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आत्मनिर्भर भारत अभियान और मेक इन इंडिया को सफल बनाना होगा। देश में खाद्यान्न उत्पादन और खाद्यान्न निर्यात और अधिक बढ़ाने के रणनीतिक प्रयत्न किए जाने होंगे। अर्थव्यवस्था को डिजिटल करने की रफ्तार तेज करनी होगी… हाल ही में 26 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद के इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के छात्रों को

भारत को समझने के लिए अब कांग्रेस को यूरोप वाला आइडिया छोड़ देना चाहिए। वह युग समाप्त हो गया। राहुल गांधी ने शायद ध्यान नहीं दिया कि यूरोप तो खुद हिंदुस्तान वाले आइडिया की तलाश कर रहा है। यूरोप का आइडिया शोषण, एकाधिकार और दूसरों को परतंत्र बनाने का है। भारत ने दो सौ साल

इसलिए हिमाचल में विद्यार्थी खिलाड़ी को स्कूल के बाद कालेज स्तर पर खेल विंग मिलना जरूरी हो जाता है… पिछले दो सालों से कोरोना के कारण जहां स्कूली खेल पूरी तरह बंद रहे, वहीं पर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय व अन्य संस्थानों के विद्यार्थियों की खेल गतिविधियों आधी अधूरी खानापूर्ति के लिए तो हो गई थी।

लब्बोलुबाब यह कि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता। हम कितने ही काबिल हों और कितने ही ऊंचे पद पर हों, हमें दूसरों का साथ चाहिए, सहयोग चाहिए, समर्थन चाहिए, प्रायोजन चाहिए। ऐसा नहीं है कि इनके बिना हम सफल नहीं हो सकते, लेकिन तब सफलता के शिखर छूने में कदरन लंबा समय लग सकता

बेटियों के लिए भयमुक्त वातावरण तथा बेटों के लिए संस्कार युक्त जीवन सामाजिक सौहार्द, शांति तथा समरसता के लिए बहुत ही आवश्यक है। प्रत्येक व्यक्ति में विचारों की शुद्धता, मानसिक पवित्रता तथा आचरण में व्यावहारिकता आवश्यक है… किसी ज़माने में बहुत कम लड़कियां शिक्षण संस्थाओं में शिक्षा ग्रहण करती थी। विभिन्न विभागों में महिला कर्मचारियों

इस प्रकार देखें तो वैश्विक सुरक्षा-नई विश्व व्यवस्था की कुंजी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के हाथ में ही है। मोदी के दौरे से भारत-जापान संबंध मजबूत होंगे… भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान के महत्त्वपूर्ण दौरे पर हैं। इस दौरे ने भारतवासियों को ‘लव इन टोक्यो’ की याद करा दी है। दोनों देशों के बीच बरसों से

सीएमआईई की प्रेस विज्ञप्ति में 2014 के आंकड़ों के आधार पर आकलित रोजगार की लोच को आधार बनाकर 2022 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था में रोजगार के आंकड़ों की कल्पना की जा रही है जो वास्तव में हास्यास्पद है। भारत सरकार को जल्द रोजगार के आंकड़ों का सही चित्र प्रस्तुत करना चाहिए… सीएमआईई नामक संस्था ने

यह बात भी सही है कि सेवा में रहते हुए हर व्यक्ति अपनी आंखों पर अहंकार व अहम की पट्टी इस तरह से बांध लेता है कि उसे अपने स्वार्थ के अलावा और कुछ नहीं दिखाई देता। इनसानियत की सभी हदें लांघ कर वह हैवानियत पर उतारू हो जाता है तथा मानवीय मूल्यों का तिरस्कार

चूंकि खाद्य तेल भी देश के आयात बिल की प्रमुख मद है, अतएव केंद्र सरकार के द्वारा खाद्य तेलों के उत्पादन के लिए रणनीतिक रूप से आगे बढ़ना होगा। हम उम्मीद करें कि इस समय जब रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया में वैश्विक मंदी का परिदृश्य उभर रहा है, तब भारत आयात-निर्यात से संबंधित गुणवत्तापूर्ण