डा. जयंतीलाल भंडारी

एफडीआई बढ़ाने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान और मेक इन इंडिया को सफल बनाना होगा। भारत जल्द ही बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा… यकीनन वैश्विक मंदी की चुनौतियों के बीच भारत में रिकॉर्ड विदेशी निवेश का सुकूनदेह परिदृश्य उभरकर दिखाई दे रहा है। हाल ही में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक

हम उम्मीद करें कि पड़ोसी देशों नेपाल, श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान, म्यांमार और थाईलैंड के साथ भारत के आर्थिक-कारोबारी संबंधों का नया दौर तेजी से आगे बढ़ेगा। साथ ही भारत में पाकिस्तान के द्वारा की गई व्यापार प्रतिनिधि की नियुक्ति के बाद पाकिस्तान भी अब भारत से जरूरी वस्तुओं के लिए व्यापार-कारोबार बढ़ाने की डगर पर

यद्यपि देश के कुछ उत्पादक चीन के कच्चे माल का विकल्प बनाने में सफल भी हुए हैं, परंतु अभी इन क्षेत्रों में अतिरिक्त प्रयासों से चीन तथा अन्य देशों से आयात को कम किए जाने की जरूरत बनी हुई है। हम उम्मीद करें कि चालू वित्त वर्ष 2022-23 में अधिक निर्यात, मजबूत घरेलू मांग, विनिर्माण

आत्मनिर्भर भारत अभियान और मेक इन इंडिया को सफल बनाना होगा। देश में खाद्यान्न उत्पादन और खाद्यान्न निर्यात और अधिक बढ़ाने के रणनीतिक प्रयत्न किए जाने होंगे। अर्थव्यवस्था को डिजिटल करने की रफ्तार तेज करनी होगी… हाल ही में 26 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हैदराबाद के इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के छात्रों को

चूंकि खाद्य तेल भी देश के आयात बिल की प्रमुख मद है, अतएव केंद्र सरकार के द्वारा खाद्य तेलों के उत्पादन के लिए रणनीतिक रूप से आगे बढ़ना होगा। हम उम्मीद करें कि इस समय जब रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया में वैश्विक मंदी का परिदृश्य उभर रहा है, तब भारत आयात-निर्यात से संबंधित गुणवत्तापूर्ण

भारत ने एफटीए के ऐसे ही फायदों को मुठ्ठियों में लेने के लिए एफटीए की तरफ तेजी से कदम बढ़ाए हैं। हम उम्मीद करें कि कोविड-19 और रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बदली हुई वैश्विक व्यापार व कारोबार की पृष्ठभूमि में भारत के द्वारा यूएई और ऑस्ट्रेलिया के साथ एफटीए को मूर्तरूप देने के बाद अब

हम उम्मीद करें कि बिम्सटेक देश पांचवें शिखर सम्मेलन में सुनिश्चित किए गए संगठन के चार्टर और परिवहन मास्टर प्लान के क्रियान्वयन की डगर पर तेजी से आगे बढ़ेंगे। साथ ही आपसी कारोबार बढ़ाने के लिए शुल्क बाधाओं को दूर करने के साथ-साथ मंजूरी प्रक्रिया, नियमन और मानक जैसी बाधाओं के अविश्वास के संकट को

गौरतलब है कि कोरोना महामारी शुरू होने के बाद मोदी सरकार ने अप्रैल 2020 में गरीबों को मुफ्त राशन देने के लिए पीएमजीकेएवाई की शुरुआत की थी। पीएमजीकेएवाई के तहत लाभार्थी को उसके सामान्य कोटे के अलावा प्रति व्यक्ति पांच किलो मुफ्त राशन दिया जाता है। पीएमजीकेएवाई के तहत अप्रैल 2020 से लेकर इस साल

12 अप्रैल को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के द्वारा वर्ष 2022-23 के वैश्विक व्यापार वृद्धि अनुमान से 4.7 फीसदी से घटाकर 3 फीसदी किए जाने के मद्देनजर भारत के तेजी से बढ़ते हुए निर्यात पर भी असर होने के साथ-साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़ने की आशंका भी बढ़ेगी… हाल ही में वाणिज्य और उद्योग

हम उम्मीद करें कि यूक्रेन संकट के बीच खाद्यान्न प्रचुरता के कारण जहां पीएमजीकेएवाई के तहत इस साल अप्रैल से सितंबर तक 80 करोड़ गरीब लोगों को मुफ्त में राशन देने से उन्हें महंगाई से राहत मिलेगी, साथ ही भारत मौजूदा खाद्यान्न निर्यात अवसरों का लाभ लेकर अधिशेष खाद्यान्न के लिए नियमित और विश्वसनीय अन्न