विचार

(डा. राजन मल्होत्रा, पालमपुर ) कोटखाई में बिटिया से दुष्कर्म और फिर उसकी निर्मम हत्या ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया है। अपराध की लपटों से मुक्त रहा प्रदेश अभी तक विश्वास नहीं कर पा रहा है कि ऐसा प्रकरण भी यहां हो सकता है। ऊपर से प्रदेश पुलिस का इस मामले में रवैया

(पूनम भड़वाल, कोपड़ा, नूरपुर ) आखिर वही हुआ, जिसकी उम्मीद थी। बंगलूर सेंट्रल जेल में अन्नाद्रमुक नेता और जयललिता की करीबी रहीं वीके शशिकला के लिए स्पेशल किचन के कथित इंतजाम के लिए अपने बॉस से सार्वजनिक तौर पर उलझने वाली आईपीएस अधिकारी डी. रूपा का तबादला कर दिया गया है। इस एक प्रकरण ने

दैत्य कर रहे नृत्य ! (डा. सत्येंद्र शर्मा, चिंबलहार, पालमपुर ) देव पलायन कर रहे, देवभूमि से आज, धारा बहती अश्रुओं की, उन्हें आ रही लाज। उन्हें आ रही लाज, राज अब छोड़ रहे हैं, दैत्य विचरते, वो अब नाता तोड़ रहे हैं। दैत्य निगलते अमन-शांति, बैठे मुंह बाए, कत्ल, लूट, दुष्कर्म, नित्य प्रति बढ़ते

अनेक चिताओं के बीच अचानक हिमाचल अपनी चिंताओं से दहकने लगा। आक्रोश के टीले पर धधकते सवाल का आंचल कोटखाई से समूचे हिमाचल में मां के रिश्ते और बिटिया की सुरक्षा की पनाह मांगता है, तो उस मां की वेदना भी समझनी होगी, जो धर्मशाला में अपने बेटे मेजर शिखर थापा के शव से लिपट

पीके खुराना लेखक, वरिष्ठ जनसंपर्क सलाहकार और विचारक हैं अब समय आ गया है कि हम राष्ट्रपति प्रणाली अपनाएं, ताकि देश में कुछ विवेक का संचार हो सके। यह एक संयोग ही था कि उसी दिन मैंने भी ‘वह सुबह कभी तो आएगी’ शीर्षक से ट्वीट करके लिखा कि ‘काश हमारे देश में अमरीकी पद्धति

कस्टडी में किसी आरोपी के मरने से गुनाह और भी भयावह तथा कानून-व्यवस्था मटियाली हो जाती है तथा इस हिसाब से हिमाचल पुलिस कोटखाई प्रकरण में बदनामी का एक और घेरा खड़ा कर लेती है। हैरानी यह कि समाज के गुस्से से अविचलित पुलिस पुनः ऐसा प्रमाण दे रही है, जो जांच के प्रति घोर

(किशन सिंह गतवाल, सतौन, सिरमौर ) कश्मीर में आज यूं ही चीन तीसरा पक्ष बनने की कोशिश नहीं कर रहा। वह अपनी उपस्थिति ही दर्ज नहीं करवाना चाहता है, अपितु वह अपने 11 हजार सैनिकों की मदद से अपने मित्र देश पाकिस्तान को गलत एजेंडे को लागू करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है। चीन

(सुरेंद्र मिन्हास, बिलासपुर ) कोटखाई स्थान पर, दुष्टों ने किया जघन्य कांड, इसे सुन देश ही नहीं, कांप उठा ब्रह्मांड। दुष्टों ने इस मासूम को, जंगल में नोचा ऐसे, मृत जानवर को ज्यों नाले में, गिद्ध नोचते जैसे। हिम्मत कैसे आ जाती, कर जाते ऐसे अपराध, कानून का भी डर नहीं, नशे में हो जाते

(सुरेश कुमार, योल ) तमिलनाडु के विधायकों के वेतन में 100 फीसदी बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। तमिलनाडु के किसान दिल्ली में धरना-प्रदर्शन ही करते रह गए, उनकी किसी ने नहीं सुनी। धूप-बारिश में मेहनत करने वाले किसानों की यह दशा और एसी कमरों में बैठकर निर्णय लेने वालों की बल्ले-बल्ले। और