डा. अश्विनी महाजन, कालेज एसोशिएट प्रोफेसर

आज देश आत्मनिर्भरता के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। उसके लिए जरूरी है कि हम अधिक से अधिक घरेलू संसाधनों से निवेश को बढ़ाते हुए देश का विकास करें। कई देशों ने विदेशी पूंजी पर निर्भर होकर अपने लिए मुश्किलें बढ़ाई हैं… यूं तो बचत एक वरदान है। बचत करते हुए हम न केवल

श्रीलंका के उधार के इस संकट के पीछे चीन की ऋणजाल में फंसाने की पुरानी रणनीति भी है। केवल श्रीलंका ही नहीं, विश्व के बीसियों देश चीन के ऋणजाल में फंस चुके हैं। वैश्विक स्तर पर अंतरराष्ट्रीय संस्था को एकजुट होकर चीन के इस कुत्सित प्रयास का जवाब देना होगा… पिछले कुछ समय से श्रीलंका

आज जब भारत प्रतिरक्षा के साजो-सामान, इलैक्ट्रॉनिक, टेलीकॉम, रसायन, उपभोक्ता वस्तुएं आदि सभी में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहा है, अंतरराष्ट्रीय भुगतानों की दृष्टि से हम अमरीका और यूरोप जैसे देशों की मनमर्जी के अधीन न रहें… प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कहा है कि रूस-यूक्रेन युद्ध से उत्पन्न स्थितियों

आज जब देश की खाद्य नियामक संस्था इस बाबत निर्णय लेने जा रही है तो देश के लोगों की स्वास्थ्य रक्षा पहला उद्देश्य होना चाहिए, न कि कंपनियों के लाभ का… हाल ही में फूड एंड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथारिटी ऑफ इंडिया (एफएसएसएआई) ने खाने-पीने की वस्तुओं की पैकिंग के लेबल (एफओपीएल) के लिए खाद्य पदार्थ

मेडिकल शिक्षा में आत्मनिर्भरता हेतु आज निजी और सार्वजनिक शिक्षा संस्थानों, बिजनेस घरानों और अन्य उद्यमियों के लिए यह एक अवसर भी है और चुनौती भी… रूस द्वारा यूक्रेन पर युद्ध करने के बाद जब यूक्रेन में फंसे भारतीयों की बात सामने आई तो एक बात जिसकी जानकारी सरकार और कुछ अन्य लोगों को थी,

सैकड़ों भारतीय यूनिकॉर्न या तो फ़्िलप हो गए हैं या विदेशी हो गए हैं, जिनके भारतीय संस्थापकों ने उन्हें भारत में शुरू किया था। लगभग सभी ने भारतीय संसाधनों का उपयोग करके अपनी बौद्धिक संपत्ति विकसित की है… भारत को अपने स्टार्टअप पर अत्यधिक मूल्य बढ़ाने और देश के सकल घरेलू उत्पाद में योगदान पर

भारत ने ट्रिप्स प्रावधानों में छूट की गुहार लगाई है, किंतु कई देश अड़ंगा डाल रहे हैं। ऐसे में सरकार को ये अनिवार्य लाइसेंस तुरंत देने चाहिएं ताकि महामारी से त्रस्त जनता को कंपनियों के शोषण से बचाया जा सके… आज कोरोना वायरस, जिसे चीनी या वुहान वायरस भी कहा जा रहा है, ने लगभग

आज इस महामारी ने हमारी आंखें खोल दी हैं। देश की अर्थव्यवस्था, रोजगार और अस्मिता बचाने का शायद आत्मनिर्भरता यानी ‘स्वदेशी’ ही एक सही रास्ता है। इसलिए हमें स्वदेशी के विचार को मजबूत करना होगा… हाल ही में अमरीकी प्रशासन द्वारा इस महामारी में जनता के सुरक्षा कवच के नाते भारत के वैक्सीन उत्पादन के

यह सही है कि भारत सरकार के प्रयास से इस ‘स्वामीएच’ फंड को शुरू किया गया है, लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं कि यह कोई सरकारी सबसिडी योजना है। यह एक निवेश फंड है, जिसमें 50 प्रतिशत भागीदारी केंद्र सरकार की है और शेष में 13 संस्थाओं का योगदान है, जिनमें भारतीय स्टेट बैंक,