केंद्र-राज्यों के बीच न हो प्रतिस्पर्धा, सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता

By: Apr 9th, 2024 12:06 am

सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता; दनादन कोर्ट पहुंच रही याचिकाओं पर मांगा जवाब

दिव्य हिमाचल ब्यूरो— नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि केंद्र और राज्य सरकारों के बीच किसी तरह की कोई प्रतिस्पर्धा नहीं होनी चाहिए। सूखा राहत फंड जारी करने के विवाद पर कर्नाटक सरकार की एक याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को यह टिप्पणी की है। इससे पहले कोर्ट ने केंद्र सरकार से कर्नाटक सरकार की याचिका पर जवाब देने को कहा था। कर्नाटक राज्य बनाम भारत संघ और अन्य के मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने कहा कि कई राज्य सरकारें अब शीर्ष अदालत का रुख कर रही हैं। इसलिए इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि संघ और राज्य के बीच कोई प्रतिस्पर्धा न हो। जस्टिस गवई और जस्टिस मेहता की खंडपीठ कर्नाटक सरकार की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें आरोप लगाया गया है कि केंद्र सरकार कर्नाटक में सूखे की स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार को वित्तीय सहायता नहीं दे रही है।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार ने अपनी याचिका में कहा है कि उसे मजबूरी में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है क्योंकि केंद्र सरकार सूखा राहत फंड देने में कथित तौर पर मनमानी कर रही है, जिससे कर्नाटक के लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है। राज्य सरकार ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार ने अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम की रिपोर्ट पर अभी तक कार्रवाई नहीं की है, जबकि रिपोर्ट जमा किए छह महीने से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। कांग्रेस शासित राज्य ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि केंद्र द्वारा राज्य को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) के लाभों को रोकने के कारण राज्य की स्थिति और खराब हो गई है। केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि अनुच्छेद 32 के तहत याचिका दायर करने के बजाय, राज्य सरकार केंद्र के साथ संवाद कर सकती थी। उन्होंने लोकसभा चुनाव से पहले जनहित याचिका के समय पर भी सवाल उठाया।


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