चंडीगढ़ में बिना मंजूरी काटे हरे पेड़, 20 से ज्यादा दरख्तों पर कुल्हाड़ी

By: May 1st, 2024 12:07 am

सिटी ब्यूटीफुल के तीन प्रमुख चौकों पर युक्का किस्म के 20 से ज्यादा दरख्तों पर कुल्हाड़ी, अधिकारियों को नहीं लगी भनक

दिव्य हिमाचल ब्यूरो — चंडीगढ़

सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ के तीन प्रमुख चौक पर लगे 20 से 25 साल पुराने 20 से अधिक हरे युक्का किस्म के पेड़ बिना मंजूरी काट दिए गए। हरे-भरे पेड़ काटने से सेक्टर-26 मंडी, सेक्टर-18, 19 और सेक्टर-17 के बस स्टैंड चौक की सूरत बदल गई है। हैरानी कर देने वाली बात यह है की दो दिन तक भरे ट्रैफिक के बीच इन तीनों चौक पर पेड़ों को कुल्हाड़ी से काटा गया, लेकिन अधिकारियों को भनक तक नहीं लगी। हरे पेड़ों को काटने के बाद अब निगम ने संबंधित कंपनी के खिलाफ डीडीआर दर्ज करा दी है, साथ ही एमओयू रद्द करने का फैसला किया है। शहर के कुछ चौक प्रशासन तो कुछ नगर निगम के अंतर्गत आते हैं। इन सभी चौक के रखरखाव के लिए अलग-अलग निजी कंपनियों और एनजीओ के साथ समझौता किया गया है। यही कंपनियां और एनजीओ चौक के रखरखाव और सौंदर्यीकरण का काम देखते हैं।

इसके बदले में कंपनी चौक पर अपना एक छोटा नेम प्लेट लगाती है। जिन चौक पर युक्का के पेड़ काटे गए हैं, वह सभी एक जानीमानी कंपनी के पास हैं। ये चौक उन्हें कई साल पहले रखरखाव के लिए सौंपे गए थे। प्रूनिंग के नाम कंपनी के कर्मचारियों ने चौक पर लगे युक्का के पेड़ों को काट दिया। यह पेड़ 15 से 20 फीट और कुछ उससे भी ज्यादा बड़े थे। जानकारी के अनुसार, नगर निगम ने चौक से सूखे पत्ते हटाने और साफ. सुथरा रखने के निर्देश दिए थे, लेकिन एजेंसी के कर्मचारियों ने पेड़ ही काट दिए। हालांकि सवाल नगर निगम के हॉर्टिकल्चर विभाग अधिकारियों पर भी उठ रहे हैं। दो दिन तक चलती ट्रैफिक के बीच चौक पर 20 से ज्यादा पेड़ों को कुल्हाड़ी से काट दिया गया, लेकिन उन्हें इसकी भनक तक नहीं लगी। इतनी भारी संख्या में पेड़ काटे गए हैं कि चौक की सूरत बदल गई है। यहां से रोजाना आने-जाने वाले लोग भी हैरान हैं कि हरे-भरे पेड़ आखिर क्यों काटे गए। सभी चौक पर युक्का के ही पेड़ काटे गए हैं। बाकी पेड़ों को हाथ भी नहीं लगाया गया है। इस पर भी सवाल उठ रहे हैं।


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