डा. जयंतीलाल भंडारी

अब भारत के द्वारा विभिन्न देशों के साथ एफटीए के लिए वार्ताएं तेजी से पूरी करनी होंगी। रुपए को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के रूप में स्थापित करने के लिए अधिक प्रयास करने होंगे। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर को ज्यादा बढ़ावा देने पर ध्यान देना होगा। चूंकि वर्ष 2050 तक भारत की ऊर्जा मांग दोगुनी बढ़ जाएगी, ऐसे में इसके लिए भारत को अपने पारंपरिक और गैर-पारंपरिक ऊर्जा क्षेत्रों के बीच बेहतर तालेमल कर

हम उम्मीद करें कि 77वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री ने 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने का जो सपना संजोया है, उसके लिए अब वर्ष 2047 तक 7 से 7.5 फीसदी विकास दर के साथ देश की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ती हुई दिखाई देगी। उम्मीद करें कि तेजी से आर्थिक डग

निश्चित रूप से इस समय दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था के रूप में रेखांकित हो रहे भारत को 2027 तक दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था बनने की संभावनाओं को साकार करने के लिए कई बातों पर ध्यान देना होगा। टिकाऊ आर्थिक वृद्धि एवं निवेश साख को और मजबूत बनाना होगा। नई लॉजिस्टिक नीति, गति शक्ति योजना के

हमें इस वर्ष 2023 में जी-20 की अध्यक्षता के दौरान इस सम्मेलन की विभिन्न बैठकों में लगातार आते जा रहे विशिष्ट विदेशी प्रतिनिधियों को भारत के

हम उम्मीद करें कि नीति आयोग और संयुक्त राष्ट्र की बहुआयामी गरीबी संबंधी रिपोर्टों के मद्देनजर अब भारत में केंद्र व राज्य सरकारों के रणनीतिक प्रयासों से बहुआयामी गरीबी में और कमी आएगी। ऐसे में देश के आम आदमी की कार्यक्षमता बढ़ेगी और आर्थिक कल्याण के साथ देश के विकास की रफ्तार भी बढ़ेगी… इन

हम उम्मीद करें कि इस बार वल्र्ड इन्वेस्टमेंट रिपोर्ट 2023 में आठवें क्रम पर स्थित भारत नई लॉजिस्टिक नीति, गति शक्ति योजना के कारगर कार्यान्वयन, नीतिगत सुधारों, उत्पादों के कारोबार के लिए सिंगल विंडो मंजूरी, इन्फ्रास्ट्रक्चर, श्रमिकों के नए दौर के अनुरूप शिक्षण प्रशिक्षण के साथ-साथ विभिन्न आर्थिक और वित्तीय सुधारों से आगामी वर्ष 2024 की रिपोर्ट में बेहतर प्रदर्शन करेगा...

चूंकि देश ने वर्ष 2047 तक विकसित देश बनने का लक्ष्य रखा है, इस लक्ष्य को पाने के लिए आगामी 24 वर्षों तक लगातार करीब 7 से 8 फीसदी की दर से बढऩे के लिए राजकोषीय स्तर को संतोषप्रद बनाए रखना होगा। ऐसे में हम उम्मीद करें कि रिजर्व बैंक के द्वारा वित्त वर्ष 2022-23

पैक्स के स्तर पर भंडार गृह, प्रसंस्करण इकाई आदि कृषि व्यवस्थाएं निर्मित करके पैक्स को बहुउद्देश्यीय बनाया जाएगा और खाद्यान्न भंडारण में विविधता लाई जा सकेगी। ऐसे में अब खाद्य सुरक्षा को और मजबूत बनाने में नई भंडारण क्षमता की भूमिका महत्त्वपूर्ण है, वहीं खाद्य सुरक्षा के लिए जिन कई और बातों पर भी ध्यान

हम उम्मीद करें कि हमारी फार्मा कंपनियों और सरकार के द्वारा फार्मा से संबंधित शोध और नियमन में नवाचार पर आधारित ऐसे बदलाव किए जाएंगे जिससे हमारा फार्मा उद्योग गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के साथ दुनिया में और तेजी से बढ़ते हुए दिखाई देगा। ऐसे में एक ओर देश में पीएलआई योजना और अन्य सरकारी प्रोत्साहनों से

चूंकि भारत एक आधिकारिक आभासी मुद्रा, डिजिटल रुपए की घोषणा करने वाला प्रमुख देश है और अब चीनी डिजिटल मुद्रा युआन की तरह भारत के डिजिटल रुपए के भी तेजी से आगे बढऩे की संभावनाएं उभरकर सामने आएंगी। हम उम्मीद करें कि 23 मई से जिस तरह संतोषप्रद तरीके से 2000 रुपए के नोटों की