स्वास्थ्य

मानसून में बारिश का मजा सभी लेते हैं, लेकिन इस मौसम में अगर स्वास्थ्य को लेकर हल्की सी भी असावधानी बरतते हैं, तो बीमारियों को न्योता दे सकते हैं। इस मौसम में बरसाती पानी के संपर्क में आने से त्वचा की एलर्जी हो सकती है।

बच्चों को विटामिन्स, कैल्शियम, आयरन तीनों को समान रूप से जरूर दें, क्योंकि इन तीनों के सेवन से बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, जो उन्हें बरसाती रोगों जैसे डायरिया, वायरल, आई फ्लू से बचाती है… गर्मी के बाद बरसात का आना तनमन को सराबोर कर जाता है, क्योंकि गर्मी से राहत जो मिलती है।

मानसून के इस मौसम में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी कई घातक बीमारियां तेजी से बढ़ जाती हैं, हर साल इसके कारण हजारों लोगों की जान जाती है। बरसात के सीजन में लगभग हर साल मच्छरों से होने वाली बीमारियों का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है। खासतौर पर डेंगू, मलेरिया के मामले तो काफी तेजी से सामने आते हैं.

विटामिन और मिनरल्ज जैसे पोषक तत्त्व शरीर के बेहतर स्वास्थ्य और कामकाज के लिए जरूरी हैं। पोषक तत्त्वों की कमी से शरीर अंदर से कमजोर और बीमार हो सकता है। इन जरूरी पोषक तत्त्वों में से एक विटामिन बी-12 भी है। शरीर में इसका काम न केवल रेड ब्लड सैल्स और डीएनए को बनाना है, बल्कि यह तंत्रिका तंत्र यानी नव्र्स सिस्टम और दिमाग के स्वास्थ्य को भी बढ़ाता है...

कई बार कान में पानी चले जाने की वजह से भी कान में दर्द हो सकता है। कान में दर्द उठने पर लोग ईयर ड्रॉप्स या दवाइयों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन आप इस दर्द से राहत पाने के लिए कुछ घरेलू नुस्खों का भी सहारा ले सकते हैं। एक बात का ध्यान रखें कि दर्द अगर सामान्य स्तर का है तभी यह घरेलू उपाय कारगर साबित होंगे

अगर आप चाहें तो कुछ टिप्स फॉलो करके मानसून में भी अपनी स्किन को ग्लोइंग और बेदाग रख सकते हैं। बारिश में जहां एक ओर मौसम खुशगवार हो जाता है, वहीं दूसरी ओर यह अपने साथ त्वचा से जुड़ी कई समस्याएं जैसे फंगल इन्फेक्शन, खुजली आदि भी लेकर आता है, इसलिए बरसात में भीगने से

नई दिल्ली। कुछ ही दिनों में बाजार में जामुन बिकना शुरू हो जाएंगे। बैसे तो जामुन में कई औषधिय गुण पाए जाते हैं और इसके सेवन से हम कई प्रकार की बीमारियों से खुद को बचा सकते हैं। जामुन न केबल खून की कमी को पुरा करता है बल्कि यह ब्लड शुगर लेवल को भी

काफी सारे लोगों को यूरिक एसिड बढऩे के कारण जोड़ों में गंभीर दर्द, किडनी में पथरी और गाउट आदि समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यूरिक एसिड खून में पाया जाने वाला एक रसायन होता है। यह शरीर में प्यूरिन नामक पदार्थ के टूटने पर बनता है… आजकल यूरिक एसिड का लेवल बढऩा एक

गलत खान-पान और खराब लाइफस्टाइल कई तरह की बीमारियों का कारण बना हुआ है। इन्हीं में से एक है हार्ट प्रॉब्लम्ज। हार्ट प्रॉब्लम के कारण व्यक्ति अंदर से कमजोर हो जाता है, क्योंकि इसके कारण छाती में जकडऩ और सांस लेने में कठिनाई होती है। किसी भी उम्र में व्यक्ति को दिल संबंधी बीमारियां घेर