विचार

प्रतिक्रिया चर्चित कथाकार, रंगकर्मी और पत्रकार मुरारी शर्मा के अतिथि संपादकत्व में ‘दिव्य हिमाचल’ के साहित्यिक पृष्ठ प्रतिबिंब के माध्यम से साहित्य विमर्श के प्रश्नों का जो रोचक और पठनीय विवरण शब्दों में पिरोया गया है, वह काबिलेतारीफ है। हिमाचली साहित्य पाठकों से दूर और दोषी कौन जैसे ज्वलंत मुद्दे पर इस विमर्श के सहभागी

चलो चलें फुटबाल हो जाए। पैरों से खेले जाने वाले दुनिया के शायद एकमात्र खेल फुटबाल के दीवाने एक ढूंढो तो सौ मिलते हैं। ‘दिव्य हिमाचल’ ने अपने मेगा इवेंट ‘दिव्य हिमाचल फुटबाल लीग’ के जरिए युवाओं में ऐसा जोश जगाया कि पुराने खिलाडि़यों को जहां आक्सीजन मिली, वहीं नए खिलाड़ी नव उत्साह के साथ

चलो चलें फुटबाल हो जाए। पैरों से खेले जाने वाले दुनिया के शायद एकमात्र खेल फुटबाल के दीवाने एक ढूंढो तो सौ मिलते हैं। ‘दिव्य हिमाचल’ ने अपने मेगा इवेंट ‘दिव्य हिमाचल फुटबाल लीग’ के जरिए युवाओं में ऐसा जोश जगाया कि पुराने खिलाडि़यों को जहां आक्सीजन मिली, वहीं नए खिलाड़ी नव उत्साह के साथ

चलो चलें फुटबाल हो जाए। पैरों से खेले जाने वाले दुनिया के शायद एकमात्र खेल फुटबाल के दीवाने एक ढूंढो तो सौ मिलते हैं। ‘दिव्य हिमाचल’ ने अपने मेगा इवेंट ‘दिव्य हिमाचल फुटबाल लीग’ के जरिए युवाओं में ऐसा जोश जगाया कि पुराने खिलाडि़यों को जहां आक्सीजन मिली, वहीं नए खिलाड़ी नव उत्साह के साथ

‘दिव्य हिमाचल’ फुटबाल लीग को लेकर प्रदेशभर के युवाओं में खासा जोश है। मीडिया गु्रप की अनूठी पहल से जहां युवाओं को विश्व के नंबर वन खेल में अपनी पहचान बनाने का मौका मिलेगा, वहीं खेल से उनके अंदर छिपी प्रतिभा भी बाहर आएगी। ‘दिव्य हिमाचल’ की टीम ने जब इस बारे में फुटबाल खिलाडि़यों

‘दिव्य हिमाचल’ फुटबाल लीग को लेकर प्रदेशभर के युवाओं में खासा जोश है। मीडिया गु्रप की अनूठी पहल से जहां युवाओं को विश्व के नंबर वन खेल में अपनी पहचान बनाने का मौका मिलेगा, वहीं खेल से उनके अंदर छिपी प्रतिभा भी बाहर आएगी। ‘दिव्य हिमाचल’ की टीम ने जब इस बारे में फुटबाल खिलाडि़यों

‘दिव्य हिमाचल’ फुटबाल लीग को लेकर प्रदेशभर के युवाओं में खासा जोश है। मीडिया गु्रप की अनूठी पहल से जहां युवाओं को विश्व के नंबर वन खेल में अपनी पहचान बनाने का मौका मिलेगा, वहीं खेल से उनके अंदर छिपी प्रतिभा भी बाहर आएगी। ‘दिव्य हिमाचल’ की टीम ने जब इस बारे में फुटबाल खिलाडि़यों

चलो चलें फुटबाल हो जाए। पैरों से खेले जाने वाले दुनिया के शायद एकमात्र खेल फुटबाल के दीवाने एक ढूंढो तो सौ मिलते हैं। ‘दिव्य हिमाचल’ ने अपने मेगा इवेंट ‘दिव्य हिमाचल फुटबाल लीग’ के जरिए युवाओं में ऐसा जोश जगाया कि पुराने खिलाडि़यों को जहां आक्सीजन मिली, वहीं नए खिलाड़ी नव उत्साह के साथ

पहली सितंबर, 1972 को अस्तित्व में आए जिला का सोलन शहर दिन दोगुनी रात चौगुनी तरक्की कर रहा है। शहर ने हर क्षेत्र में सफलता के लंबे डग भरे हैं। शहर के विकास की कहानी दखल के जरिए बता रहे हैं सोलन के ब्यूरो चीफ मुकेश कुमार… बीते 20 वर्षों में सोलन शहर एक मामूली