भारत के विकसित बनने संबंधी विषय पर विश्व बैंक के द्वारा एक अगस्त को प्रस्तुत रिपोर्ट भी उल्लेखनीय है। विश्व बैंक ने कहा है कि भारत को वर्ष 2047 तक विकसित देश बनाए जाने का संकल्प अत्यधिक चुनौतीपूर्ण है...
नए बजट के प्रावधानों से ऐसे में जहां भारत एक ओर अधिक रणनीतिक प्रयासों से भारतीय बाजार में चीन के प्रभुत्व को कम कर सकता है, वहीं दूसरी ओर दुनिया के बाजार में उद्योग-कारोबार, निर्यात और निवेश के अधिक मौकों को मुठ्ठियों में ले सकता है। हम उम्मीद करें कि वर्ष 2024-25 के नए बजट के तहत वित्तमंत्री सीतारमण ने मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात बढ़ाने के लिए 100 शहरों में प्लग एंड प्ले सुविधा वाले औद्योगिक पार्क और एमएसएमई को आयात घटाने व निर्यात बढ़ाने के लिए मजबूती के जो विकास कवच दिए हैं, उनसे भारत लक्ष्य के अनुरूप निर्यात बढ़ाने में सफल होगा...
निश्चित रूप से वित्तमंत्री सीतारमण ने 7 फीसदी से अधिक विकास दर का लक्ष्य रखते हुए तथा राजकोषीय घाटे को जीडीपी के करीब 4.9 फीसदी तक सीमित रखते हुए अर्थव्यवस्था को गतिशील करने, रोजगार अवसरों को बढ़ाने तथा विभिन्न वर्गों को राहत देने के लिए आर्थिक प्रोत्साहनों से सजा-धजा वर्ष 2024-25 का अभूतपूर्व बजट प्रस्तुत किया है। हम उम्मीद करें कि वर्ष 2024-25 के बजट के विभिन्न प्रावधानों के कारगर क्रियान्वयन से भारत 2027 तक दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा...
ऐसे में देश में आयकर संग्रहण सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आकार की तुलना में महज 11.7 फीसदी ही है, जबकि यह जर्मनी में 38 फीसदी, जापान में 31 फीसदी, ब्रिटेन में 25 फीसदी, अमेरिका में 25 फीसदी और चीन में 18 फीसदी है। स्थिति यह है कि अमेरिका की 60 फीसदी और ब्रिटेन की 55 फीसदी आबादी आयकर चुकाती है। दुनिया की कई छोटी-छोटी अर्थव्यवस्थाओं में संग्रहित किए जाने वाले आयकर का उनकी जीडीपी में बड़ा योगदान है। अतएव हम उम्मीद करें कि इस बार वित्तमंत्री नए बजट से ऐसे लोगों को चिन्हित करने की नई रणनीति के साथ दिखाई देंगी, जिससे वास्तविक आमदनी का सही मूल्यांकन हो सके, लोगों के वित्तीय लेन-देन के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त हो सके। साथ ही जो वास्तविक कमाई से कम पर आयकर देते हैं, उन्हें भी चिन्हित किया जा सके...
टीडीएस के कारण वेतनभोगी अपने वेतन पर ईमानदारीपूर्वक आयकर चुकाते हैं और आमदनी को कम बताने की गुंजाइश नगण्य होती है। ऐसे में टीडीएस की वर्तमान 50000 रुपए की सीमा को बढ़ाकर 75000 रुपए किया जा सकता है। हम उम्मीद करें कि 23 जुलाई को वित्तमंत्री सीतारमण के द्वारा पेश होने वाला वर्ष 2024-25 का पूर्ण बजट आर्थिक सुधारों, आर्थिक कल्याण और तेज विकास के आधारों को आगे बढ़ाने वाला ऐतिहासिक बजट होगा। यह एक ऐसा बजट भी होगा, जिसमें वित्तमंत्री राजकोषीय घाटे को 2025-26 में 4.5 फीसदी तक लाने का लक्ष्य आगे बढ़ाते हुए दिखाई देंगी...
इसमें कोई दो मत नहीं हैं कि भारतीयों के द्वारा विदेश भ्रमण में किए जा रहे भारी भरकम व्यय की तुलना में भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों से भारत की आमदनी बहुत कम है। हम उम्मीद करें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के वर्ष 2024-25 के बजट के तहत वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण घरेलू और विदेशी पर्यटन को तेजी से बढ़ाने और मजबूत आधार देने के लिए अभूतपूर्व प्रावधानों के साथ आगे बढ़ती हुई दिखाई देंगी... इन दिनों वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के
इसमें कोई दो मत नहीं हैं कि अभी भारत के द्वारा अपने प्रवासियों के दुख-दर्दों को कम करने में और अधिक सहयोग किया जाना होगा। भारत सरकार की और अधिक सक्रियता जरूरी है। हम उम्मीद करें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में एनडीए गठबंधन की नई सरकार के द्वारा प्रवासियों के साथ स्नेह व सहभागिता के नए अध्याय लिखे जा सकेंगे...
हम उम्मीद करें कि प्रधानमंत्री मोदी महंगाई नियंत्रण और रोजगार वृद्धि को अधिक प्राथमिकता देते हुए एक ऐसी मजबूत सरकार को आगे बढ़ाते हुए दिखाई देंगे जो गरीब कल्याण व सामाजिक न्याय के ऊंचे प्रतिमानों से आम आदमी की मुस्कुराहट बढ़ा सकेगी...
चूंकि कई विकसित और विकासशील देशों में तेजी से बूढ़ी होती आबादी के कारण उद्योग-कारोबार व सर्विस सेक्टर के विभिन्न कामों के लिए युवा हाथों की कमी हो गई तथा श्रम लागत बढऩे से ये देश कार्यबल संबंधी परेशानियों से जूझ रहे हैं, ऐसे में भारत को इस मौके को भुनाते हुए तेजी से आगे बढऩा होगा। सरकार ने 2023 तक भारतीय श्रमिक उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न देशों के साथ 13 समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। ऐसे समझौतों को और बढ़ाने की रणनीति बनानी होगी...
चूंकि भारत लगातार चालू खाते के घाटे से जूझ रहा है और भारत को विदेशी बचतों को हासिल करने की जरूरत है, इसलिए एफडीआई भारत में विदेशी बचतों के सबसे टिकाऊ स्रोत के रूप में लाभप्रद होगा। भारत की विकास दर के 8.2 प्रतिशत रहने से नई सरकार को व्यय प्रबंधन में मदद मिलेगी...