डा. जयंतीलाल भंडारी

12 अप्रैल को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के द्वारा वर्ष 2022-23 के वैश्विक व्यापार वृद्धि अनुमान से 4.7 फीसदी से घटाकर 3 फीसदी किए जाने के मद्देनजर भारत के तेजी से बढ़ते हुए निर्यात पर भी असर होने के साथ-साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़ने की आशंका भी बढ़ेगी… हाल ही में वाणिज्य और उद्योग

हम उम्मीद करें कि यूक्रेन संकट के बीच खाद्यान्न प्रचुरता के कारण जहां पीएमजीकेएवाई के तहत इस साल अप्रैल से सितंबर तक 80 करोड़ गरीब लोगों को मुफ्त में राशन देने से उन्हें महंगाई से राहत मिलेगी, साथ ही भारत मौजूदा खाद्यान्न निर्यात अवसरों का लाभ लेकर अधिशेष खाद्यान्न के लिए नियमित और विश्वसनीय अन्न

हम उम्मीद करें कि हमारे ऐसे राज्य जो लोकलुभावन योजनाओं व ढेर सारी रियायतों के प्रतीक बन गए हैं, वे सबसे बुरे आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे श्रीलंका से सबक लेंगे। साथ ही केंद्र सरकार भी किसी नई लोकलुभावन व मुफ्त की सौगातों की योजनाओं पर ध्यान नहीं देगी… हाल ही में प्रधानमंत्री

उल्लेखनीय है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली को शुरू से आखिर तक डिजिटल करने का दोतरफा फायदा मिल रहा है। वाजिब उपभोक्ताओं को उनके हक का अनाज समय से प्राप्त हो रहा है, वहीं सरकारी खजाने का दुरुपयोग बंद हुआ है… यकीनन देश में आम आदमी के आर्थिक-सामाजिक कल्याण से संबंधित योजनाओं की अहमियत स्पष्ट दिखाई

ऐसे में अब कच्चे तेल के देश में अधिक उत्पादन व कच्चे तेल के विकल्पों पर ध्यान देना होगा। कच्चे तेल के वैश्विक दाम में तेजी के बीच तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) की एथनॉल मिश्रण कार्यक्रम में दिलचस्पी और बढ़ाना होगी। यद्यपि रूस से भारत का तेल आयात एक प्रतिशत से भी कम है, लेकिन

वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की वर्तमान कीमतों की तुलना में चार-पांच गुना कम लागत पर कच्चे तेल का विदोहन किया जा सकता है। देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के तेजी से उपयोग करने की रणनीति पर आगे बढ़ना होगा। ई-वाहनों को भविष्य का बेहतर विकल्प बनाना होगा… हाल ही में 13 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र

यद्यपि इस समय देश के कृषि परिदृश्य पर विभिन्न अनुकूलताएं हैं, लेकिन कृषि क्षेत्र को देश की नई आर्थिक शक्ति बनाने के लिए कई बातों पर विशेष ध्यान देना होगा। सरकार के द्वारा कृषि उपज का अच्छा विपणन सुनिश्चित किया जाना होगा। खराब होने वाले कृषि उत्पादों जैसे फलों और सब्जियों के लिए लॉजिस्टिक्स सुदृढ़

हम उम्मीद करें कि रूस और यूक्रेन युद्ध के संकट से निर्मित चुनौतियों के बीच भी रणनीतिपूर्वक भारत सेज का अधिकतम उपयोग करने के साथ मेक इन इंडिया को सफल बनाकर आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से आगे बढ़ेगा। हम उम्मीद करें कि भारत से खाद्यान्न निर्यात, विनिर्माण निर्यात और सेवा निर्यात बढ़ने से प्राप्त होने

हम उम्मीद करें कि कोविड-19 और आरसेप के कारण बदली हुई वैश्विक व्यापार व कारोबार की पृष्ठभूमि में भारत के द्वारा 18 फरवरी को यूएई के साथ किया गया एफटीए देश के वैश्विक व्यापार को बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। इससे देश से निर्यात बढ़ेंगे और बड़े पैमाने पर रोजगार के

निःसंदेह अब तक जहां चीन से आर्थिक निर्भरता कम करने के अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं हुए हैं, ऐसे में चीन से आर्थिक निर्भरता और व्यापार घाटा कम करने के लिए हमें तीन बातों पर ध्यान देना होगा। एक चीन से आयात नियंत्रित किए जाएं। दो, चीन को निर्यात बढ़ाए जाएं, तीन वोकल फॉर लोकल का