जांच में सहयोग न देने वालें लिपिकों की ट्रांसफर
देहरादून— बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत कुछ फर्जी शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच हेतु गठित विशेष अन्वेषण दल तथा शिक्षा विभाग की संयुक्त बैठक सचिवालय सभागार में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने एसआईटी द्वारा प्रचलित जांचों की प्रगति की समीक्षा की। इस चर्चा के दौरान उप शिक्षा अधिकारी बहादराबाद के दो लिपिक संवर्ग कर्मियों पवन कुमार एवं मनोज चौहान द्वारा जांच में सहयोग न देने की शिकायत पर उनका स्थानातरंण तत्काल दूरस्थ जनपदों में करने निर्देश शिक्षा मंत्री द्वारा दिए गए। उन्होंने एसआईटी द्वारा संस्तुत 20 प्रकरणों पर शीघ्र दोषी शिक्षकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए तथा ऐसे प्रकरणों में नियुक्ति में दोषी नियोक्ता अधिकारी पर भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। ज्ञातव्य है कि गत पांच वर्षों में प्राथमिक विद्यालयों में नियुक्त शिक्षकों की शासन द्वारा सम्यक विचारोपरांत जांच किए जाने के साथ-साथ इंटर कॉलेज में कार्यरत कुछ शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए जाने की सूचना प्राप्त होने की जांच एसआईटी से कराई जाने का निर्णय लिया गया है, जिसके क्रम में वर्ष 2012 से 2016 तक नियुक्त किए गए 7047 शिक्षकों की सेवा संबंधित अभिलेख शिक्षा विभाग द्वारा एसआईटी को उपलब्ध कराए गए, जिनमें से 10485 अभिलेख बाद सत्यापन प्राप्त हो चुके हैं तथा उक्त के अतिरिक्त विभिन्न माध्यम से प्राप्त 365 शिक्षकों से संबंधित शिकायतों में से 161 शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है। इस बैठक में प्रभारी एसआईटी सुश्री श्वेता चौबे ने शिक्षा मंत्री को अवगत कराया की कि 42 अध्यापकों के नियुक्ति संबंधित अभिलेखों के सत्यापन की कार्रवाई में से अब तक 20 प्रकरणों पर प्राथमिकी दर्ज करने की संस्तुति शिक्षा निदेशालय को प्रेषित कर चुकी है तथा 22 प्रकरणों पर विवेचना गतिमान है। उन्होंने कहा कि प्रमाण पत्र अभिलेखों के जांच के लिए कतिपय विश्वविद्यालयों-महाविद्यालयों द्वारा जांच शुल्क की मांग की जाती है। उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा प्रमाण पत्रों की जांच के लिए शुल्क माफ होनी चाहिए इस पर शिक्षा मंत्री द्वारा भी प्रभावी पैरवी करने का आश्वासन दिया गया तथा इस हेतु यदि धन की आवश्यकता हो तो वह शिक्षा विभाग से दिलाने के निर्देश दिए। इस बैठक में आलोक शेखर समेत कई अधिकारी उपस्थित थे।
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