काव्य संग्रह ‘मेरे शब्द मेरी पहचान’ का विमोचन

By: May 23rd, 2024 12:55 am

कला सृजन पाठशाला के अध्यक्ष शरत शर्मा ने किया विमोचन, कविता पाठ का हुआ आयोजन
नगर संवाददाता-चंबा
सुंदर शिक्षा परमार्थ न्यास के तत्वावधान में कला सृजन पाठशाला ने आयोजन सत्र-50 के दौरान समकालीन कवि ओंकार वर्मा के काव्य संग्रह मेरे शब्द मेरी पहचान का विमोचन किया गया। काव्य संग्रह के विमोचन की रस्म कला सृजन पाठशाला के अध्यक्ष शरत शर्मा ने अदा की। कवि ओंकार वर्मा द्वारा कविता संग्रह मेरे शब्द मेरी पहचान में से चुनिंदा कविताओं का एकल कविता पाठ भी किया गया। इसके बाद एकल पाठ की कविताओं तथा कविता संग्रह की समीक्षा राजकीय महाविद्यालय चंबा के हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष डा. संतोष कुमार, प्रो. द्बशांत रमण रवि एवं कवयित्री रेखा गक्खड रश्मि द्वारा की गई। इसमें कविताओं में आए विविध पहलुओं को श्रोताओं के समक्ष उजागर किया। इससे पहले सरस्वती वंदना व दीप प्रज्जवलित के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर कला सृजन पाठशाला की ओर से कविता पाठ का आयोजन भी किया गया।

इसमें नारायणी ने बेटियां, दिशा ने आओ मिलकर धरती को नम करें, चिराग ने जीवन के लिए पेड जरूरी, विमला देवी ने धरती की पुकार, रेखा गक्खड़ रश्मि ने बचपन, प्रशांत रमण रवि ने बाप, भूपेंद्र जसरोटिया ने कसम हो आपको नेता जी आदि कविताओं का पाठ किया। इस मौके पर कला सृजन पाठशाला के अध्यक्ष शरत् शर्मा ने उपस्थित श्रोताओं को चंबा से सुंदर शकुंतला प्रकाशन द्वारा प्रकाशित समकालीन आलोचक डा. हरि शर्मा द्वारा लिखित पुस्तक हिमाचल के हिंदी साहित्य का पहला इतिहास के दूसरे संस्करण की एक झलक पेश की। कार्यक्रम का मंच संचालन डा. संतोष कुमार द्वारा किया गया। इस दौरान कवि ओंकार वर्मा एवं इनकी धर्म पत्नी मुगेश लता ने शरत शर्मा, भूपेंद्र जसरोटिया, डा.सन्तोष कुमार, प्रशांत रमण रवि, रेखा गक्खड रश्मि को शॉल और टोपी पहना कर सम्मानित किया। ओंकार वर्मा ने सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कला सृजन पाठशाला चंबा में लेखकों तथा युवाओं को सृजन के लिए प्रेरित करते हुए सफल यात्रा की ओर अग्रसर है।


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