निश्चित रूप से जिस तरह भारत की नई लॉजिस्टिक नीति 2022 और गति शक्ति योजना का आगाज अभूतपूर्व रणनीतियों के साथ हुआ है, उससे भी विदेशी निवेश बढ़ेगा। हम उम्मीद करें कि सरकार के द्वारा देश में एफडीआई की नई चमकीली संभावनाओं को मुठ्ठियों में लेने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे और ऐसे में
हम उम्मीद करें कि नई लॉजिस्टिक नीति और गतिशक्ति योजना के उपयुक्त क्रियान्वयन से भारत 2030 तक कम लॉजिस्टिक खर्च और मजबूत बुनियादी ढांचे वाले दुनिया के टॉप-25 देशों की सूची में अपना स्थान बना पाएगा। इससे देश में उद्योग और कारोबार, निर्यात-निवेश तथा रोजगार के मौके बढऩे से देश की अर्थव्यवस्था तेजी से आगे
दुनिया के अर्थविशेषज्ञों के द्वारा भारत को चायना प्लस वन के रूप में चिन्हित किए जाने के कई प्रमुख आधार उभरकर दिखाई दे रहे हैं। चीन में कार्यरत अमेरिका सहित विभिन्न यूरोपीय व अन्य देशों की कई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां चीन से निकलकर भारत के दरवाजे पर तेजी से दस्तक दे रही हैं… यकीनन पिछले दो
स्पष्ट दिखाई दे रहा है कि इस समय देशभर में सरकार गेहूं-धान की एक फसली खेती की जगह विविध फसलों की खेती और मोटे अनाज को प्रोत्साहन देने की रणनीति पर आगे बढ़ी है। यही कारण है कि इस समय भारत में खाद्यान्न के भंडार भरे हुए हैं। देश में एक अक्तूबर 2022 को 2.27
हम उम्मीद करें कि डीबीटी के लिए अधिक मजबूती, व्यापार घाटे में कमी के उपायों, औद्योगिक और खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि तथा स्वामित्व योजना के तेज विस्तार से कृषि व ग्रामीण अर्थव्यवस्था के साथ देश की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। साथ ही इन विभिन्न उपायों पर ध्यान दिए जाने से देश वैश्विक आर्थिक-वित्तीय चुनौतियों का
इस समय डॉलर के खर्च में कमी और डॉलर की आवक बढ़ाने के रणनीतिक उपाय जरूरी हैं। अब रुपए में वैश्विक कारोबार बढ़ाने के मौके को मुठ्ठियों में लेना होगा। भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा भारत और अन्य देशों के बीच व्यापारिक सौदों का निपटान रुपए में किए जाने संबंधी महत्त्वपूर्ण निर्णय लिया गया है…
ऐसे में जलवायु परिवर्तन के विश्लेषण के साथ विभिन्न उपायों से इस समय असमान मानसून और मानसून की बेरुखी के कारण देश के कृषि मानचित्र पर कृषि की चुनौतियों का जो चित्र उभर रहा है, उसमें बहुत कुछ सुधार हो सकेगा और भारतीय कृषि अपनी आगे बढऩे की रफ्तार को बनाए रख सकेगी। हम उम्मीद
हम उम्मीद करें कि सरकार दुनिया के विभिन्न विकसित देशों की तरह भारत में भी शोध एवं नवाचार पर जीडीपी की दो फीसदी से अधिक धनराशि व्यय करने की डगर पर आगे बढग़ी। इससे जहां ब्रांड इंडिया और मेड इन इंडिया की वैश्विक स्वीकार्यता सुनिश्चित की जा सकेगी, वहीं स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, कारोबार, ऊर्जा, शिक्षा,
हम उम्मीद करें कि देश में बहुआयामी गरीबी, भूख और कुपोषण खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री के द्वारा घोषित नई जनकल्याण योजनाओं, सामुदायिक रसोई व्यवस्था तथा पोषण अभियान-2 को पूरी तरह कारगर व सफल बनाया जाएगा। ऐसे में हम उम्मीद करें कि सरकार यूएनपीडी की मानव विकास सूचकांक रिपोर्ट 2021 के मद्देनजर देश में मानव
हम उम्मीद करें कि सरकार कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में आधुनिकीकरण और कृषि क्षेत्र में फसलों के विविधीकरण की डगर पर तेजी से आगे बढ़ेगी। ऐसे में विभिन्न उपायों से इस समय असमान मानसून और मानसून की बेरुखी के कारण देश के कृषि मानचित्र पर भारतीय कृषि की चुनौतियों का जो चित्र उभर