आस्था

* जिंदगी तो अपने दम पर ही जी जाती है, दूसरों के कंधों पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं * प्रार्थना ऐसे करो जैसे सब कुछ भगवान पर निर्भर करता है, प्रयास ऐसे करो जैसे सब कुछ आप पर निर्भर करता है * जीवन में तीन मंत्र आनंद में वचन मत दीजिए, क्रोध में

स्वामी विवेकानंद गतांक से आगे… दिखने में श्रीरामकृष्ण देव पागलों की तरह थे। अपने कपड़ों का होश नहीं था, लेकिन जब मां के नाम का गुणगान करते, तो सुनने वालों के हृदय में तीर की तरह बिंध जाता और हृदय मानो फटने लगता। काली मां को ही उन्होंने अपना भगवान माना था, उन्हीं को ही

* स्किन टैनिंग दूर करने के लिए टमाटर और दही को एकसाथ फेंट कर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को 25-30 मिनट चेहरे पर लगाने के बाद चेहरा धो लें। * खीरा और पका हुआ पपीता मैश करके इसमें दही और नींबू का रस मिलाएं। चेहरे और गर्दन पर आधा घंटा लगाने के बाद धो

जे.पी. शर्मा, मनोवैज्ञानिक नीलकंठ, मेन बाजार ऊना मो. 9816168952 विश्वभर में प्रत्येक राष्ट्र के अंर्तगत उनके समाज की संरचना मूलभूत संस्कृति, परंपराएं, नैतिक मूल्य, जीवनशैली, भाषा, रहन-सहन, धार्मिक आस्थाओं के अनुसार भिन्न-भिन्न होती है, परंतु आज की वैश्विक संबंधों की दौड़ में शामिल होने की होड़ में उन्हें अपने स्वयं के समाजिक, नैतिक, धार्मिक मूल्यों

कई बार जोड़ों का दर्द इतना अधिक बढ़ जाता है कि व्यक्ति को पेन किलर्स का सहारा लेना पड़ता है। लेकिन इन दवाइयों का ज्यादा सेवन सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। ऐसे में, आप जोड़ों के दर्द से राहत पाने के लिए आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों का उपयोग कर सकते हैं… जोड़ों में दर्द

लोकसाक्षी जगच्चक्षु: पुण्यचारित्रकीर्तन:। कोटिमन्मथसौन्दर्यो जगन्मोहनविग्रह:॥ 101॥ मन्दस्मिततमो गोपो गोपिका परिवेष्टित:। फुल्लारविन्दनयनश्चाणूरान्ध्रनिषूदन:॥ 102॥ इन्दीवरदलश्यामो बर्हिबर्हावतंसक:।

सर्वपितृ अमावस्या आश्विन माह की अमावस्या को कहा जाता है। आश्विन माह का कृष्ण पक्ष वह विशिष्ट काल है जिसमें पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध आदि किए जाते हंै। यद्यपि प्रत्येक अमावस्या पितरों की तिथि होती है

इंदिरा एकादशी आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कहा गया है। हिंदू धर्म में इसका बहुत महत्त्व है। भटकते हुए पितरों को गति देने वाली पितृपक्ष की एकादशी का नाम इन्दिरा एकादशी है। इस एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति के सात पीढिय़ों तक के पितृ तर जाते हैं। इस एकादशी का व्रत

मातृ नवमी आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि को कहा जाता है। इस नवमी तिथि का श्राद्ध पक्ष में बहुत ही महत्त्व है। सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार श्राद्ध करने के लिए एक पूरा पखवाड़ा ही निश्चित कर दिया गया है। सभी तिथियां इन सोलह दिनों में आ जाती हैं। कोई भी