कुलदीप नैयर

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं मैं आशा करता हूं कि सीमा पर नरमी होगी तथा स्थिति शांत हो जाएगी ताकि दोनों देशों के बीच शत्रुता को खत्म किया जा सके। मैं उस बस में था, जिसे अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में लाहौर के लिए चलाया गया था। उस समय दोनों ओर के लोगों

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं इस तरह की घटनाएं जब भी होती हैं, लिंचिंग और लोगों पर हमले सहित, निर्विवाद रूप से मुसलमान व दलित तथाकथित गौ रक्षा के नाम पर हिंसा के शिकार हुए हैं। अपने समाज को बहुलतावादी बनाने की दिशा में हमारे प्रयासों पर यह दुखदायी टीका-टिप्पणी है। महात्मा गांधी अपनी

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं वह एक ऐसी कमजोर विकेट पर खड़े हैं कि अगर वह इस तरह का आश्वासन दे भी देते हैं तो उन्हें तब तक गंभीरता से नहीं लिया जाएगा जब तक सेना प्रमुख उनके रुख का स्पष्ट समर्थन नहीं करते हैं। वर्तमान में इस तरह के कोई संकेत उभरते नहीं

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं यह दुर्भाग्य की बात है कि हमारे देश में पंथनिरपेक्षता को गंभीरता के साथ नहीं लिया जा रहा है। देश में फिर से विभाजन की आवाजें भी सुनाई दे रही हैं। संसद को स्वयं पहल करते हुए चेतावनी देनी चाहिए कि किसी को भी अलगाववाद की छूट नहीं दी

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं नवाज शरीफ को लगा था कि एक निर्वाचित प्रधानमंत्री के रूप में अगर वह सेना की सहायता लेते हैं, तो उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा। किंतु सेना ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि नवाज ने सहायता मांगी थी, किंतु सेना अध्यक्ष ने इसे मंजूर नहीं किया।

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं ऐसा बताया जाता है कि अमरीका ने भारत से कहा है कि वह इरान से तेल का आयात न करे। नई दिल्ली ने स्पष्ट किया है कि वह वाशिंगटन को बता चुकी है कि हमारा इरान से तेल आयात करने को लेकर दीर्घावधि समझौता है, क्योंकि इस देश ने

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गांधी जी का सम्मान करते हैं तथा ‘सबका साथ सबका विकास’ का नारा देते हैं। परंतु उनकी पार्टी का लक्ष्य इसके विपरीत है। मोदी उस वक्त कई लोगों को निराश करते हैं जब वह आरएसएस हाई कमान से विचार-विमर्श करने के लिए नागपुर जाते हैं। विशेषकर

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस ने देर से वह शासन लगाने के लिए अफसोस जताया जिसमें लोगों को वैयक्तिक स्वतंत्रता नहीं थी तथा प्रेस पर भी सेंसरशिप ठोक दी गई थी।  इसके बावजूद कांग्रेस को राष्ट्र से माफी मांगनी अभी बाकी है। 43 वर्ष पूर्व जो कुछ हुआ

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं मुझे यह स्वीकार करना चाहिए कि अमित शाह के बारे में मेरा विचार एक ऐसे व्यक्ति वाला था, जो आग लगाता है और फिर उसमें घी डालता है। लेकिन मेरी यह सोच उस समय पूरी तरह तिरोहित हो गई जब मैंने उनकी सद्भावना, विनम्रता, स्पष्ट विचार प्रक्रिया, अभिज्ञता व