन सूबे में आने-जाने वाली सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। सेंटर में अवकाश वाले दिन क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू के ट्रामा सेंटर में ओपीडी 150 के पार भी पहुंच जाती है। ऐसे में एक डाक्टर पर बोझ पड़ता है। यदि एक्सिडेंट केस आए तो उस दौरान तो एक डाक्टर को कभी इधर-उधर मरीजों के उपचार के लिए दौडऩा पड़ता है। कुल्लू, लाहुल-स्पीति, मंडी के द्रंग, सराज विधानसभा क्षेत्र की जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के मकसद से ट्रामा सेंटर तो खोला गया, लेकिन यहां पर आज तक अतिरिक्त डाक्टरों का इंतजाम नहीं हुआ है।


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