डा. जयंतीलाल भंडारी

इसमें कोई दो मत नहीं हैं कि नए संवत 2081 में पश्चिम एशिया में युद्ध के बढऩे पर शेयर बाजार में तेज गिरावट और महंगाई की चुनौतियों के बीच भी भारत अपने मजबूत आर्थिक घटकों और ऊंचाई पर स्थित 700 अरब डॉलर से अधिक के मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार से किसी भी आर्थिक जोखिम का सरलतापूर्वक सामना करने में सक्षम होगा। हम उम्मीद करें कि नए संवत 2081 में भारतीय शेयर बाजार की राह कठिन नहीं होगी, कारपोरेट आय को बढ़ावा मिलेगा और शे

इसमें कोई दो मत नहीं है कि विदेश व्यापार में भारत की नई संभावनाएं दुनिया के लिए नए मौके के रूप में हैं। ‘चीन प्लस वन’ रणनीति के तहत भारत दुनिया के सक्षम व भरोसेमंद देश के रूप में वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में नई भूमिका निभा रही है। हम उम्मीद करें कि इस समय पश्चिम एशिया में बढ़ते संघर्ष और रूस-यूक्रेन युद्ध के विस्तारित होने के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट के दौर के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था अपनी बहुआयामी विशेषताओं के कारण मजबूती के साथ आगे बढ़ेगी...

हमें अपने औद्योगिक ढांचे में बदलाव लाना होगा, अपनी कंपनियों को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए बदलाव को आकार देना होगा, अपनी कंपनियों पर प्रतिस्पर्धी होने का दबाव बनाने के लिए व्यापार नीति का इस्तेमाल करना होगा तथा सार्वजनिक शोध प्रणाली में परिवर्तन करना होगा...

हम उम्मीद करें कि 3 अक्टूबर को सरकार ने नई पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) और कृषोन्नति योजना (केवाई) के लिए जो एक लाख करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि सुनिश्चित की है, उससे देश के कृषि विकास का नया अध्याय लिखा जाएगा। साथ ही भारत ने गैर बासमती चावल के निर्यात का जो निर्णय लिया है, उससे लाभ होगा...

हम उम्मीद करें कि हाल ही में 19 सितंबर को वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने बंदरगाहों से निर्यात बढ़ाने के लिए जो महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, उनके कारगर क्रियान्वयन पर शुरू से ही ध्यान दिया जाएगा। हम उम्मीद करें कि वधावन देश के सबसे बड़े कंटेनर बंदरगाह के रूप में भारत के समुद्री व्यापार की नई धुरी बनेगा और भारत की आर्थिकी मजबूत होगी...

जहां कर्मचारी भविष्य निधि के तहत पेंशन योग्य वेतन की 15000 रुपए की सीमा को बढ़ाकर 25000 रुपए किया जाना उपयुक्त होगा, वहीं अटल पेंशन योजना को आकर्षक बनाया जाना लाभप्रद होगा। अटल पेंशन योजना में 5000 रुपए प्रति माह तक की गारंटीकृत न्यूनतम पेंशन योजना की राशि को दोगुना करके 10000 रुपए प्रति माह किया जाना उपयुक्त होगा...

विभिन्न आर्थिक एवं वित्तीय संगठनों की रिपोर्टों में भी इस बात का विश्लेषण किया जा रहा है कि लोगों को घरेलू बचत की योजनाओं तथा बैंकों में बचत की धनराशि जमा करने से मिलने वाले रिटर्न की तुलना में शेयर बाजार, म्यूच्युल फंड और अन्य भौतिक सम्पत्तियों में निवेश करने से अधिक रिटर्न मिल रहा है। अतएव घरेलू बचत में कमी आ रही है। यद्यपि घरेलू बचत के घटने की स्थिति चिंताजनक है, लेकिन घरेलू बचत का घटना किसी पारिवारिक या सामाजिक वित्तीय संकट की आहट नहीं है...

इस बात को भी समझना होगा कि चीन से व्यापारिक असंतुलन की गंभीर चुनौती के लिए सिर्फ सरकार ही जिम्मेदार नहीं है। चीन के साथ व्यापार असंतुलन के लिए सीधे तौर पर देश का उद्योग-कारोबार और देश की कंपनियां भी जिम्मेदार हैं, जिनके द्वारा कलपुर्जे सहित संसाधनों के विभिन्न स्रोत और मध्यस्थ विकसित करने में अपनी प्रभावी भूमिका नहीं निभाई गई है। साथ ही देश की बड़ी कंपनियों को शोध एवं नवाचार के क्षेत्र में भी तेजी से आगे बढऩा होगा...

हम उम्मीद करें कि अगस्त 2024 में जिस तरह खुदरा उपभोक्ता महंगाई रिजर्व बैंक के द्वारा निर्धारित चार फीसदी के लक्ष्य से भी कम है, उसी तरह सरकार भविष्य में भी खुदरा महंगाई दर को नियंत्रित रखने के लिए प्रयास करेगी व नए दाम स्थिरीकरण कोष तथा खाद्य भंडारण व वेयरहाउसिंग के लिए किए गए बजट आवंटनों के उपयोग पर शुरुआत से ध्यान देगी...

यकीनन वित्तमंत्री सीतारमण के द्वारा पेश किया गया वर्ष 2024-25 का बजट उद्योगों को समृद्ध करने का भी बजट है। इस बजट के माध्यम से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूत करते हुए आयात घटाने व कृषि एवं वस्तु निर्यात बढ़ाने के अभूतपूर्व प्रावधान किए गए हैं। यह बात महत्त्वपूर्ण है कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर देश से निर्यात और रोजगार सृजन दोनों में अहम योगदान देता है और इसके प्रोत्साहन के लिए इस बजट में खास ख्याल रखा गया है...