हीमोफिलिया का फ्री इलाज

By: Dec 15th, 2017 12:01 am

स्वास्थ्य विभाग ने आईजीएमसी-टीएमसी में शुरू की व्यवस्था

शिमला — प्रदेश में हीमोफिलिया की बीमारी से ग्रसित मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। प्रदेश के दो बड़े अस्पताल आईजीएमसी व टीएमसी में हीमोफिलिया की बीमारी का फ्री में इलाज किया जाएगा। जानकारी के अनुसार यह सुविधा दोनों अस्पतालों में शुरू हो चुकी है, लेकिन लोगों को पता न होने के कारण इस बीमारी से ग्रसित मरीज अस्पताल में इलाज के लिए नहीं पहुंच रहे हैं। शुरुआती दौर में स्वास्थ्य विभाग ने यह सुविधा प्रदेश के दो बड़े अस्पतालों में ही शुरू की है। बहुत जल्द अन्य सरकारी अस्पतालों में भी हीमोफिलिया की बीमारी का इलाज फ्री में करने की योजना है। पहले हीमोफिलिया की बीमारी के इलाज के लिए मरीजों को लगभग तीन लाख का खर्चा उठाना पड़ता था। मौजूदा समय में अगर कोई मरीज इस बीमारी का इलाज करवाने अस्पताल पहुंचते हैं, तो उन्हें फ्री में थैरेपी व इंजेक्शन लगाए जाएंगे। आईजीएमसी प्रशासन के अनुसार हीमोफिलिया की बीमारी खतरनाक के इलाज से लेकर जरूरत पड़ने पर इसकी दवाइयां भी फ्री में दी जाएगी। चिकित्सकों के अनुसार इसकी थैरेपी साल में चार बार होती है। हीमोफिलिया-बी से पीडि़त बच्चे को यदि छोटी सी भी चोट लग जाए, तो सामान्य लोगों की तुलना में ऐसे बच्चों में बहुत ज्यादा रक्त स्त्राव होता है और खून जल्दी नहीं जम पाता। साथ ही चिकित्सा जगत में इस बीमारी का कोई स्थायी उपचार भी नहीं होता। हीमोफिलिया बी, एक आनुवांशिक रक्त विकार है। यह माता-पिता से बच्चों में आने वाले जीन में खराबी से होने वाली बीमारी है।

3000 का लगता है एक इंजेक्शन

चिकित्सकों का कहना है कि हीमोफिलिया की बीमारी अगर किसी को हो जाती है, तो उन्हें एक इंजेक्शन ही 3000 का लगता है। इसके अलावा थैरेपी, दवाइयों के लिए भी हजारों रुपए खर्च हो जाते हैं। हीमोफिलिया का इलाज एक साल तक चलता है, जिसमें एक मरीज को लगभग तीन लाख तक का खर्च आ जाता है।

 


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