डा. अश्विनी महाजन, कालेज एसोशिएट प्रोफेसर

इसके साथ-साथ हमारा व्यापार घाटा भी अभूतपूर्व तरीके से बढ़ गया। व्यापार घाटे की वृद्धि का सीधा असर डॉलरों की मांग पर पड़ा और रुपए का अवमूल्यन होता गया। लेकिन पिछले लगभग दो वर्षों से सरकार के ऐसे कई प्रयास देखने को मिल रहे हैं, जिससे आयातों पर हमारी निर्भरता आने वाले समय में कम

सीएमआईई की प्रेस विज्ञप्ति में 2014 के आंकड़ों के आधार पर आकलित रोजगार की लोच को आधार बनाकर 2022 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था में रोजगार के आंकड़ों की कल्पना की जा रही है जो वास्तव में हास्यास्पद है। भारत सरकार को जल्द रोजगार के आंकड़ों का सही चित्र प्रस्तुत करना चाहिए… सीएमआईई नामक संस्था ने

अपनी स्वतंत्रता अक्षुण्ण रखने के लिए जरूरी है कि देश आर्थिकी, प्रौद्योगिकी, सैन्य और खाद्य पदार्थ, सभी दृष्टि से मजबूत हो। तभी कुत्सित इरादों से हम बच सकते हैं… रूसी राष्ट्रपति पुतिन के द्वारा पूर्वी यूक्रेन में विशेष सैनिक कार्रवाई के लिए अनुमति देने के बाद, 24 फरवरी 2022 से चल रहे यूक्रेन पर आक्रमण

आज जब भारत न केवल वैक्सीन निर्माण और अपनी संपूर्ण जनसंख्या को वैक्सीन लगाने में सफल हो रहा है, दुनिया के दूसरे मुल्कों की अपेक्षा कहीं बेहतर तरीके से संक्रमण से निपट रहा है, दवाइयों और उपकरणों के मामले में लगभग आत्मनिर्भर हो रहा है, विश्व स्वास्थ्य संगठन भारत में कोविड से होने वाली मौतों

आज देश आत्मनिर्भरता के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। उसके लिए जरूरी है कि हम अधिक से अधिक घरेलू संसाधनों से निवेश को बढ़ाते हुए देश का विकास करें। कई देशों ने विदेशी पूंजी पर निर्भर होकर अपने लिए मुश्किलें बढ़ाई हैं… यूं तो बचत एक वरदान है। बचत करते हुए हम न केवल

श्रीलंका के उधार के इस संकट के पीछे चीन की ऋणजाल में फंसाने की पुरानी रणनीति भी है। केवल श्रीलंका ही नहीं, विश्व के बीसियों देश चीन के ऋणजाल में फंस चुके हैं। वैश्विक स्तर पर अंतरराष्ट्रीय संस्था को एकजुट होकर चीन के इस कुत्सित प्रयास का जवाब देना होगा… पिछले कुछ समय से श्रीलंका

आज जब भारत प्रतिरक्षा के साजो-सामान, इलैक्ट्रॉनिक, टेलीकॉम, रसायन, उपभोक्ता वस्तुएं आदि सभी में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहा है, अंतरराष्ट्रीय भुगतानों की दृष्टि से हम अमरीका और यूरोप जैसे देशों की मनमर्जी के अधीन न रहें… प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध से उत्पन्न स्थितियों

आज जब देश की खाद्य नियामक संस्था इस बाबत निर्णय लेने जा रही है तो देश के लोगों की स्वास्थ्य रक्षा पहला उद्देश्य होना चाहिए, न कि कंपनियों के लाभ का… हाल ही में फूड एंड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथारिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने खाने-पीने की वस्तुओं की पैकिंग के लेबल (एफओपीएल) के लिए खाद्य पदार्थ

मेडिकल शिक्षा में आत्मनिर्भरता हेतु आज निजी और सार्वजनिक शिक्षा संस्थानों, बिजनेस घरानों और अन्य उद्यमियों के लिए यह एक अवसर भी है और चुनौती भी… रूस द्वारा यूक्रेन पर युद्ध करने के बाद जब यूक्रेन में फंसे भारतीयों की बात सामने आई तो एक बात जिसकी जानकारी सरकार और कुछ अन्य लोगों को थी,

सैकड़ों भारतीय यूनिकॉर्न या तो फ़्िलप हो गए हैं या विदेशी हो गए हैं, जिनके भारतीय संस्थापकों ने उन्हें भारत में शुरू किया था। लगभग सभी ने भारतीय संसाधनों का उपयोग करके अपनी बौद्धिक संपत्ति विकसित की है… भारत को अपने स्टार्टअप पर अत्यधिक मूल्य बढ़ाने और देश के सकल घरेलू उत्पाद में योगदान पर