कुलदीप नैयर

कुलदीप नैयर (लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं।) कट्टर भाजपाइयों, जो यह मानते हैं कि देश के बडे़ मूल्यगत बदलाव के कारण वे सत्ता में आए हैं, को अपने निष्कर्ष पर एक बार फिर से विचार करना चाहिए। वास्तविक सच्चाई यह है कि लोगों का कांग्रेस से पूरी तरह मोहभंग हो गया था और वे बड़ी शिद्दत

कुलदीप नैयर लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। हमें ऐसे मामलों की याद फिर से तभी आती है, जब वैसी ही कोई घटना फिर से घटित होती है। इसका निकट भविष्य में कोई स्थायी समाधान नहीं दिखता। मैं असंख्य मामलों में पुलिस की मूक भूमिका का प्रत्यक्षदर्शी रहा हूं। ऐसे प्रकरणों में पुलिस की भूमिका प्रत्यक्षतः बहुत

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं कश्मीर घाटी के अलगाववादियों पर आरोप है कि वहां शिक्षा के बहिष्कार का आंदोलन उन्हीं के नेतृत्व में चल रहा है। इसके परिणामस्वरूप घाटी के बच्चे परीक्षाओं की तैयारी और इन परीक्षाओं में बैठने में खुद को अक्षम महसूस कर रहे हैं, जबकि देश के अन्य हिस्सों में यह

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं सैनिकों की हत्या के बाद उनके शरीर को क्षत-विक्षत करना कोई नई बात नहीं है। चिंता का विषय यहां यह है कि पाकिस्तान इस घटना में भी पहले की ही तरह साफ-साफ मुकर गया। दुर्भाग्यवश उसे इस मर्तबा भी इस निंदनीय घटना को लेकर कोई पश्चाताप नहीं है, कोई

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं 1963 का नेहरू का वादा याद रखना चाहिए कि हिंदी और अंग्रेजी मिलकर देश भर के प्रशासनिक कार्यों को प्रभावी बनाने के लिए एक कड़ी का कार्य करेंगी। जवाहर लाल नेहरू ने कभी सिर्फ हिंदी में कामकाज को अपनाने की समय सीमा तय नहीं की थी। विरासत भाषाओं से

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं एक क्षण के लिए मान भी लें कि जाधव भारत का जासूस है, लेकिन वह कैसी जासूसी कर सकता था। आज उपग्रहों के आने से तकनीक इतनी विकसित हो चुकी है कि आप गाडि़यों की नंबर प्लेट पर लिखे अंकों तक को आकाश से पढ़ सकते हैं। इसलिए जाधव

कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं राम मंदिर मसले पर उच्चतम न्यायालय की पीठ ने जो सुझाव दिया उसको लेकर भाजपा में जो उत्साह देखने को मिल रहा है, उतना शायद ही किसी और दल में देखने को मिला हो। लंबे अरसे से खिंचे चले आ रहे इस मामले का अब कोई अंतिम समाधान हो

कुलदीप नैयर (लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं) इस बात को मानने के लिए हमारे समक्ष पर्याप्त सबूत हैं कि जातिगत भेदभाव इस तरह से असामान्य प्रतिभा वाले बच्चों को भी आत्महत्या जैसे कदम उठाने के लिए मजबूर कर रहा है। यह भी कि प्रतिष्ठित संस्थानों तक में जातिगत भेदभाव की धारणाएं इतनी मजबूत हो चुकी हैं

कुलदीप नैयर ( कुलदीप नैयर लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं ) माओवादियों को वैचारिक धरातल पर अपने लिए संघर्ष करना होगा। भाजपा को समझाना चाहिए कि उनके हिंदूवादी दर्शन, वामपंथियों के समतावादी दर्शन से ज्यादा समृद्धि कैसे ला सकता है। ठीक इसी तरह से वामपंथियों को भी स्पष्ट करना चाहिए कि उनके दर्शन से जनता किस