कुलदीप चंद अग्निहोत्री

मैकियावली राजनीति में भी उपयोगितावाद के हामी हैं। राजनीति में जब किसी की उपयोगिता समाप्त हो जाए तो या तो उसे कूड़े के ढेर पर फेंक दो या फिर हाथ-पैर बांधकर समुद्र में फेंक दो। कहीं ऐसा तो नहीं कि सोनिया परिवार के लिए हरीश रावत की उपयोगिता समाप्त हो गई हो, इसलिए उन्होंने उसे

आंदोलन के अनेक नेता जो पहले राजनीति से दूर रहने की क़समें खाते थे, अब आंदोलन के बाद ख़ुद राजनीति में आने के लिए बेसब्र दिखाई दे रहे हैं। अंबाला के गुरनाम सिंह चढूनी ने तो पंजाब मिशन के नाम से राजनीतिक दल खड़ा करने और उसकी ओर से पंजाब विधानसभा में प्रत्याशी उतारने का

हरप्रीत सिंह ने मुग़ल काल का उदाहरण दिया है, उसमें गहरे अर्थ छिपे हैं। कोई अपनी इच्छा से अपना मजहब यानी पूजा-पाठ का तरीक़ा बदल ले, इसमें भला किसी को क्या एतराज़ हो सकता है। लेकिन लालच या भय से मजहब बदलने के लिए षड्यंत्र किए जाएं, यह निश्चय ही अपराध की श्रेणी में आता

उसका परिणाम 2014 के लोकसभा चुनाव में स्पष्ट दिखाई देने लगा था। सोनिया परिवार के नेतृत्व में कांग्रेस पूरे देश में केवल 44 सीटें जीत सकी। उस समय कांग्रेस से छिटक कर गए लोगों मसलन ममता बनर्जी, शरद पवार इत्यादि को लगता होगा कि अब सोनिया परिवार स्वयं ही कांग्रेस पर से अपना शिकंजा ढीला

अब पाकिस्तान ने इसमें ड्रोन का खेला भी शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार ने सीमांत इलाक़ों में सीमा सुरक्षा बल के कार्य क्षेत्र की सीमा पचास किलोमीटर तक बढ़ा दी है। पाकिस्तान नहीं चाहता कि यह कार्य क्षेत्र बढ़ाया जाए क्योंकि इससे उसे अपनी योजनाओं को पूरा करने में दिक्कत होती है। लेकिन सिद्धू

पंजाब की कांग्रेस सरकार ने सार्वजनिक रूप से घोषणा कर ही दी कि लाल किला ग्रुप के एक्शन में फंसे हुए व्यक्तियों को दो-दो लाख रुपए की सहायता पंजाब सरकार के बजट में से दी जाएगी। यह कुछ-कुछ उसी प्रकार का निर्णय है जिस प्रकार कभी ज़ामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के कुलपति ने निर्णय किया

उच्चतम न्यायालय की सुनवाई कर रही पीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा कि सीमा के पार चीन हिमालय क्षेत्र में सड़कें बना रहा है, वहां भी तो हिमालय की प्रकृति वैसी ही होगी जैसी इधर है। दरअसल पूरे पर्वतीय क्षेत्रों में विकास बनाम प्रकृति संरक्षण की बहस काफी लंबे अरसे से छिड़ी हुई है। बीच-बीच में

दरअसल पंडित नेहरू का वह पत्र एक बार फिर चर्चा में आ गया है जो उन्होंने उन्हीं दिनों अपनी बहन श्रीमती विजय लक्ष्मी पंडित को लिखा था। इस पत्र में उन्होंने कहा था कि यदि पाकिस्तान से समझौता करने की नौबत आ ही गई तो मैं गिलगित पाकिस्तान को देने को तैयार हूं। महाराजा हरि

आज तक भारत सरकार स्वयं ही दक्षिण एशिया में चीन के वर्चस्व को स्वीकार कर रही थी। लेकिन अब भारत ने अपने व्यापक हितों को देखते हुए अपनी विदेश नीति में परिवर्तन करते हुए पड़ोसी देशों के साथ सांस्कृतिक समानता के आधार पर संबंधों को सुदृढ़ करना शुरू किया है, जिसके कारण चीन की चिंता

हिंदू-सिखों की इन सिलैक्टड हत्याओं से ज़ाहिर है घाटी में अल्पसंख्यकों में भय व्याप्त होता और वे घाटी छोड़ने लगते। लेकिन इन सिलैक्टड हत्याओं के बाद सुरक्षा बलों ने भी अपनी रणनीति बदली और एक साथ ही प्रदेश के अनेक स्थानों पर छापामारी कर लगभग पांच सौ से भी ज्यादा आतंकवादियों के ओवरग्राऊंड वर्करों को