शिमला — एचपीपीटीयू का प्रतिनिधिमंडल प्रदेशाध्यक्ष चितरंजन कांता की अध्यक्षता में निदेशक उच्चतर शिक्षा बृज लाल बिंटा व अतिरिक्त निदेशक मोहन लाल आजाद से मांगों को लेकर मिला। उनकी मुख्य मांगों में पीजीटी की वरिष्ठता सूची अलग से जारी करने, नियुक्ति-पदोन्नति के समय से ही 5400 गे्रड-पे देना, पीजीटी कैडर को संख्या के आधार पर

कुल्लू – पर्यटन नगरी मनाली में दो व्यक्तियों की हृदय गति रुकने से मौत हो गई है, जिसमें एक हाईप्रोफाइल पर्यटक बताया जा रहा है, जबकि एक मनाली का ही था। पुलिस से मुताबिक रविवार को अचानक बर्फबारी के दौरान एक पर्यटक को होटल में ही अटैक पड़ गया। इस दौरान उसके साथ उसका परिवार

प्रदेश में दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों में 30 फीसदी कार सवार पालमपुर –  प्रदेश में कारों की बढ़ती संख्या के साथ कार दुर्घटनाओं का ग्राफ भी चिंताजनक तौर से बढ़ रहा है। प्रदेश में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों में सबसे अधिक संख्या भी कार सवारों की है। सर्पीली सड़कों पर

शिमला — स्वास्थ्य विभाग ने तीन सीनियर डाक्टरों को डिप्टी डायरेक्टर पदोन्नत किया है। डिपार्टमेंटल प्रोमोशन कमेटी की बैठक के बाद इनको पदोन्नत किया गया है। पदोन्नत होने वाले चिकित्सकों में आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डा. रमेश चंद्र भी शामिल हैं। इनके अलावा  ओएसडी डा. गोपाल बेरी, कुल्लू में एमओएच के पद पर तैनात

( सुरेश कुमार, योल, कांगड़ा  ) इंतजार था कि बर्फबारी हो और बर्फबारी हुई, तो अब इंतजार है कि कब हालात सामान्य हों। प्रदेश के नौ जिले बर्फबारी की वजह से ब्लैकआउट हो गए और अनुमान यह है कि कई जगहों पर विद्युत आपूर्ति बहाल होने में अभी दो दिन का वक्त लग सकता है।

कंडाघाट – स्थानीय बस स्टैंड पर बनी वर्षाशालिका में पड़े नेपाली मूल के व्यक्ति की मौत कंडाघाट अस्पताल में हो गई। मृतक की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस द्वारा सोमवार को शव का पोस्टमार्टम सोलन अस्पताल में करवाया गया है। मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। जानकारी के

( डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर ) सत्ता का ऐसा नशा, झूम रहा है चूर, घर में ही कुरुक्षेत्र है, कितना हुआ गुरूर। काला चश्मा चढ़ाकर, चला रहा तलवार, चाचू, बूढे़ बाप पर, कस कर किए प्रहार। बापू से हैं दूरियां, सगे बने गोपाल, पाला-पोसा क्या हुआ, फेंक दिए शिवपाल। अपने खासमखास पर, नित दिन

( राजकुंवर, मलकेहड़, पालमपुर ) क्या आज हम इतने संवेदनहीन हो चुके हैं कि एक तड़पते हुए इनसान को अस्पताल तक नहीं पहुंचा सकते या किसी मुसीबत में फंसे हुए इनसान की मदद नहीं कर सकते? क्या हमारे पास किसी दूसरे इनसान की मदद करने का समय ही नहीं बचा है? जब ऐसे वाक्य सामने

शिमला – चौथे दिन भी राजधानी समेत प्रदेश के कई इलाकों में बिजली नहीं आ सकी। स्थिति गंभीर बनी हुई है और आम आदमी बुरी तरह से परेशान है। राजधानी शिमला में 33केवी ट्रांसमिशन लाइन की बहाली को बिजली बोर्ड का पूरा अमला जुटा हुआ है, बावजूद इसके कोई सफलता नहीं मिल पा रही है।