डा. राजन तनवर, लेखक सोलन से हैं

मन सदैव सुगमता से प्राप्त होने वाली वस्तुओं को प्राप्त करने के लिए लालायित रहता है, भक्ति का मार्ग कठिन होता है, इसलिए वह इससे दूर भागना चाहता है। माया के प्रभाव में पड़कर यह लुभावने दिखाई देने वाले विष तुल्य सांसारिक विषयों को सुख का साधन मान लेता है और उनकी ओर आकर्षित होता