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लखनऊ—उत्तर प्रदेश सम्मिलित राज्य/प्रवर अधीनस्थ सेवा मुख्य परीक्षा...

700 साल पुराना है यह मंदिर शनिदेव के मंद गति से चलने के बारे में आपने बहुत सारी कहानियां पढ़ी होंगी। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि उनके पैर में जो दिक्कत आई थी, वह कैसे और कहां आई थी? ऐसी भी मान्यता है कि वह स्थान तमिलनाडु के पेरावोरानी के पास तंजावुर विलनकुलम

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने शुक्रवार को नीट....

गुरु पूर्णिमा अथवा व्यास पूर्णिमा आषाढ़ मास की पूर्णिमा को कहा जाता है। इस दिन गोवर्धन पर्वत की लाखों श्रद्धालु परिक्रमा देते हैं। बंगाली साधु सिर मुंडाकर परिक्रमा करते हैं क्योंकि आज के दिन सनातन गोस्वामी का तिरोभाव हुआ था। ब्रज में इसे ‘मुडि़या पूनों’ कहा जाता है। आज का दिन गुरु-पूजा का दिन होता

यूं तो समस्त हिमाचल प्रदेश का सौंदर्य देखते ही बनता है। यहां की सुरम्य चांदी सरीखी पहाडि़यां सैलानियों को जहां आत्मविभोर कर देती हैं, वहीं यहां के झील, झरने कलकल का नाद करते नदी-नालों के अनूठे दृश्य सैलानियों को विमोहित करते हैं। हिमाचल प्रदेश पर्यटन, धर्म और संस्कृति का एक अद्भुत संगम है। यहां के

मान्यता है कि पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान इस रमणीक स्थल पर पूजा-अर्चना कर शिवलिंग की स्थापना की थी। तभी से यह जगह तपोभूमि के रूप में विख्यात है। श्रद्धालु इसे झिरकेश्वर महादेव के नाम से भी पुकारते हैं। हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली से बड़ी संख्या में शिव भक्त यहां आते हैं… श्रावण मास

परिचर्चा-1 कोरोना वायरस की दवा बनाने के लिए पूरे विश्व के विशेषज्ञ प्रयत्न कर रहे हैं। इस दिशा में अभी तक किसी को भी शत-प्रतिशत सफलता नहीं मिली है। इस बीच योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि कंपनी ने कोरोना की दवा बना लेने का दावा किया और जिसे बाद में ‘इम्युनिटी बूस्टर’ की सीमा

5 जुलाई रविवार, आषाढ़, शुक्लपक्ष, पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा 6 जुलाई सोमवार, आषाढ़, कृष्णपक्ष, प्रथमा, श्रावण सोमवार व्रत शुरू 7 जुलाई मंगलवार, आषाढ़, कृष्णपक्ष, द्वितीया, मंगलागौरी व्रत प्रारंभ 8 जुलाई बुधवार, आषाढ़, कृष्णपक्ष, तृतीया, पंचक प्रारंभ 9 जुलाई बृहस्पतिवार, आषाढ़, कृष्णपक्ष, चतुर्थी 10 जुलाई शुक्रवार, आषाढ़, कृष्णपक्ष, पंचमी, नाग पंचमी 11 जुलाई शनिवार, आषाढ़, कृष्णपक्ष, षष्ठी

बाबा हरदेव कुछ समय पूर्व वैज्ञानिकों ने अपने अनुभवों के आधार पर यह सिद्ध किया है कि मनुष्य एक बैटरी की भांति है, जिसमें बड़ी लो वोल्टेज की ऊर्जा प्रवाहित हो रही है और मनुष्य के शरीर की गतिविध इस बहुत कम शक्ति वाली इस ऊर्जा से चल रही है। इस प्रकार हम कह सकते