कुलदीप नैयर

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं कश्मीरियों की यह मांग रही है कि घाटी को संप्रभु इस्लामी गणराज्य में परिवर्तित कर दिया जाए। यह वह चीज है, जो भारत नहीं दे सकता क्योंकि उसकी मान्यता है कि कश्मीर एक विवादित मसला नहीं है। इसे भारतीय संघ का हिस्सा माना जाता है। मैंने वार्ताकार के  रूप

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं हाल ही में मुख्य चुनाव आयुक्त अचल कुमार ज्योति ने केवल हिमाचल के लिए चुनाव तिथियों की घोषणा की तथा कोई यह नहीं जानता कि गुजरात के लिए चुनाव तिथियां कब घोषित की जाएंगी। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी की टिप्पणी ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं यह सच है कि गौरी को प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से कई बार पूर्व चेतावनियां मिलती रहीं और अंत में उन्हें भयावह सच्चाई झेलनी भी पड़ी। हालांकि उनके कदम मौत के आगे भी डगमगाए नहीं। इसमें पत्रकारों के लिए एक सबक छिपा हुआ है। देश के पत्रकारों को आने

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं अगर भाजपा यूपी में विकास करती है, तो भी 2019 का आम चुनाव सांप्रदायिक धु्रवीकरण के जरिए जीतने की कोशिश होगी। यही कारण है कि देश की राजनीति में चर्चित हो चुके योगी की नियुक्ति संभव हुई। उनके नाम पर हिंदू तथा ओबीसी मतों को हासिल किया गया है।

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं रोहिंग्या के पलायन के मामले ने सरकार को शरणार्थियों के मसले पर फिर विचार के लिए विवश किया है तथा एक मानवीय मसले को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। चिंताजनक बात यह है कि यह मसला सांप्रदायिक रंग ले रहा है तथा यह हिंदू बनाम मुसलमान मुद्दा बन

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं मोदी ने पहली बार किसी महिला को देश का रक्षा मंत्री बनाया है। यह अब तक का सबसे बड़ा बदलाव है। यहां तक कि काफी शक्तिशाली इंदिरा गांधी ने भी अपने पास केवल विदेश मंत्रालय रखा था। अब रक्षा तथा विदेश, दोनों मंत्रालय महिलाओं को सौंप देना वास्तव में

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं यह दुख की बात है कि कांग्रेस अप्रासंगिक हो गई है। अन्यथा देश में धर्मनिरपेक्षता कायम रहती। राहुल गांधी को समझना चाहिए कि उन्हें एक बार फिर धरातल पर काम करना है तथा जनता का मिजाज बदलने के प्रयास होने चाहिए। भारत लोकतांत्रिक तथा धर्मनिरपेक्ष स्वरूप के लिए लड़ता

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं भारतीय जनता पार्टी का प्रसार चिंता का विषय है क्योंकि यह मुसलमानों की आकांक्षाओं की उपेक्षा करती है। मोदी सरकार का सबके विकास का नारा भी भोथरा साबित होता जा रहा है। आरएसएस व भाजपा प्रमुख अमित शाह के कारण मोदी की यह प्रतिज्ञा भी पूरी होती नजर नहीं

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं भारत में समस्या यह है कि इस तरह के बाबाओं से कैसे निपटा जाए, जबकि सरकारें उनका समर्थन कर रही होती हैं। ऐसे बाबा लोग भले ही एक बड़ा वोट बैंक बनाते हैं, परंतु वे राज व्यवस्था को ऐसी क्षति पहुंचाते हैं जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती है।