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कुछ प्राणायाम से आप अपने शरीर को प्रदूषित होने से बचा सकते हैं। कपालभाति प्राणायाम करने के लिए पालथी लगाकर सीधे बैठें, आंखें बंदकर हाथों को ज्ञान मुद्रा में रख लें।  कपालभाति के बाद मन शांत, सांस धीमी व शरीर स्थिर हो जाता है… देश में बढ़े रहे वायु प्रदूषण से बचने के लिए वैसे

प्रभु श्री राम ने सोचा कि मेरे नाम के साथ-साथ ये राजन शक्ति और भक्ति की जय बोल रहा है। ऐसे में कोई अस्त्र-शस्त्र इसे मार नहीं सकता। इस संकट को देखकर श्रीराम मूर्छित हो गए। तब ऋषि वशिष्ठ ने ऋषि विश्वामित्र को सलाह दी कि राम को इस तरह संकट में न डालें। उन्होंने

इस प्रकार के दिव्य स्वरूप को धारण किए हुए प्रभु को अपने सामने देखकर, जिसके नेत्रों में से हर्ष के आंसू बह रहे हैं, ऐसा वह विश्वावसु धीरे से अपने आसन के ऊपर से खड़ा हुआ। जिसका गला रूंधा हुआ है, ऐसे वह हर्ष के आवेश में कुछ भी बोल न सकने के कारण से

गुरुओं, अवतारों, पैगंबरों, ऐतिहासिक पात्रों तथा कांगड़ा ब्राइड जैसे कलात्मक चित्रों के रचयिता सोभा सिंह पर लेखक डा. कुलवंत सिंह खोखर द्वारा लिखी किताब ‘सोल एंड प्रिंसिपल्स’ कई सामाजिक पहलुओं को उद्घाटित करती है। अंग्रेजी में लिखी इस किताब के अनुवाद क्रम में आज पेश हैं ‘स्वर्ग’ पर उनके विचार… -गतांक से आगे… अगर कोई

फटी एडि़यों से बचने के लिए कुछ घरेलू उपाय हैं, जो आपके काम आ सकते हैं। पेट्रोलियम जैली का प्रयोग इसका सबसे आसान तरीका है। इसके लिए डेढ़ चम्मच वैसलीन में एक छोटा चम्मच बोरिक पाउडर डालकर अच्छी तरह मिला लें और इसे रात को सोते समय फटी एडि़यों पर अच्छी तरह से लगा लें, ताकि

जेन साधक  बंजान बाजार से गुजर रहा था। उसके कानों में एक कसाई और उसके ग्राहक के बीच हुआ यह संवाद पड़ा। मुझे अपनी दुकान में से सबसे उम्दा मांस का टुकड़ा चुन कर दो। ग्राहक ने कहा। मेरी दुकान में सब कुछ तो उम्दा ही है, कसाई ने जवाब में कहा, आप खोज कर

अर्थराइटिस यानी गठिया को आमतौर पर बूढ़ों की बीमारी माना जाता है, लेकिन बच्चों को भी ये रोग हो सकता है, जिसे जुवेनाइल रह्यूमेटाइड अर्थराइटिस या जेआरएम कहते हैं। जुवेनाइल अर्थराइटिस की शुरुआत में बच्चों के जोड़ों में दर्द, सूजन और जलन होती है, जिसे ज्यादातर मां-बाप बच्चों में खेल-कूद और भागदौड़ से होने वाला दर्द,

मानव समाज के अध्ययन को समाजशास्त्र कहते हैं। भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार पूरी दुनिया में मनुष्य की सामाजिक संरचना बदल जाती है। हर समाज की अलग-अलग परंपराएं होती हैं। आधुनिकीकरण और बढ़ती जटिलताओं के कारण अब समाजशास्त्र के अंतर्गत चिकित्सा, सैन्य संगठन, जनसंपर्क और वैज्ञानिक ज्ञान का भी अध्ययन किया जाता है। आर्थिक, राजनीतिक और

केमिस्ट्री में स्पेशलाइजेशन के बाद करियर की क्या संभावनाएं हैं?    — राधिका शर्मा, पालमपुर आज हम बहुत सी ऐसी चीजें इस्तेमाल करते हैं, जो केमिकल प्रोसेस के जरिए बनी होती हैं। दवाई हो या कॉस्मेटिक्स सभी केमिकल प्रक्रिया के जरिए ही अपना स्वरूप पाते हैं। केमिस्ट्री के जरिए जब आप तमाम प्रयोग कर कुछ