भूपिंदर सिंह

हिमाचल प्रदेश की अधिकांश आबादी गांव में रहती थी। वहां पर सवेरे-शाम  वर्षों पहले विद्यार्थी अपने अभिभावकों के साथ कृषि व अन्य घरेलू कार्यों में सहायता करता था। विद्यालय आने-जाने के लिए कई किलोमीटर दिन में पैदल चलता था। इसलिए उस समय के विद्यार्थी को किसी भी प्रकार के फिटनेस कार्यक्रम की कोई जरूरत नहीं

विद्यालय के प्रधानाचार्यों व शारीरिक शिक्षा के अध्यापकों को चाहिए कि वे खेल सुविधा व प्रतिभा के अनुसार अपने विद्यालय में अच्छे प्रशिक्षकों के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएं ताकि हिमाचल के खिलाडिय़ों को विद्यालय में उच्च स्तरीय प्रशिक्षण सुविधा उपलब्ध हो सके… हिमाचल प्रदेश में सैकड़ों खिलाड़ी खेल आरक्षण के अंतर्गत विभिन्न विभागों में नौकरी

आज के विद्यार्थी को अगर कल का अच्छा नागरिक बनाना है तो हमें विद्यालय व घर पर उसके लिए सही फिटनेस कार्यक्रम देना होगा। बचपन से युवावस्था जैसे पढ़ाई का सही समय है, उसी प्रकार शारीरिक विकास का समय भी यही है। तभी देश को फिट नागरिक मिलेंगे… शिक्षा का अर्थ मानव का शारीरिक व

देश के लिए पदक विजेता प्रदर्शन करवाने वाले नामी प्रशिक्षकों को अब भारत सरकार का खेल मंत्रालय भी दो लाख रुपए राशि प्रति माह की सीमा को हटा करके विदेशी प्रशिक्षकों के बराबर एक करोड़ रुपए से अधिक वार्षिक  सम्मानजनक राशि पर अनुबंधित करने की बात कर रहा है। गुजरात सरकार भी अपने विशेषज्ञ प्रशिक्षकों

राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए कई वर्ष समाज से कट कर खिलाड़ी को कठिन परिश्रम करना पड़ता है। इस तरह वह पढ़ाई के साथ-साथ सामाजिक व आर्थिक रूप से भी पिछड़ जाता है। इसलिए ही उत्कृष्ट प्रदर्शन कर पदक विजेता खिलाडि़यों को काफी विचार-विमर्श के बाद ही खेल आरक्षण दिया गया है।

टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने के बाद जहां इस बात का श्रेय आशीष ने अपने प्रशिक्षकों, खेल प्रशासकों व अपनी मेहनत को दिया, वहीं पर अपने पिता के योगदान को भी आगे रखा। आशीष ने 2020 ओलंपिक के सफर की सफलता अपने स्वर्गीय पिता को समर्पित की है। ओलंपिक बहुत बड़ा खेल आयोजन है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रशिक्षक, खिलाड़ी व प्रशासन का आपसी समन्वय बहुत जरूरी है। इसी तरह महाराजा लक्ष्मण सेन स्मारक महाविद्यालय सुंदरनगर में तत्कालीन प्राचार्य डॉक्टर सूरज पाठक व शारीरिक शिक्षा के प्राध्यापक डॉक्टर पदम सिंह गुलेरिया ने मुक्केबाजी के लिए सुविधा उपलब्ध करवाई थी। सुंदरनगर प्रशिक्षण केंद्र में प्रशिक्षक नरेश कुमार के प्रशिक्षण से राष्ट्रीय

उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाला खिलाड़ी बनने के लिए स्कूल व कालेज समय में खिलाड़ी को अच्छी खेल सुविधा उपलब्ध करानी चाहिए। पूरे संसार में जहां के खिलाड़ी श्रेष्ठ हैं, वहां पर स्कूल व कालेज स्तर पर बहुत ही उत्तम खेल सुविधाएं मुहैया हैं। इस स्तर पर अगर हिमाचल प्रदेश में घटिया खेल सामान न खरीद

इन प्रशिक्षण केन्द्रों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता प्रदर्शन करवाने वाले अनुभवी प्रशिक्षकों को उत्कृष्ट प्रदर्शन करवाने की शर्तों पर पांच वर्षों के लिए अनुबंधित करना चाहिए ताकि हिमाचल प्रदेश की संतानों को भी हिमाचल प्रदेश में रह कर ही वह प्रशिक्षण सुविधा मिल सके। जब आप हर विद्यार्थी को फिटनेस के लिए खेल

हिमाचल प्रदेश के पास आज विभिन्न खेलों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्ले फील्ड तैयार हैं। वहां पर या तो प्रशिक्षक हैं ही नहीं और जहां हैं भी, वे या तो प्रशिक्षण से बेरुख हैं या उनमें अच्छे स्तर के खेल परिणाम दिलाने की क्षमता ही नहीं है। क्या हिमाचल सरकार पंजाब, गुजरात आदि राज्यों