विचार

( मुकेश विग, ठोडो ग्राउंड मोड़, सोलन ) पांच राज्यों के चुनावों में मोदी लहर ने कमल खिलाकर विपक्ष को चित्त कर दिया। इसके साथ ही केजरीवाल जैसे नेताओं को मतदाता ने गहरा सबक भी दिया है कि उन्हें काम से मतलब है, न कि मोदी की हर समय बुराई सुनने से। विरोध की भी

( अमित पडियार (ई-मेल के मार्फत) ) गंगा-यमुना दोनों नदियों को जीवित मानते हुए नैनीताल उच्च न्यायालय ने इनसानों की ही तरह इन्हें अधिकार देने के निर्देश दिए हैं। गंगा को देश की अमृतरेखा, तो यमुना को जीवनदायिनी नदी कहा जाता है। इन दोनों नदियों का हिंदू धर्म में ऊंचा स्थान है, लेकिन इन नदियों

( सूबेदार मेजर (सेवानिवृत्त) केसी शर्मा, गगल, कांगड़ा ) चुनावी परिणाम जो भी हों, सत्ता पर कोई भी बैठे, लेकिन इतनी कठोर क्यों है राजनीति? संसद हो या विधानसभा, उसमें सभी पार्टियों का प्रतिनिधित्व रहता है। जन कल्याण के लिए सदन में मैत्री भाव तो रहना चाहिए, तभी सहमति बनने में आसानी रहेगी। इससे जरूरी

डा. भरत झुनझुनवाला (लेखक, आर्थिक विश्लेषक एवं टिप्पणीकार हैं) राज्यों में जल बंटवारे संबंधी विवाद सुलझ नहीं पा रहे हैं, चूंकि अब तक राज्यों में पानी के न्यायपूर्ण वितरण का कोई भी समुचित सिद्धांत उपलब्ध ही नहीं है। इस समस्या का हल है कि पानी को राज्यों के बीच नीलाम किया जाए। जो राज्य पानी

कर्म सिंह ठाकुर (लेखक, सुंदरनगर, मंडी से हैं) निजी क्षेत्र का कर्मचारी आज सरकारी कर्मचारी अपेक्षा बेहतर सेवाएं दे रहा है। क्यों न प्रदेश सरकार ऐसी व्यवस्था करे, जिससे सरकारी कर्मचारी, निजी कर्मचारी की कार्य संस्कृति व पद्धति अपनाने पर मजबूर हो। जब इस कार्य संस्कृति का आगाज होगा, तभी सरकार की सेवाओं की धरातलीय

(प्रेम चंद माहिल, भोरंज, हमीरपुर) सुखमय जीवन के लिए धन का होना अति आवश्यक है। इसलिए धन प्राप्ति हेतु लोग जीवन पर्यंत प्रयत्न करते रहते हैं। इसी क्रम में कई लोगों के जीवन का उद्देश्य ही धन कमाना हो जाता है।  इसके बाद वे भले ही बहुत सा धन कमा लेते हैं, लेकिन उनका जीवन

प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने एकमात्र मूलमंत्र विकास को माना है। युवाओं को काम देने की भरसक कोशिशों की शुरुआत होगी। उनके सपने साकार किए जाएंगे। उत्तर प्रदेश की कसौटी पर योगी सरकार एकदम खरी साबित होने लगेगी, यह संभव नहीं है। सिर्फ एक ही उदाहरण पर्याप्त है। अखिलेश सरकार

(डा. राजन मल्होत्रा, पालमपुर) संयुक्त राष्ट्र संघ में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान को आतंकवाद का अड्डा करार देते हुए जो खरी-खरी सुनाई, उसे देखकर बेहद संतुष्टि हुई। उस वक्तव्य के दौरान पाकिस्तान के प्रतिनिधि बगलें झांकते दिखे। इस दौरान पाकपरस्त आतंकवाद को एक नई संज्ञा देते हुए उसे उग्रवाद की मंडी करार दिया है। हालांकि

हिमाचल में राजनीति का एक अलग एहसास व अर्थ जिस प्रकार केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा से जोड़कर देखा जा रहा है, उससे भाजपा के कुनबे में केंद्रीय प्रकाश आलोकित हो रहा है। शिमला में हालांकि एक औपचारिक कार्यक्रम की सरकारी भूमिका में नड्डा दिखाई दिए, लेकिन भाजपा के परिदृश्य में आकाशीय परिवर्तनों की उम्मीद