स्वास्थ्य

मानव शरीर को सुचारू रूप से चलाने के लिए किडनी का बहुत बड़ा योगदान रहता है। आजकल की जीवनशैली के बदलते प्रभावों को देखते हुए लोगों में पहले की तुलना में ज्यादा किडनी फेल होने की समस्या देखने को मिल रही है। बता दें कि किडनी फेल होने से पहले शरीर कई तरह के संकेत देता है। तो चलिए जानते है उसके बारे में।

नई दिल्ली। पेरेंट्स ही अपने बच्चों के दुश्मन बन गए हैं और उन्हें दिमागी तौर पर कमज़ोर कर रहे हैं, जिससे उनका आईक्यू लेवल गिरता जा रहा है। विश्व भर में हुई तमाम रिसर्च में यह खुलासा हुआ है। कहा गया है कि कम उम्र के बच्चों को मोबाइल, टीवी और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की लत

आपने सूर्य की रोशनी के स्वास्थ्य के लिए कई फायदे सुने होंगे, लेकिन क्या आप जानते है कि सूर्य की ही तरह चांद की रोशनी भी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। चांद की रोशनी स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य के भी लाभ मिलता है। तो चलिए आज हम आपको चांद की रोशनी से होने वाले

आफिस की डेड लाइन हो या वर्क प्रेशर हर काम के लिए टाइपिंग स्पीड की जरूरत होती है। ऐसे में अगर टाइपिंग की स्पीड बढ़ाई जाए, तो हाथों में दर्द होना तो लाजिमी है। लगातार घंटों टाइपिंग की वजह से हाथों में दर्द की समस्या आजकल काफी आम है। बहुत से लोगों को इससे गुजरना

चावल एक ऐसा अन्न है, जिसे सभी पसंद करते हैं। कुछ लोग लंच में चावल खाते हैं, तो कुछ डिनर में। कुछ एक ऐसे भी हैं, जो नाश्ते में भी चावल खा लेते हैं। यानी कि भोजन में चावल का इस्तेमाल कॉमन सी बात है, लेकिन क्या आपको पता है कि चावल खाने के बाद

बच्चा अगर बहुत ज्यादा थकान का शिकार होता हो, उसे सर्दी-जुकाम बना रहता हो, नाक में खुजली हो तो उसे एलर्जी हो सकती है। बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बड़ों की तुलना में कमजोर होने के कारण बच्चे जल्दी एलर्जी का शिकार हो जाते हंै… मौसम बदलने के कारण जो एलर्जी होती है, उसे सीजनल

नई दिल्ली। गेहूं के आटे की रोटियां किसे पसंद नहीं। सभी इसे नाश्ते, लंच या डिनर में बड़े आराम से खाते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि ताजी रोटियों से ज्यादा बासी रोटियां खाना फायदेमंद है। कुछ लोग रात या दिन की बची रोटियों को फेंक देते हैं, लेकिन भूलकर भी ऐसी गलती न

जालंधर। दिमागी दौरा या लकवा मारने पर रोगी को बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि ब्रेन स्ट्रोक या लकवा के उपचार में मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी एक नई क्रांति लाई है। इंटरवेंशनल न्यूरोरेडियोलॉजिस्ट डॉ विवेक अग्रवाल ने बुधवार को बताया कि यदि समय पर जांच करवा ली जाए तो एक लक्षण से बीमारी की असली

खांसी एक सामान्य समस्या मानी जाती है, जो आमतौर पर गले में संक्रमण के कारण हो जाती है। सामान्य खांसी 2-3 दिन में खुद-व-खुद ठीक हो जाती है, लेकिन कई बार खांसी का कारण गले में संक्रमण न होकर शरीर की कोई अन्य बीमारी हो सकती है। आमतौर पर लोग खांसी को नजरअंदाज भी कर