डा. अश्विनी महाजन, कालेज एसोशिएट प्रोफेसर

इस कारण से भी दुनिया भर के निवेशक भारत की ओर रुख करने के लिए बाध्य हो जाएंगे। हालांकि आयात-निर्यात के बीच अभी बड़ा अंतर दिखाई दे रहा है, लेकिन देश में बढ़ते हुए उत्पादन से यह अंतर घटने वाला है। लगातार बढ़ते प्रत्यक्ष विदेशी निवेश और मजबूत फंडामेंटल रुपए को मजबूती की ओर ले

यह सही है कि भारत समेत दुनिया के मुल्क यह मानते हैं कि दुनिया में शांति पुन: स्थापित होनी चाहिए, रूस को अब इस युद्ध को बंद करना चाहिए। उनकी संवेदनाएं यूक्रेन के लोगों के साथ हैं, लेकिन साथ ही साथ दुनिया के मुल्क अमरीका और यूरोप के देशों द्वारा लगाए जा रहे आर्थिक प्रतिबंधों

हालांकि संयुक्त राज्य अमरीका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव ने 8 जून 2022 को बंदूकों की बिक्री को प्रतिबंधित करने वाला एक बिल पारित किया है, लेकिन इसकी बहुत कम संभावना है कि यह बिल कानून बन जाएगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि रिपब्लिकन पार्टी सीनेट में बिल का विरोध करने के लिए दृढ़ है। कोई नहीं

इन दिनों युद्ध कंप्यूटर रूम में लड़े जाते हैं, तकनीकी रूप से मिसाइलों का उपयोग करते हुए, हवाई हमलों के माध्यम से कालीन बमबारी आदि युद्ध के मुख्य तरीके बन चुके हैं। इसलिए उस दृष्टिकोण से, हमें सेना के इष्टतम आकार पर काम करने की आवश्यकता है। हमारी जैसी स्थिति वाले अन्य देशों पर नजर

12वां सम्मेलन, ऐसा पहला सम्मेलन था जहां उन्हें विकासशील देशों के कुछ प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। इससे एक उम्मीद जगी थी कि टैरिफ अधिस्थगन आखिरकार खत्म हो जाएगा। लेकिन इस लड़ाई में भी हार हुई और लाभ, जो निकट दिख रहा था, फिर से विकासशील देशों के हाथों से निकल गया जो स्थगन को

ऐसे में चीन की बेल्ट रोड योजना की सफलता को रोकना उनके लिए महत्त्वपूर्ण होगा। आने वाले समय में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय ताकतों द्वारा अपने-अपने हितों की रक्षा की रस्साकशी के अंतिम परिणाम के बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन माना जा सकता है कि चीन की बेल्ट रोड योजना लक्ष्य तक पहुंच पाएगी,

बड़ी बात यह है कि इन एप्स ने बड़ी मात्रा में विदेशी निवेशकों से निवेश लिया हुआ है और उनका एकमात्र उद्देश्य लोगों को जुए की लत लगाना है। इन एप्स का डिजाइन ही लत लगाने वाला है। यही नहीं, कई तथाकथित कौशल आधारित गेम्स के साफ्टवेयर के साथ छेड़छाड़ कर ग्राहकों को बेवकूफ बनाकर

हालांकि अभी तक केवल विदेशी कंपनियों ने ही हाईड्रोजन ईंधन प्रौद्योगिकी विकसित की है, लेकिन हाल ही में भारत के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी ने स्वयं के लिए एक लक्ष्य निर्धारित किया है कि अगले कुछ वर्षों में वे नवीकरणीय ऊर्जा में 75 अरब डॉलर का निवेश करेंगे। कहा जा रहा है कि उनके

इसके साथ-साथ हमारा व्यापार घाटा भी अभूतपूर्व तरीके से बढ़ गया। व्यापार घाटे की वृद्धि का सीधा असर डॉलरों की मांग पर पड़ा और रुपए का अवमूल्यन होता गया। लेकिन पिछले लगभग दो वर्षों से सरकार के ऐसे कई प्रयास देखने को मिल रहे हैं, जिससे आयातों पर हमारी निर्भरता आने वाले समय में कम

सीएमआईई की प्रेस विज्ञप्ति में 2014 के आंकड़ों के आधार पर आकलित रोजगार की लोच को आधार बनाकर 2022 के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था में रोजगार के आंकड़ों की कल्पना की जा रही है जो वास्तव में हास्यास्पद है। भारत सरकार को जल्द रोजगार के आंकड़ों का सही चित्र प्रस्तुत करना चाहिए… सीएमआईई नामक संस्था ने