यह कैसा अस्पताल, तीन घंटे लंच का प्रावधान

By: Jan 8th, 2022 12:01 am

बीएसएल अस्पताल सुंदरनगर का कारनामा, मरीजों को नहीं मिलता कोई स्टाफ

स्टाफ रिपोर्टर — सुंदरनगर

बीएसएल परियोजना के सुंदरनगर स्थित अस्पताल में सरेआम अव्यवस्था का आलम देखने को मिला है, जिसका सीधे तौर पर असर आम जनता, मरीजों और उनके साथ आए तीमारदारों पर पड़ा है। आलम यह है कि शक्रवार को अस्पताल में बुजुर्ग लोग जब दोपहर बाद अस्पताल में पहुंचे, तो वहां पर कोई भी स्टाफ मौके पर मौजूद न होने की सूरत में बेरंग होकर बिना इलाज करवाए ही घर पहुंचने को विवश दिखे। हुआ यूं कि जैसी ही बुजुर्ग लोग अस्पताल परिसर में पहुंचे, तो वहां पर तैनात कर्मी ने यह कहकर वापस लौटा दिया कि लंच का टाइम हुआ है और 3:30 बजे के बाद ही स्टाफ यहां पर आएगा। इसके चलते बुजुर्ग लोग मायूस होकर बिना उपचार करवाएं ही खाली हाथ अपने घर लौटने को विवश दिखे। सबसे हैरत वाला पहलू यहां पर यह है कि शायद ही स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में यह एक ऐसा अस्पताल होगा जहां पर लंच के दौरान कोई भी स्टाफ मौके पर मौजूद न रहता हो। स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में सरकार 24 घंटे आम जनता के लिए सेवाएं मुहैया करवाने का दावा करती हैं, लेकिन यहां पर भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड के ब्यास सतलुज लिंक परियोजना के अधीन चल रहे अस्पताल में इन दावों की पोल खुल कर सामने आई है। जहां पर दोपहर 1:30 से लेकर 3:30 बजे तक अस्पताल के प्रबंधन स्टाफ, डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ का लंच ही खत्म नहीं होता है। ऐसे में इस इतने लंबे तीन घंटे के अंतराल के लंच के समय मरीज विवश होकर बिना उपचार करवाएं ही लौटता नजर आता हैं। बावजूद इसके अस्पताल का प्रबंधन वर्ग स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ आम जनता और उनके साथ आए तीमारदार और मरीजों का सहयोग करने की बजाय उन्हें कोई भी समय रहते उचित मार्गदर्शन इस दौरान नहीं दिया जाता है। आम जनता ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर स्वास्थ्य मंत्री और सुंदरनगर के विधायक राकेश जम्वाल व जिला प्रशासन से मांग की है कि इस दिशा में उचित कदम उठाए जाएं।

इस बारे में बीएसएल परियोजना के हैडक्वार्टर अधीक्षण अभियंता कश्मीर सिंह ठाकुर ने कहा कि वह अस्वस्थ हैं और अभी हाल ही में ही कार्यालय में ज्वाइन किया है, लेकिन जल्द ही वस्तुस्थिति की रिपोर्ट तलब की जाएगी, जबकि डिप्टी चीफ इंजीनियर वीके मीणा ने भी संतोषजनक जबाव देने के बजाय पल्ला झाडऩा ही उचित समझा और कहा कि यह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर अस्पताल का एरिया आता है। वहीं अस्पताल के डॉक्टर कोहली का कहना है कि यह बीएसएल प्रबंधन का ही पैटर्न है कि दोपहर 1:30 से 3:30 बजे तक दोपहर भोजन का समय तय किया गया है। उधर, अस्पताल के पीएमओ डा. देशराज शर्मा का कहना है कि वह अपने दौरे के दौरान सलापड़ में है और इस संदर्भ में रिपोर्ट तलब कर दी जाएगी। बीएसएल परियोजना के प्रबंधन वर्ग ने ही दोपहर 1:30 बजे से लेकर दोपहर बाद 3:30 बजे तक दोहपर भोजन का समय रखा गया है, लेकिन फिर भी आपातकाल के समय में सेवा देने के लिए स्टाफ 24 घंटे तैनात रहता है। अगर इस तरह की अव्यवस्था का आलम बना हुआ है, तो मौके पर तैनात स्टाफ से जवाब तलबी की जाएगी और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।


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