विचार

( अक्षित, आदित्य, तिलक, रादौर, हरियाणा ) मोदी सरकार ने अंग्रेजी राज की पहचान लाल बत्ती को अंततः सरकारी गाडि़यों से उतरवा कर नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों की ‘लाल बत्ती की ऐंठ’ पर करारा प्रहार किया है। और क्या खूब कि अपनी ओर से लाल बत्ती न हटाने की पहल करने वाले नेता, लाल बत्ती

डा. भरत झुनझुनवाला (लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं) शिक्षा की गुणवत्ता का आकलन करने के दो स्तर हैं-रटंत विद्या एवं समझ। देखा जाता है कि कक्षा में सर्वश्रेष्ठ अंक पाने वाले छात्र अकसर जीवन में पीछे  रह जाते है। एक सर्वश्रेष्ठ अंक पाने वाला बैंक में क्लर्क के पद पर ही पहुंच सका। दूसरा

(रामेश्वर अत्री, बिलासपुर) कोई भी घोषणा जब सरकार करती है जैसे, सोलर फैंसिंग की कि किसान अपनी कृषि भूमि पर करवाए उस पर किसान को 20 प्रतिशत देना पडंगा और 80 प्रतिशत सरकार की ओर से अनुदान दिया जाएगा, लेकिन जब किसी किसान ने इसके लिए आवेदन करना होता है, तब दो-तीन महीने बीतने तक

डा. दिलीप अग्निहोत्री (लेखक, स्तंभकार हैं) केंद्र सरकार ने योजना आयोग की जगह नीति आयोग स्थापित किया था। बदली हुई राष्ट्रीय व वैश्विक परिस्थितियों में ऐसा करना आवश्यक था। इसके माध्यम से केंद्र-राज्य के बीच आर्थिक व योजनागत संबधों का नया अध्याय शुरू किया गया था। राज्यों की भूमिका, भागीदारी व हिस्सेदारी बढ़ा दी गई

गुरुदत्त शर्मा (लेखक, शिमला से हैं) आज हमें नया प्रदेश और नई सभ्यता रचनी और गढ़नी है। स्वतंत्रता के बाद युवा शक्ति राष्ट्र निर्माण के कार्य में लगे, इसकी कोई ठोस योजना सामने नहीं आई। सब कुछ सरकार के भरोसे छोड़ दिया गया। नतीजतन युवा शक्ति रचनात्मक उपयोग जिस स्तर तक होना था, हो नहीं

(मनीष चंदराणा) देश के कुछ विश्वविद्यालयों में नक्सलियों के अड्डे बनाए जा रहे हैं। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर द्वारा कही यह बात बहुत गंभीर है। नक्सलवाद देश के लिए नया शब्द नहीं है। लेकिन जिस गति से देश के विश्वविद्यालयों में नक्सलवादी विचारों के बीज बोए जा रहे हैं, वे खतरनाक है। कुछ महीने

शिमला नगर निगम का चुनावी बिगुल अंततः हाई कोर्ट के दखल से बजा। राजनीतिक डंके के घायल होने की खबर जब कानून को होती है, तभी लोकतांत्रिक विषमताओं के दंश समझे जाते हैं। अब अदालती आदेश के तहत अठारह जून तक शिमला शहर के चुनाव कराने होंगे, तो इसके अर्थों में सियासत को अपने बदन

(डा राजन मल्होत्रा,पालमपुर) मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर असम को नौ किलोमीटर लंबा पुल समर्पित हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीन साल पूरे होने पर उन्होंने असम के तिनसुकिया में एशिया के सबसे बड़े पुल का उद्घाटन किया। यह पुल 9 किलोमीटर लंबा है तथा 182 खंबों पर स्थिर है

कुलदीप नैयर लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं। हमें ऐसे मामलों की याद फिर से तभी आती है, जब वैसी ही कोई घटना फिर से घटित होती है। इसका निकट भविष्य में कोई स्थायी समाधान नहीं दिखता। मैं असंख्य मामलों में पुलिस की मूक भूमिका का प्रत्यक्षदर्शी रहा हूं। ऐसे प्रकरणों में पुलिस की भूमिका प्रत्यक्षतः बहुत