नौणी में गीतांजलि होस्टल छात्राओं का

By: Dec 2nd, 2018 12:10 am

नौणी—राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने युवा कृषि वैज्ञानिकों का आह्वान किया कि वे शून्य बजट प्राकृतिक खेती के विषय में खेतों में जाकर अनुसंधान करें। राज्यपाल शनिवार को डा. यशवंत सिंह परमार बागबानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी सोलन के 34वें स्थापना दिवस के अवसर पर उपस्थित प्राध्यापकों एवं छात्रों को संबोधित कर रहे थे। आचार्य देवव्रत ने इससे पूर्व विश्वविद्यालय में 2.50 करोड़ रुपए की लागत से 80 छात्राआंे के लिए निर्मित गीतांजलि छात्रावास का लोकार्पण किया। उन्होंने सुभाष पालेकर कृषि अनुसंधान खंड का भ्रमण भी किया।  आचार्य देवव्रत ने इस अवसर पर डा. एसके गुप्ता द्वारा लिखित पुस्तक ‘डिजीज प्रॉब्लम्स इन वेजिटेबल प्रोडक्शन’ तथा डा. ऐके नाथ द्वारा लिखित पुस्तक ‘ऑब्जेक्टिव बायोकेमिस्ट्री एंड बायोटेक्नोलॉजी’ का विमोचन भी किया। विश्वविद्यालय के कुलपति डा. एचसी शर्मा ने मुख्यातिथि का स्वागत किया। इस दौरान राज्यपाल ने डा यशवंत सिंह परमार बागबानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के पूर्व कुलपति डा. आरपी अवस्थी, डा. एसएस नेगी, डा जगमोहन सिंह, डा. केआर धीमान तथा डा विजय सिंह ठाकुर, विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डा. सतीश शर्मा, डा. एसआर धीमान, डा. कमल शर्मा, डा. एचपी सांख्यान, डा. राकेश शर्मा, ललित भारद्वाज, जीके शर्मा, एएस मास्टा, आरसी शर्मा, एचएस रावत, डा. किशोरी लाल, चित्रलेखा शर्मा, जियालाल, अशोक भारद्वाज तथा हरिमोहन, मेधावी छात्रों अमित गुलेरिया, अदितिका, शुभम रनौत, सुनिधि शर्मा, रितिश जम्वाल, आलिशा ठाकुर, लोकेश भनोट तथा ज्योत्सना रानी, प्रगतिशील किसान प्रकाश चंद राणा, किरण दत्ता तथा भूरानाथ को सम्मानित किया। वहीं आचार्य देवव्रत ने कहा कि आईजीएमसी व चंडीगढ़ पीजीआई सहित देश के बडे़ अस्पतालों में कैंसर के मरीजों की संख्या दिन व दिन बढ़ती जा रही है, जो कि आधुनिक खेती का कारण है। उन्होंने कहा कि 25 प्रतिशत कैंसर के मरीज उन जगहों से आ रहे हैं, जहां पर सेब सीजन होता है। अंधाधुध कीटनाशकों का प्रयोग किया जाता है। उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों को शून्य लागत प्राकृतिक खेती पर अधिक से अधिक शोध कर उसे किसानों तक पहुंचाया जाना चाहिए, ताकि आधुनिक कीटनाशकों से होने वाली खेती के दुष्परिणामों से बचा जा सके।

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