भरत झुनझुनवाला

इस स्थिति में कई केंद्रीय बैंकों ने डिजिटल करंसी जारी करने का मन बनाया है। डिजिटल करंसी और क्रिप्टो करंसी में समानता यह है कि दोनों एक नंबर होते हैं जो आपके मोबाइल में रखे जा सकते हैं। लेकिन क्रिप्टो करंसी की तरह डिजिटल करंसी गुमनाम नहीं होती है। रिजर्व बैंक द्वारा इसे उसी तरह

ये 4 कारण बताते हैं कि आने वाले समय में सेवा क्षेत्र में हमारी स्थिति अच्छी हो सकती है। पहला कि मैन्युफैक्चरिंग का वैश्वीकरण पीछे हटेगा, दूसरा सेवा क्षेत्र का हिस्सा उत्तरोत्तर बढ़ रहा है, तीसरा सेवा क्षेत्र में रोजगार तुलना में सुरक्षित हैं और चौथा सेवा क्षेत्र के लिए प्रमुख कच्चा माल शिक्षा है

इस दिशा में सरकार को प्राइमरी स्तर पर ही अंग्रेजी भाषा और कम्प्यूटर शिक्षा को अनिवार्य कर देना चाहिए जिससे कि युवा आने वाले समय में कम्प्यूटर आधारित रोजगार जैसे पुस्तकों का अनुवाद करना अथवा वीडियो मिक्स करना जैसे कार्यों को स्वयं कर सकें और अपनी जीविका अर्जित कर सकें। हमें इस चिंता में नहीं

इसलिए सरकार को चाहिए कि एक महत्त्वाकांक्षी योजना बनाए जिसमें देश के हर जिले में उस स्थान की जलवायु में उत्पादित होने वाली उच्च मूल्य की फसल पर अनुसंधान किया जाए। मुझे बताया गया कि किसी समय अयोध्या से भिंडी का भारी मात्रा में निर्यात किया जाता था। वर्तमान में वहां से लोबिया देश के

सही बात यह है कि यदि हम संरक्षणवाद के साथ अपने घरेलू उद्यमियों के बीच प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहन दें तो आपसी प्रतिस्पर्धा में ये स्वयं कुशल उत्पादन करने लगेंगे। हमने बीते समय में गलती यह की कि संरक्षणवाद के साथ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा नहीं दिया जिसके कारण हमारे उद्यमी अकुशल उत्पादन करने लगे। इसलिए यदि

कुछ माल ऐसे होते हैं जिनका हम उत्पादन नहीं कर पाते हैं। जैसे मान लीजिए कि इंटरनेट के राउटर बनाने की हमारे पास क्षमता नहीं है। ऐसी परिस्थिति में हमें राउटर का आयात करना ही होगा और उस आयात को करने के लिए जितनी विदेशी मुद्रा हमें चाहिए, उतना निर्यात भी करना ही होगा। लेकिन

पशुओं की प्रजातियों पर रिसर्च के लिए सरकार को निवेश करना होगा। शाकाहारी भोजन को प्रोत्साहन देने के लिए मांस के उत्पादन में उपयोग किए गए कच्चे माल पर भारी टैक्स लगाएं तो मांस महंगा होगा, तो लोग शाकाहारी भोजन की ओर बढ़ेंगे। एलपीजी का दाम बढ़ाएं तो किसान के लिए गोबर गैस को बनाना

इस प्रकार सबसिडी के माध्यम से बिजली वाहन को प्रोत्साहन देने का भार आम आदमी पर पड़ता है, जबकि कार्बन टैक्स के माध्यम से वही भार पेट्रोल कार का उपयोग करने वाले पर पड़ता है। मैं समझता हूं कि जो लोग पेट्रोल कार का उपयोग करते हैं, उन्हीं पर यह भार पड़ना चाहिए। उनके द्वारा

वर्तमान में चीन के सामने तीसरा संकट बिजली का है। इसका कारण यह है कि शी जिनपिंग ने प्रदूषण करने वाले थर्मल संयंत्रों द्वारा वायु के प्रदूषण किए जाने पर रोक लगाई है। कोयले से बिजली उत्पादन करने वाले कई संयंत्र बंद हो गए हैं और बिजली का संकट पैदा हो गया है। नशेड़ी को