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जैसे हो तुम दिखोगे वैसे, मेरे भीतर झांको, झट से दे दो उत्तर इसका, खुद को कम न आंको। ** तमिलनाडु, दक्षिण भारत के वैज्ञानिक ने किया कमाल, अग्नि और पृथ्वी मिसाइल, जिनकी देखो ठोस मिसाल। *** छत से लटकी मिल जाती है, छह पग वाली नार, बुने लार से मलमल जैसे, कपड़े जालीदार। ***

सास अपने तीनों दामादों का प्यार देखने के लिए नदी में कूद गई। एक दामाद ने उसे बचा लिया, सास ने उसे मारुति कार दी, दूसरे दिन फिर सास नदी में कूद गई, तो दूसरे दामाद ने उसे बचा लिया , उसे सास ने बाईक दी। तीसरे दिन सास ने फिर से  नदी में ढूबकी

देवोत्थान एकादशी कार्तिक, शुक्ल पक्ष की एकादशी को कहते हैं। दीपावली के बाद आने वाली एकादशी को ही देवोत्थान एकादशी अथवा देवउठान एकादशी या प्रबोधिनी एकादशी कहा जाता है… देवोत्थान एकादशी कार्तिक, शुक्ल पक्ष की एकादशी को कहते हैं। दीपावली के बाद आने वाली एकादशी को ही देवोत्थान एकादशी अथवा देवउठान एकादशी या प्रबोधिनी एकादशी

तुलसी विवाह कार्तिक माह की देवोत्थान एकादशी के दिन मनाया जाने वाला विशुद्ध मांगलिक और आध्यात्मिक प्रसंग है। हिंदू मान्यता के अनुसार इस तिथि पर भगवान विष्णु के साथ तुलसी का विवाह होता है, क्योंकि इस दिन भगवान विष्णु चार महीने तक सोने के बाद जागते हैं। भगवान विष्णु को तुलसी बेहद प्रिय हैं। तुलसी

मां-पुत्र के पावन मिलन का श्रीरेणुकाजी मेला हिमाचल प्रदेश के प्राचीन मेलों में से एक है, जो हर वर्ष कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की दशमी से पूर्णिमा तक उत्तरी भारत के प्रसिद्ध तीर्थस्थल श्रीरेणुका में मनाया जाता है। जनश्रुति के अनुसार इस दिन भगवान परशुराम जामूकोटी से वर्ष में एक बार अपनी मां रेणुका

कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को बैकुंठ चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष यह व्रत 21 नवंबर 2018 को रखा जाएगा। एक बार नारद जी भगवान श्री विष्णु से सरल भक्ति कर मुक्ति पा सकने का मार्ग पूछते हैं। विष्णु जी कहते हैं कि हे नारद, कार्तिक शुक्ल पक्ष की

भीष्म पंचक का हिंदू धर्म में बड़ा ही महत्त्व है। पुराणों तथा हिंदू धर्म ग्रंथों में कार्तिक माह में ‘भीष्म पंचक’ व्रत का विशेष महत्त्व कहा गया है। यह व्रत कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी से आरंभ होता है तथा पूर्णिमा तक चलता है। भीष्म पंचक को ‘पंच भीखू’ के नाम से भी

जयंती माता मंदिर में हर साल पंचभीष्म मेले लगते हैं। इस बार ये मेले 19 नवंबर से शुरू हो रहे हैं, जो 23 नवंबर तक पांच दिन चलेंगे। इस बार भी इन मेलों को लेकर मां के दरबार को खूबसूरत ढंग से सजाया जा रहा है। कांगड़ा में मां जयंती का मंदिर एक पहाड़ी पर

भविष्य में मेरा करियर कैसा होगा? -मोहित बंसल, सोलन आपकी कुंडली में बृहस्पति की भावदशा चल रही है, इस दौरान आपके कार्य में बदलाव के संकेत भी बन रहे हैं। इसके बाद आने वाला समय आपके करियर के लिए सही है। परिणामों में शीघ्रता के लिए लाल मूंगा और फिरोजा पहनें। किस क्षेत्र में कार्य