विचार

चंद्ररेखा डढवाल लेखन को पुरुष या महिला के स्तर पर बांटने के लिए पर्याप्त कारण नहीं हैं। लेखन का स्तर सोचने व समझने पर निर्भर करता है। आप जीवन को लेकर क्या सोचते हैं और उसकी पेंचीदगियों को कितना समझ पाते हैं। संवेदना व वैचारिक अनुभवों पर यह निर्भर करता है। अनुभव लोगों से मिलने,

चलो चलें फुटबाल हो जाए। पैरों से खेले जाने वाले दुनिया के शायद एकमात्र खेल फुटबाल के दीवाने एक ढूंढो तो सौ मिलते हैं। ‘दिव्य हिमाचल’ ने अपने मेगा इवेंट ‘दिव्य हिमाचल फुटबाल लीग’ के जरिए युवाओं में ऐसा जोश जगाया कि पुराने खिलाडि़यों को जहां आक्सीजन मिली, वहीं नए खिलाड़ी नव उत्साह के साथ

रेखा वशिष्ट हिमाचल के साहित्यिक परिदृश्ष्य में यहां के महिला लेखन को अलग से रेखांकित करने का प्रयास नहीं के बराबर हुआ है। यह इसलिए भी कि कभी इसकी आवश्यकता ही नहीं समझी गई। पिछले लगभग चालीस वर्षों से हिमाचल में जो कुछ भी लिखा जा रहा है, मैं भी उससे किसी न किसी तरह

आशा शैली हिमाचल में जो आज लिखा जा रहा है और जो पूर्व में लिखा गया है उस सब में हिमाचली लेखिकाएं कहां खड़ी हैं, यह देखना वैसे तो समीक्षकों का काम है, परंतु यदि प्रश्न उठ ही खड़ा होता है तो हमें अपनी सीमाओं को निरखने परखने से भी परहेज नहीं करना चाहिए। भारत

प्रतिक्रिया चर्चित कथाकार, रंगकर्मी और पत्रकार मुरारी शर्मा के अतिथि संपादकत्व में ‘दिव्य हिमाचल’ के साहित्यिक पृष्ठ प्रतिबिंब के माध्यम से साहित्य विमर्श के प्रश्नों का जो रोचक और पठनीय विवरण शब्दों में पिरोया गया है, वह काबिलेतारीफ है। हिमाचली साहित्य पाठकों से दूर और दोषी कौन जैसे ज्वलंत मुद्दे पर इस विमर्श के सहभागी

चलो चलें फुटबाल हो जाए। पैरों से खेले जाने वाले दुनिया के शायद एकमात्र खेल फुटबाल के दीवाने एक ढूंढो तो सौ मिलते हैं। ‘दिव्य हिमाचल’ ने अपने मेगा इवेंट ‘दिव्य हिमाचल फुटबाल लीग’ के जरिए युवाओं में ऐसा जोश जगाया कि पुराने खिलाडि़यों को जहां आक्सीजन मिली, वहीं नए खिलाड़ी नव उत्साह के साथ

चलो चलें फुटबाल हो जाए। पैरों से खेले जाने वाले दुनिया के शायद एकमात्र खेल फुटबाल के दीवाने एक ढूंढो तो सौ मिलते हैं। ‘दिव्य हिमाचल’ ने अपने मेगा इवेंट ‘दिव्य हिमाचल फुटबाल लीग’ के जरिए युवाओं में ऐसा जोश जगाया कि पुराने खिलाडि़यों को जहां आक्सीजन मिली, वहीं नए खिलाड़ी नव उत्साह के साथ

चलो चलें फुटबाल हो जाए। पैरों से खेले जाने वाले दुनिया के शायद एकमात्र खेल फुटबाल के दीवाने एक ढूंढो तो सौ मिलते हैं। ‘दिव्य हिमाचल’ ने अपने मेगा इवेंट ‘दिव्य हिमाचल फुटबाल लीग’ के जरिए युवाओं में ऐसा जोश जगाया कि पुराने खिलाडि़यों को जहां आक्सीजन मिली, वहीं नए खिलाड़ी नव उत्साह के साथ

‘दिव्य हिमाचल’ फुटबाल लीग को लेकर प्रदेशभर के युवाओं में खासा जोश है। मीडिया गु्रप की अनूठी पहल से जहां युवाओं को विश्व के नंबर वन खेल में अपनी पहचान बनाने का मौका मिलेगा, वहीं खेल से उनके अंदर छिपी प्रतिभा भी बाहर आएगी। ‘दिव्य हिमाचल’ की टीम ने जब इस बारे में फुटबाल खिलाडि़यों