स्वामी रामस्वरूप यही वेदों में कही ईश्वर के साथ प्रेम भक्ति है अन्यथा और कोई सेवा तो हम परमेश्वर की कर ही नहीं सकते। हम उसे अन्न, जल, धन आदि समर्पित नहीं कर सकते,क्योंकि वह परमेश्वर सर्वशक्तिमान एवं निराकार है तथा वह हमको देता ही देता है, बदले में लेता कुछ नहीं है… गतांक से
हे द्विज! अब इस वैवस्वत मन्वंतर के आने पर भगवान विष्णु कश्यप के द्वारा आदिति के उदर में वामन रूप में अवतरित हुए। उन्हीं वामनदेव ने तीनों लोकों को अपने तीन पदों में नापकर जीत लिया और उन्हें कष्टकहीन करके इंद्र को सौंप दिया था। इस प्रकार सात मन्वंतरों में भगवान विष्णु की यह सात
* ईश्वर की आवाज सुननी है, तो शांति की गहराइयों में जाना ही होगा * सच्ची शिक्षा के दो लक्ष्य हैं, एक बुद्धिमत्ता और दूसरा चरित्र * जीना है तो अच्छे बनकर जियो, दिखावे के लिए तो हर कोई जीता है * क्रोध
गतांक से आगे… क्रियान्तरासक्तिमपास्य कीटको ध्यायन्यथालिं ह्यलिभावमृच्छति। तथैव योगी परमात्मतत्त्वं ध्यात्वा समायाति तदेकनिष्ठया।। जिस प्रकार अन्य समस्त क्रियाओं की आस्क्ति को छोड़कर केवल भ्रमर का ही ध्यान करते-करते कीड़ा भ्रमरूप हो जाता है,उसी प्रकार योगी एकनिष्ठ होकर परमात्मतत्त्व का चिंतन करते-करते परमात्मभाव को प्राप्त हो जाता है। अतीव सूक्ष्मं परमात्मतत्त्वं न स्थूलदृष्टया प्रतिपत्तुमर्हति। समाधिनात्यंतसु सक्ष्मवृत्त्या
गतांक से आगे… इधर पटरानी विचार मग्न थी। उधर राजा स्नान ध्यान से निबटे। उनके मुख पर उल्लास नहीं था। वह इसी सोच विचार में थे कि राजा रहना ठीक है या दीक्षा लेकर योगी बनना। उनकी मुख मुद्रा देख सभी रानियां समझ गईं कि जरूर दाल में कुछ काला है इसलिए स्वामी इतने अधीर
बैसाखी पंजाब राज्य में सिख समुदाय द्वारा मनाया जाने वाला प्रमुख त्योहार है। देश-विदेश में बैसाखी के अवसर पर, विशेषकर पंजाब में मेले लगते हैं। लोग सुबह-सुबह सरोवरों और नदियों में स्नान कर मंदिरों और गुरुद्वारों में जाते हैं। लंगर लगाए जाते हैं और चारों तरफ लोग प्रसन्न दिखलाई देते हैं। विशेषकर किसान, गेहूं की
बैसाखी का पर्व सिख धर्म के लिए सांस्कृतिक और धार्मिक महत्त्व रखता है। पंजाब में जब फसलों से हरे-भरे, झूमते लहलहाते खेतों में रबी की फसल पक कर तैयार हो जाती है,तो प्रकृति की इस देन का धन्यवाद करते हुए किसान खुशी से नाचते गाते हैं। लोकगीत और ढोल की थाप पर युवक-युवतियां पारंपरिक नृत्य,भांगड़ा
भारतीय संस्कृति में बैसाखी ऐसा महत्त्वपूर्ण त्योहार है, जिसका राष्ट्रीय चेतना, प्रकृति, इतिहास, जलवायु और कृषि के साथ गहरा जुड़ाव है। हरित क्रांति के पर्याय रूपी इस पर्व को सिर्फ पंजाब के किसान ही नहीं मनाते, बल्कि देश के अन्य हिस्सों में भी बैसाखी का त्योहार समान उत्साह से मनाया जाता है। पंजाब के किसान
कालाष्टमी अथवा काला अष्टमी का हिंदू धर्म में बड़ा ही महत्त्वपूर्ण स्थान है। प्रत्येक माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दौरान इसे मनाया जाता है। कालभैरव के भक्त वर्ष की सभी कालाष्टमी के दिन उनकी पूजा और उनके लिए उपवास करते हैं। सबसे मुख्य कालाष्टमी, जिसे कालभैरव जयंती के नाम से जाना जाता