कम्पीटीशन रिव्यू

नए प्रोफेशन किसी भी बात को सीधे-सीधे नहीं कहते हुए भी अपनी मनसा या विचार को व्यंग्य या हास्यास्पद टिप्पणी के साथ कुछ इस तरह कहना कि वह आम आदमी को बुरा न लगे बल्कि और ज्यादा रोचक और प्रभावी रूप से समझ में आ जाए, एक कार्टून आर्टिस्ट का मुख्य कार्य होता है। यह

डा. वाईके शर्मा, पूर्व प्राचार्य आयुर्वेद कालेज पपरोला आयुर्वेद चिकित्सा में करियर संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने पूर्व प्राचार्य डा. वाईके शर्मा से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश… आज के दौर में आयुर्वेद का क्या महत्त्व है? अन्य पद्धतियों के मुकाबले आयुर्वेद कहां खड़ा है? आज के दौर में

1. लंबी सोटी हाथ में खटखट करता जाए। सोए हुओं की फिक्र नहीं सीटी खूब बजाए। 2. एक नगर में ढेरों चोर चोरों का मुंह काला। पूंछ पकड़ कर खींच दो, झट हो जाए उजाला। 3. नहीं उसे बीमारी कोई फिर भी गोली खाती। छोटी सी है फिर भी वह तो सबको खूब डराती। 4.

परियों के देश से आई मेरी बहन। चांद सितारों को साथ लाई मेरी बहन। घर में ढेरों खुशियां लाई मेरी बहन। हंसती है मुस्काती है तो फूलों के जैसे खिल जाती है, मेरी बहन। जब रोती है तो लाल गुलाब जैसी हो जाती है, मेरी बहन। रोज लड़ती, रोज झगड़ती पर रूठ जाऊं तो मुझको

बच्चों को शरारत करने से रोकने से पहले एक बार अपने बचपन के बारे में सोचें आपने अपने बचपन में कितनी शरारतें की हैं। बचपन ही एक ऐसा समय है जब बच्चे बिना डरे या चिंता के हर चीज को एन्जॉय कर सकते हैं… आज माता-पिता अपने काम में इतने व्यस्त हैं कि बच्चों पर

अंतरिक्ष आठ वर्ष का हो चुका था, लेकिन पिछले एक-दो वर्षों से उसे एक गंदी सी आदत लग चुकी थी। यह उसने कब सीखा, कहां से सीखा? समय के बहाव ने जैसे घर वालों को कुछ पता ही नहीं लगने दिया। जब भी वह कोई तितली, चींटी या अन्य किसी भी प्रकार का कीड़ा-मकोड़ा देखता

टीचर :  बंटू तू खड़ा हो, मैं जो भी पूछूं , फटाफट जवाब देना बंटू : ठीक है मैम टीचर : हमारा राष्ट्रीय पशु कौन है । बंटू : फटाफट बस हो गई पप्पू की धुनाई। * * * बच्चो मैं आज  तुम्हारा टेस्ट लूंगी टीचर : बंटू, कबीर दास का एक दोहा सुनाओ। बंटू

* मानव इतिहास में 5,000 साल पहले केवल एक रोग होता था(चेचक)। * रोम दुनिया का वह शहर है जिसकी आबादी ने सबसे पहले 10 लाख का आंकड़ा पार किया था। * जब कोलंबस ने अमरीका महाद्वीप की खोज की थी उस समय यहां दुनिया की आबादी का एक तिहाई थी। यह 90 लाख लोगों

सर्दियों में प्रायः सभी स्त्री-पुरुष और बालक ग्राम छोड़कर भेड़ बकरी चुगाने के लिए बाहर नीचे के भागों में चले जाते हैं। ग्राम में ऐसे वृद्ध पुरुष ही रह जाते हैं, जो पैदल नहीं चल सकते। प्रायः घरों में एक भी व्यक्ति पीछे नहीं रहता। ऐसे घरों में कुंडा लगा कर उस पर गीली मिट्टी