मैगजीन

नाखून चबाने की आदत एक सबसे गंदी आदत मानी जाती है। यह बुरी आदत बच्चों में सबसे आम होती है, लेकिन बड़ों को भी अपने नाखून चबाते हुए अकसर देखा जा सकता है। इस आदत को छुड़ाने के लिए आप अपने नाखूनों को मैनीक्योर करवा सकती हैं। नाखून चबाने के स्वास्थ्य पर कई बुरे प्रभाव

अल्प से महत् की ओर अग्रसर होने की क्रिया सर्वत्र हो रही है। चैतन्य प्रकृति से तो यह और भी स्पष्ट रूप देखी जा सकती है। मनुष्य इसका सर्वोत्तम उदाहरण है। आदि काल से चले आ रहे इन प्रयत्नों के बावजूद क्या मनुष्य अभी तक अपने लक्ष्य पर नहीं पहुंचा… मानव जीवन के दो पहलू

बाबा हरदेव  ईद के दिन गले मिला जाता है, ईद मुबारक दी जाती है। एक-दूसरे से हम मिलते हैं और ईद मुबारक देते हैं। इसी तरह ये महापुरुष, संतजन भी गले लगाते हैं, दूसरों को प्यार देते हैं। अपनत्व की भावना उनके अंदर काम करती है। बेगानेपन का भाव उनके अंदर नहीं होता। वह इस

स्वामी विवेकानंद गतांक से आगे… ‘हम सभी लोग समान हैं इसलिए हम लोग एक दल का संगठन करें।’ किंतु ध्यान रहे, ज्यों ही तुमने किसी दल का संगठन किया, त्यों ही तुम समता के विरुद्ध हो गए और तब समता नामक कोई चीज तुम्हारे पास नहीं रह जाएगी। मुसलमान विश्वबंधुत्व का शोर मचाते हैं। किंतु

युवा अपने आप को चुस्त-दुरुस्त, ऊर्जा से भरपूर और खूबसूरत दिखने के लिए मल्टी विटामिन पर भरोसा करने लगे हैं। इन दवाइयों का शरीर पर क्या असर होगा, इस बात की किसी को चिंता नहीं है। डाक्टरों की राय मानें, तो मल्टी विटामिन की गोलियां शरीर को फायदा कम और नुकसान अधिक पहुंचाती हैं। युवा

श्रीश्री रवि शंकर ज्योतिष चिकित्सा नामक कुछ होता है, जहां पर आप एक लेखाचित्र में देख सकते हो, किस प्रकार की बीमारियां आपको हो सकती है या खतरा हो सकता है। दुर्भाग्यवश इनमें से काफी सारा ज्ञान खो चुका है। काफी हद तक शास्त्र आधे लुप्त हो गए हैं क्योंकि वे सारे ताड़ के पत्तों

ओशो बीज जब तक मिटे नहीं, तब तक उसका होना सार्थक ही नहीं है। मिटने में ही उसकी सार्थकता है। बीज को तो गल जाना चाहिए, मिट्टी में मिल जाना चाहिए। ऐसा आत्मसात हो जाना चाहिए भूमि के साथ। तभी अंकुरण होता है, तभी जीवन का जन्म है। हृदय तो बीज है, आत्मा का। जो

विगत दो दशकों में हिमाचल प्रदेश में बीमारियों के स्वरूप में बदलाव देखा गया है। इस पहाड़ी राज्य में डायबिटीज (मधुमेह) की व्यापकता सबसे ज्यादा है। इसके बाद कार्डियोवैस्कुलर रोगों, स्क्रब टायफस, टीबी और थाइराइड की समस्याओं का स्थान है। हालांकि इसके साथ ही मेडिकल साइंस में टेक्नोलॉजी के आने से इन बीमारियों की पहचान

बाहर खेलना बच्चों की आंखों के लिए बहुत फायदेमंद है। बाहर खेलने से बच्चों की आंखों की रोशनी में इजाफा होता है। अगर आप चाहते हैं कि बड़े हो रहे बच्चों की आंखों को कोई नुकसान न हो, तो उनको बाहर खेलने से मत रोकिए। प्राकृतिक रोशनी के संपर्क में रहने से बच्चे आंखों की