आस्था

हर साल पहले फसलों को जलाने और फिर दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर  में हवा की गुणवत्ता जीवित प्राणियों के लिए खतरनाक स्तर पर पहुंच जाती है। पिछले साल इसी समय हवा का स्तर इतना गिर गया था कि पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण ने भारतीय राजधानी दिल्ली में पब्लिक हैल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी

*  नारियल का तेल हल्का सा गर्म करके दिन में दो-तीन बार बिवाइयों पर लगाने से फटी एडि़यों से राहत मिलती है। *  सफेद मोम को गर्म करके तिल के तेल में मिला लें। जब तेल काफी पक जाए, तो उसमें दस ग्राम राल भी डाल दें और फिर आग से उतारकर उस मिश्रण को

हमारे शरीर का डिफेंस मैकेनिज्म बहुत मजबूत होता है। आंतों में 500 से ज्यादा अच्छे बैक्टीरिया मौजूद होते हैं, जो नुकसानदेह बैक्टीरिया से लड़ने में मदद करते हैं। इनका काम हमारे खाने को पचाना होता है और इन्हीं के कारण हमारा इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है। जब हमारे पाचन तंत्र में नुकसानदेह बैक्टीरिया की

– डा. जगीर सिंह पठानिया सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक, आयुर्वेद, बनखंडी अर्जुन के फायदे अर्जुन का बहुत बड़ा वृक्ष होता है जो कि प्रायः सारे भारतवर्ष में पाया जाता है। इस वृक्ष की टहनियों की छाल को ही औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसका संस्कृत, हिंदी व इंग्लिश नाम अर्जुन व इसका बोटेनिकल

किसी ने कहा कि मां दुर्गा की उपासना से सारे संकट हल हो जाएंगे? बताते चलें कि मां दुर्गा स्वयं शक्ति पुंज  हैं। हम, आप, ये धरती, ये यूनिवर्स किसी एनर्जी के दम पर तो चल रहा है। वैज्ञानिक इसका पता लगा रहे हैं कि ये एनर्जी सोर्स है कहां, किसके पास है। सनातन धर्म

शक्ति पर्व शारदैय नवरात्रि के उपलक्ष्य में मां भगवती कात्यायनी का विशेष पूजन षष्ठी के दिन किया जाता है। यह खास तौर पर विवाह योग्य कन्याओं के लिए विशेष पूजन तथा मनोकामना पूर्ति का दिन माना जाता है। चारों ओर नवरात्रि महोत्सव पूरे धूमधाम से मनाया जा रहा है। प्रतिदिन भगवती का नयनाभिराम श्रृंगार एवं

चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा होती है, मान्यता है कि यह माता भक्तों की समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती हैं। इन्हें मोक्ष के द्वार खोलने वाली माता के रूप में पूजा जाता है। स्कंदमाता का स्वरुप मन को मोह लेने वाला होता है। इनकी चार भुजाएं होती हैं, जिससे वो दो

नवरात्रि में चौथे दिन देवी को कुष्मांडा के रूप में पूजा जाता है। अपनी मंद, हल्की हंसी के द्वारा अण्ड यानी ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इस देवी को कुष्मांडा नाम से अभिहित किया गया है। जब सृष्टि नहीं थी, चारों तरफ अंधकार ही अंधकार था, तब इसी देवी ने अपने ईषत्‌ हास्य से

नवरात्रि की तृतीया को होती है देवी चंद्रघंटा की उपासना। मां चंद्रघंटा का रूप बहुत ही सौम्य है। मां को सुगंधप्रिय है। उनका वाहन सिंह है। उनके दस हाथ हैं। हर हाथ में अलग-अलग शस्त्र हैं। वे आसुरी शक्तियों से रक्षा करती हैं। मां चंद्रघंटा की आराधना करने वालों का अहंकार नष्ट होता है और