डा. जयंतीलाल भंडारी विख्यात अर्थशास्त्री निःसंदेह देश में कृषि एवं ग्रामीण विकास की जो नई संभावनाएं उभरकर दिखाई दे रही हैं, उनमें नए कृषि कानून और अधिक सार्थक भूमिका निभाते हुए दिखाई दे सकेंगे। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष सहित विभिन्न आर्थिक संगठनों की नई रिपोर्टों के मुताबिक कोविड-19 की चुनौतियों के
डा. जयंतीलाल भंडारी विख्यात अर्थशास्त्री विभिन्न देशों द्वारा लागू किए गए कृषि व्यापार संबंधी कड़े तकनीकी अवरोधकों के कारण भी भारतीय खाद्य निर्यात की क्षमता प्रतिबंधित हुई है। निर्यात की जा रही कृषि मदों पर गैर-शुल्क बाधाएं, खाद्य गुणवत्ता सुरक्षा और स्वास्थ्य संबंधी मुद्दे अमरीकी और यूरोपीय संघ जैसे प्रमुख बाजारों में खाद्य उत्पादों के
डा. जयंतीलाल भंडारी विख्यात अर्थशास्त्री ऐसे में शहरों में नए रोजगार अवसर निर्मित करने के साथ-साथ गांवों में भी मनरेगा के तहत रोजगार अवसर बढ़ाए जाने होंगे। यहां यह उल्लेखनीय है कि मनरेगा पर चालू वित्त वर्ष 2020-21 के पिछले पांच महीनों में योजना पर कुल आबंटित रकम 101500 करोड़ रुपए का करीब 60 फीसदी
डा. जयंतीलाल भंडारी विख्यात अर्थशास्त्री निःसंदेह रोबोट से नौकरियां खोने का चिंताजनक परिदृश्य भारत में अधिक दिखाई देगा। ऐसे में हमें रोबोटिक्स की बढ़ती हुई वैश्विक उपयोगिता के बीच देश की विकास नीति में रोबोट की भूमिका पर भी विशेष विचार-मंथन अवश्य करना होगा। चूंकि देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की प्रतिस्पर्धा वैश्विक मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से
डा. जयंतीलाल भंडारी विख्यात अर्थशास्त्री स्पष्ट रूप से दूध उत्पादन अन्य कृषि कार्यों की तुलना में आसान है। दूध की खरीद, परिवहन और भंडारण प्रक्रिया आसान है। दूध हर मौसम में हर रोज उत्पादित होता है और खरीदा जाता है। दूध उत्पादन खरीद की प्रक्रिया में सरकारी कंपनियां नहीं बल्कि सहकारी समितियां शामिल होती हैं।