हर सरकार ने शिक्षा को बताया प्राथमिकता, पर राजनीतिक लाभ को रखा सर्वोपरि अजय ठाकुर-गगरेट शिक्षा के क्षेत्र में कभी देश भर में अव्वल आंके गए हिमाचल प्रदेश में शिक्षा हर सरकार की प्राथमिकता रही है। शिक्षा के क्षेत्र में कुछ अलग कर दिखाने का जज्वा लिए पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कार्यकाल में हर

अतिरिक्त जिला, सत्र न्यायाधीश चंबा मोहित बंसल की अदालत ने सुनाया फैसला दिव्य हिमाचल ब्यूरो-चंबा अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश चंबा मोहित बंसल की अदालत ने महिला से दुष्कर्म के मामले में नामजद दीप उर्फ बिटू पुत्र लेखराज वासी गांव बोंदेड़ी तहसील चुराह को दोषी करार देते हुए दस वर्ष के कठोर कारावास और कुल

कई समस्याओं से जूझ रहे विस्थापितों ने एकमत होकर लिया निर्णय निजी संवाददाता-चांदपुर बिलासपुर जिला के हजारों परिवार भाखड़ा डैम आने से पानी की बलि चढ़े थे। आज तक भाखड़ा विस्थापित परिवार उस उजडऩे का दर्द झेल रहे हैं तथा सही तरीके से विस्थापितों का बसाव तक नहीं हो पाया है। प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति

कार्यालय संवाददाता पांवटा साहिब वन विभाग की गठित टीम ने गरीब नाथ उतर बीट में खनन करते एक ट्रैक्टर पकड़ा। इस दौरान खनन समाग्री सहित पकड़े ट्रैक्टर का चालान कर जुर्माना वसूल किया गया है। वन टीम में शामिल वन खंड अधिकारी सुमंत कुमार, वन रक्षक अनवर अली, रणवीर सिंह, संदीप कुमार की टीम ने

चांजू पावर प्रोजेक्ट के काम के दौरान झपटा काल, हादसे में घायल अन्य मजदूर का मेडिकल कालेज चंबा में चल रहा इलाज दिव्य हिमाचल ब्यूरो-चंबा चुराह उपमंडल की ग्राम पंचायत देहरा में निर्माणाधीन चांजू पावर प्रोजेक्ट चरण-तीन में पहाड़ी से अचानक लुढक़े पत्थरों की चपेट में आने से एक कामगार की मौत हो गई, जबकि

कार्यालय संवाददाता- पांवटा साहिब जिला सिरमौर निजी बस ऑपरेटर सोसायटी की नई कार्यकारिणी के गठन को लेकर बैठक हुई, जिसकी अध्यक्षता अर्जुन सिंह नागरा व मामराज शर्मा की ने की। इस बैठक में सर्वसम्मति से नई कार्यकारिणी का गठन हुआ, जिसमें अतर सिंह पुंडीर को चेयरमैन व बलविंदर सिंह को प्रधान चुना गया। साथ ही

परशुराम राजा प्रसेनजित की पुत्री रेणुका और भृगुवंशीय जमदग्नि के पुत्र थे। वे विष्णु के अवतार और शिव के परम भक्त थे। इन्हें शिव से विशेष परशु प्राप्त हुआ था। इनका नाम तो राम था, किंतु शंकर द्वारा प्रदत्त अमोघ परशु को सदैव धारण किए रहने के कारण ये परशुराम कहलाते थे। परशुराम भगवान विष्णु के दस अवतारों में से छठे अवतार थे, जो वामन एवं रामचंद्र के मध्य में गिना जाता है। जमदग्नि के पुत्र होने के कारण ये जामदग्न्य भी कहे जाते हैं। इनका जन्म अक्षय तृतीया (वैशाख शुक्ल तृतीया) को हुआ था। अत: इस दिन व्रत करने और उत्सव मनाने की प्रथा है। परंपरा के अनुसार इन्होंने क्षत्रियों

अमावस्या की तिथि का हिंदू धर्म में बड़ा ही महत्त्व बताया गया है। जिस तिथि में चंद्रमा और सूर्य साथ रहते हैं, वही ‘अमावस्या’ तिथि है। इसे ‘अमावसी’ भी कहा जाता है। अमावस्या माह की तीसवीं तिथि होती है। कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को कृष्ण पक्ष प्रारंभ होता है तथा अमावस्या को समाप्त होता है। अमावस्या पर सूर्य और चंद्रमा का अंतर शून्य हो जाता है... नामकरण

अक्षय तृतीया वैशाख शुक्ल तृतीया को कहा जाता है। वैदिक कैलेंडर के चार सर्वाधिक शुभ दिनों में से यह एक मानी गई है। अक्षय से तात्पर्य है जिसका कभी क्षय न हो अर्थात जो कभी नष्ट नहीं होता। भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के वृंदावन में ठाकुर जी के चरण दर्शन इसी दिन होते हैं। अक्षय तृतीया को भगवान विष्णु ने परशुराम अवतार लिया था। अत: इस दिन व्रत करने और उत्सव मनाने की प्रथा है..