आस्था

हेपेटाइटिस सी लिवर से जुड़ी एक बीमारी है, जो हेपेटाइटिस सी नामक विषाणु से संक्रमित होने पर पैदा होती है। यह संक्रमण आपके लिवर को क्षतिग्रस्त कर सकता है। हालांकि शुरुआती संक्रमण के बाद इसके लक्षणों को पहचानना बेहद कठिन है, लेकिन इसके बारे में जानकारी होना बेहद आवश्यक है। गौरतलब है कि हेपेटाइटिस बी

बच्चों को मैथ पढ़ाना और टेबल्स को याद करवाना मां-बाप के लिए चुनौती है। ज्यादातर बच्चे जिन्हें टेबल्स याद नहीं होते, वे जोड़-घटाव करने में धीमे रहते हैं। दरअसल ये सब हमारे ब्रेन का कमाल है। कोई बच्चा किसी चीज को कितनी जल्दी समझता है और उसे कितना याद रख पाता है ये सब उसके

11 अक्तूबर रविवार, आश्विन, कृष्णपक्ष, नवमी 12 अक्तूबर सोमवार, आश्विन, कृष्णपक्ष, दशमी 13 अक्तूबर मंगलवार, आश्विन, कृष्णपक्ष, एकादशी, पुरुषोत्तमा एकादशी व्रत 14 अक्तूबर बुधवार, आश्विन, कृष्णपक्ष, द्वादशी, प्रदोष व्रत 15 अक्तूबर बृहस्पतिवार, आश्विन, कृष्णपक्ष, त्रयोदशी, मासिक शिवरात्रि 16 अक्तूबर शुक्रवार, आश्विन, कृष्णपक्ष, अमावस, मलमास समाप्त 17 अक्तूबर शनिवार, कार्तिक, शुक्लपक्ष, प्रथमा, शरद नवरात्र प्रारंभ

अंगारकी चतुर्थी सभी देवताओं में प्रथम पूजनीय भगवान श्रीगणेश से संबंधित है। इस महत्त्वपूर्ण तथा बहुत ही पवित्र मानी जाने वाली तिथि पर भगवान गणेश का पूजन विशेष तौर पर किया जाता है। वैसे तो प्रत्येक माह में चतुर्थी की तिथि होती है, किंतु जिस माह में चतुर्थी तिथि मंगलवार के दिन पड़ती है, उसे

चेहलुम अथवा चेहल्लुम एक मुस्लिम पर्व है जिसे मुहर्रम के ताजिया दफनाए जाने के चालीसवें दिन मनाया जाता है। चेहलुम वस्तुतः इजादारी असत्य पर सत्य की जीत के रूप में भी मनाया जाता है। वास्तव में चेहलुम हजरत हुसैन की शहादत का चालीसवां होता है। इस दिन न केवल भारत, बल्कि संपूर्ण विश्व में चेहल्लुम

हमारे देश में सभ्यता संस्कृति का अनूठा संगम है। जिसका नाता चाहे किसी भी धर्म से हो, लेकिन उन्हें करीब से जानने और समझने की जिज्ञासा कभी खत्म नहीं होती। ऐसी ही एक  खास जगह है हिमालय का अजंता कहा जाने वाला ताबो मठ। जी हां केवल 10,000 फुट की ऊंचाई पर ताबो मठ हिमालय

गतांक से आगे… उसने किले के प्रवेश द्वार के दोनों ओर गंगा और यमुना की खूबसूरत प्रतीकात्मक मूर्तियों को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त करवा दिया था। जहांगीर ने हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों को तुड़वा कर अपने नाम से ‘जहांगीरी दरवाजे’ का निर्माण करवा दिया उसके बाद उसी जहांगीरी दरवाजे को पाकिस्तान में भेज दिया गया

आखिर 86 वर्षीया दफिया उर्फ  आयशा बेगम ने 73 वर्ष के बाद यानी भारत-पाक विभाजन के बाद पहली बार अपने भतीजों और पोतों को जब वॉट्सऐप पर देखा, तो वह पागलों की तरह सैलफोन की स्क्रीन को चूमने लगी। वह लगातार रोए जा रही थी। 86 वर्ष की आयशा बेगम पाकिस्तानी पंजाब के बहावलपुर क्षेत्र

-गतांक से आगे… संसारारण्यवीथीषु परिभ्रान्तात्मनेकधा। पाहि मां कृपया नाथ त्वद्वियोगाधिदुःखिताम्॥ 28॥ संसाररूपी अरण्य की गलियो में अनेक रूप से विचरण करने वाले एवं आपके वियोग से दुखित, हे नाथ! आप कृपया मेरी रक्षा कीजिए॥ 28 ॥ त्वमेव मातृपित्रादिबन्धुवर्गादयश्च ये। विद्या वित्तं कुलं शील त्वत्तो मे नास्ति किञ्चन॥ 29॥ हे कृष्ण! आप ही मेरे माता-पिता, बन्धु-बान्धव