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मैं त्रिगुणी माया से ढका हुआ हूं और संसार के पदार्थों में फंसा हुआ हूं। ऐसी प्रार्थना करने वाला भक्त केवल संसारी पदार्थों की ही कामना करता है। परंतु जैसे ही पुण्यवान कर्मों के फलस्वरूप राजा भर्तृहरि एवं मीराबाई की तरह उसे संसारी पदार्थ क्षणभंगुर सुख देने वाले एवं नाशवान प्रतीत होने लगते हैं, तो

आमतौर पर वूलन कपड़ों को वॉर्डरोब से बाहर निकालते ही धूप दिखाना जरूरी होता है ताकि उनकी नमी गायब हो जाए और साथ ही सभी कीटाणु भी मर जाएं। जिससे एलर्जी जैसी समस्या से राहत मिल सके। क्या है वूलन एलर्जी और इससे कैसे बचा जा सकता है। वूलन पहनते ही अगर आपके चेहरे पर

कौन नहीं चाहता घने, मुलायम, काले बाल। बालों का स्टाइल उसकी सुंदरता और व्यक्तित्व में चार चांद लगा देते हैं, लेकिन लाइफस्टाइल के कारण बालों की समस्या से कोई भी अछूता नहीं है। बालों की समस्या के लिए हमारी जीवनशैली काफी हद तक जिम्मेदार होती है। आमतौर पर हर महीने बालों की लंबाई लगभग 1.25

लोबिया खाने से सेहत को ढेर सारे फायदे होते हैं। लोबिया एक प्रकार की फली होती हैं जिसे चवली की फली भी कहा जाता हैं। लोबिया कोे बींस के नाम से भी जाना जाता है। यह खाने में बड़ी ही स्वाद लगती है। लोबिया में ऐसे सभी जरूरी पोषक तत्त्व मौजूद होते हैं जो शरीर

सुबह का नाश्ता हृदयाघात, अल्सर, शुगर  और मोटापा आदि बीमारियों से बचा सकता है। बड़े बुजुर्गों को आपने घर में कहते हुए सुना होगा कि सुबह का नाश्ता कभी भी नहीं छोड़ना चाहिए, लेकिन  अपने रहन-सहन और खान-पान की गलत आदतों के चलते आज लोग अपने दिन की शुरुआत ही खुद को भूखा रखकर करते

स्माग में कोहरे के साथ प्रदूषण से निकलने वाले सल्फर डाइआक्साइड, नाइट्रोजन डाइआक्साइड और कारखानों से निकले केमिकल जैसे कार्बन मोनोआक्साइड जैसे हानिकारक केमिकल होते हैं। ये केमिकल सांस के जरिये शरीर में प्रवेश करते हैं और सेहत को नुकसान पहुचाते हैं… सर्दियों का मौसम अपने साथ कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं लेकर आता है।

जन्म से 40 की उम्र तक मांसपेशियों के बढ़ने के साथ इनका मजबूत होना स्वाभाविक है, लेकिन 40 वर्ष के बाद मांसपेशियों का विकास धीमा हो जाता है, जिससे व्यक्ति का स्टेमिना घटने लगता है। इस बदलाव को सार्कोपीनिया कहते हैं। नियमित स्ट्रेंथ वर्कआउट से मांसपेशियों की मजबूती को बरकरार रख सकते हैं… बढ़ती उम्र

पिछले कुछ वर्षो में हैल्थकेयर सेक्टर में व्यापक बदलाव देखने को मिले हैं। अस्पताल भी अपना पारंपरिक आवरण उतार कर जहां मल्टी स्पेशियेलिटी रूप अख्तियार कर रहे हैं, तो वहीं यहां मिलने वाली सुविधाओं में भी इजाफा हो रहा है। इस क्षेत्र में करियर अब सिर्फ  डाक्टर या नर्स तक ही सीमित नहीं रहा…. अब

ईसीजी यानी इलेक्ट्रोकॉर्डियोग्राम वह जांच है जो हार्ट की इलेक्ट्रिकल गतिविधि को मापता है। दिल स्नायु संबंधी अंग है, जो शरीर के जरिए खून को गतिमान रखने के लिए एक लय में धड़कता है। असल में ईसीजी एक ग्राफ पेपर है जिसमें इलेक्ट्रिकल करेंट्स के माध्यम से हार्ट रेट को दर्शाया जाता है। इस जांच