विचार

कुलदीप नैयर (लेखक, वरिष्ठ पत्रकार हैं) इस बात को मानने के लिए हमारे समक्ष पर्याप्त सबूत हैं कि जातिगत भेदभाव इस तरह से असामान्य प्रतिभा वाले बच्चों को भी आत्महत्या जैसे कदम उठाने के लिए मजबूर कर रहा है। यह भी कि प्रतिष्ठित संस्थानों तक में जातिगत भेदभाव की धारणाएं इतनी मजबूत हो चुकी हैं

कंचन शर्मा (लेखिका, स्वतंत्र पत्रकार हैं) अभी तक दर्जनों देशी गउओं की नस्लें पूर्णतः समाप्त हो चुकी हैं। ऐसा इसलिए भी है कि हमें गाय के आर्थिक और वैज्ञानिक पक्ष की जानकारी से दूर कर दिया गया है। हमें इसकी नकारात्मक जानकारी देकर विदेशी गायों और भैंसों को अधिक महत्त्वपूर्ण बताया गया, जिस कारण हम

आश्चर्य है कि भाजपा को योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री चुनना पड़ा! योगी लगातार पांचवीं बार लोकसभा सांसद हैं, बेहद लोकप्रिय चेहरा हैं, पूर्वांचल की राजनीति के सूत्रधार हैं, चुनाव में भाजपा के स्टार प्रचारक भी रहे हैं, घोर और कट्टरपंथी हिंदूवादी हैं और सबसे बढ़कर उत्तर प्रदेश का मौजूदा जनादेश योगी का

(जयेश राणे, मुंबई, महाराष्ट्र) भाजपा को उत्तर प्रदेश में प्रचंड जनादेश मिलने के बाद पार्टी ने सत्ता की कमान योगी आदित्यनाथ को सौंपी है। देश के सबसे अधिक जनसंख्या वाले इस राज्य में हर जाति-धर्म के लोगों को साथ में लेकर चलने की बड़ी चुनौती उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी पर रहेगी। उस राज्य की

(डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर) बिल्ले-बिल्लियां मिल गए, नोच रहे हैं खंभ, सब कुछ तो अब मिट गया, नहीं मिट सका दंभ। हार पचाना है कठिन, क्या बोलें अब आप, लो मशीन की छेड़ का, करते हैं वे जाप। कोरे लांछन लग रहे, खिसक चुका मैदान, ईवीएम में जानकर, अटका ली है जान। जश्न हार

(स्वास्तिक ठाकुर, पांगी, चंबा) भारत और रूस लंबे अरसे से बेहद घनिष्ठ मित्र रहे हैं। कई विपरीत स्थितियों में दोनों देश एक-दूसरे का सहयोग करते रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ समय से पाकिस्तान और चीन की वजह से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव पैदा हो चला था। इस स्थिति से निश्चय ही वे लोग

बहस से भीगी हिमाचल विधानसभा ने इस बार राजनीति को भी मुचलके पर रखा है। हालांकि फिसलने के लिए इस बार भी विषय कम नहीं थे, लेकिन विपक्ष और सत्ता ने अपने दायरे की जुबान को सदन के भीतर ही रखा। इसे हम सदन की तारीफ में देखें या लोकतांत्रिक आवश्यकता के अनुरूप महसूस करें,

राजकुमार शर्मा साहित्य और पारंपरिक मीडिया अभी अपने अंतर्संबंधों को लेकर द्वंद्व में ही थे कि नए या सोशल मीडिया के आगमन ने दोनों को सिरे से हिलाकर रख दिया।  जिन प्रवृत्तियों ने साहित्य और पारंपरिक मीडिया के संबंधों में दरारें पैदा की थीं, उन्हीं प्रवृत्तियों ने पारंपरिक मीडिया और नए या सोशल मीडिया में

डा. देवकन्या ठाकुर दुनिया भर में फिल्मकारों ने महान साहित्यकारों की कृतियों से प्रेरित होकर कई बेहतरीन फिल्में रची हैं। हमारा फिल्म उद्योग उतना ही पुराना है जितना साहित्य से प्रेरित फिल्मों का निर्माण। भारत की पहली मूक फिल्म राजा हरिश्चंद्र पौराणिक कथा से प्रेरित थी। तब से लेकर आज तक देश में साहित्य प्रेरित