कम्पीटीशन रिव्यू

मैडम  : जो बेवकूफ है वह खड़ा हो जाए। पप्पू खड़ा हो गया। मैडम :  तुम बेवकूफ हो? पप्पू नहीं, मैडम जी, आप अकेली खड़ी थीं,  मुझे अच्छा नहीं लगा। **** तलाक के केस में कोर्ट का पति को आदेश आधी पगार पत्नी को देनी पड़ेगी। पति खुशी से पागल, साला अब आधी तो मेरे

सरोज खान जन्मदिवस 22 नवंबर सरोज खान का जन्म 22 नवंबर, 1948 को किशनचंद सद्धू सिंह और नोनी सद्धू सिंह के घर हुआ था। सरोज ने 200 से ज्यादा फिल्मों के लिए कोरियोग्राफी की है। निर्मला के तौर पर जन्म होने के बाद सरोज का परिवार विभाजन के बाद भारत आ गया था। उन्होंने बाल

गतांक से आगे वह चिडि़यां के पीछे दौड़ता हुआ पेड़ के पास पहुंचा। उसने चलते-चलते देखा अमित चिडि़या का एक अंडा हाथ पर उठाया हुआ था। उसने दूर से ही अमित को आवाज लगाकर चिडि़या का अंडा वापस घोंसले पर रखने की बात कही, लेकिन अमित ने उसकी बात नहीं मानी और अंडा जोर से

1. एक गुफा में बतीस चोर दिन भर करते काम , रात को करते आराम , कोई बताएगा इनका नाम 2. लाल मकान के बाहर हरा चोर, लाल मकान के अंदर काला शैतान, गर्मी में दिखता, सर्दी मे गायब हो जाता ! 3. मुझमें न बीज न गुठली, छिलका उतार के खा लो, तो बताओ

बच्चों के लिए अच्छी आदतें : भले ही बच्चे अपनी शिक्षा स्कूल में अध्यापकों से लेते हैं, लेकिन उनकी असली पाठशाला तो घर से ही शुरू होती है। परिवार के सदस्य उन्हें जैसा चाहे उसी व्यवहार में ढाल सकते हैं। बच्चों को घर में अच्छा माहौल दें ताकि वह खुशनुमा व्यवहार का हो। ऐसे संस्कार

बढ़ते बच्चों की जासूसी हर युग में होती रही है। कई बार इसका पता बच्चों को चल जाता है और कई बार वे इससे अंजान होते हैं। ऐसा करने के पहले मां-बाप को गिल्ट भी महसूस होता है कि कहीं उनका बच्चा ऐसा न समझे कि मां-बाप उनपर विश्वास नहीं करते। बढ़ते बच्चों की परवरिश

हमीरपुर के दियोटसिद्ध में वैसे तो प्रत्येक रविवार को ही मेले लगते हैं, जिस में हजारों लोग शामिल होते हैं। इसमें अधिकांश लोग हरियाणा-पंजाब से आते हैं। इसके साथ-साथ ही बिलासपुर के शाहतलाई स्थान पर भी ये मेले लगे रहते हैं क्योंकि दियोटसिद्ध की यात्रा शाहतलाई में सिद्ध की स्थापना पर मत्था टेकने के बाद

विश्व दूरदर्शन दिवस प्रत्येक वर्ष 21 नवंबर, को मनाया जाता है। दूरदर्शन (टेलीविजन) के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1996 में इस दिवस को मनाए जाने पुष्टि की गई थी। यह विभिन्न प्रमुख आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करते हुए पूरे विश्व के ज्ञान में वृद्धि करने में मदद करता

वीर सेन ने ज्यूरी (तत्तापानी) के पास सतलुज को पार करके अपने आपको साथियों सहित सतलुज के पश्चिम की ओर सुक्षेत्र (सुकेत) स्थापित किया। वीर सेन जब यहां आया तो सतलुज और ब्यास नदियों के मध्य का क्षेत्र छोटे-छोटे ठाकुरों और  राणाओं में बंटा हुआ था। ये ठाकुर और राणा संभवतः कांगड़ा और कुल्लू के