कर्नल (रि.) मनीष धीमान

चीन की विस्तारवादी सोच पर अंकुश एवं रोक तभी लग सकती है जब चीन की मंशा पर हर मंच पर चर्चा हो और खुले तौर पर इसकी भत्र्सना की जाए। इसके लिए जरूरी है कि प्रभावित देशों को इक_ा करके अमेरिका और जापान जैसे देश को अपने साथ लिया जाए। अगर विश्व के देशों की

अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा बनाई गई सरकार समावेशी हो और वहां से ड्रग्स की तस्करी तथा आतंकवादी गतिविधियों की बढ़ोतरी पर लगाम लगे, इसके लिए दिल्ली डायलॉग में खूब चिंतन हुआ और भारत ने इसे न केवल हमारे अपने देश के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बताया, बल्कि इस दौरान जिन मुद्दों पर चर्चा हुई,

दिवाली में मिठाई और भैया दूज में मेवों का राजशाही खानपान जैसे-जैसे खत्म हो रहा है, वैसे-वैसे सर्दी भी बढ़ना शुरू हो गई हैं। चद्दर से कंबल और कंबल से रजाई तक पहुंची हिमाचली ठंड का आकलन करें तो मध्य भारत की हिंदी पट्टी में मनाई जाने वाली छठ पूजा का नदी स्नान अगर गंगा

पिछले सप्ताह की मुख्य गतिविधियों पर नजर डालें तो हमारे अपने प्रदेश में उपचुनावों में व्यस्त सरकार और विपक्ष ने अपने-अपने उम्मीदवारों को जिताने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रखा है। यह भी माना जा रहा है कि उपचुनावों के परिणाम से अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में जनता की राय का अंदाजा

पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने आजादी का अमृत महोत्सव मनाया और उसमें सरकार द्वारा किए गए कामों का व्याख्यान किया, पर जिस क्षेत्र में इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा था उससे कुछ ही दूर लखीमपुर खीरी में उससे एक दिन पहले एक दर्दनाक हादसा हुआ, जिसमें कृषि कानूनों का विरोध

पिछले सप्ताह की मुख्य घटनाओं को देखें तो कृषि कानूनों के विरोध में किसानों द्वारा किए गए भारत बंद का असर उत्तर भारत में अच्छा खासा देखने को मिला। अमेरिका गए प्रधानमंत्री महोदय के दौरे की खबरें भी चर्चा में रहीं, पर एक तरफ जहां हमारे गृह क्षेत्र में उप चुनावों की घोषणा हो गई

पिछले सप्ताह भारत सरकार का करोड़ों रुपए की सरकारी संपत्ति को निजी हाथों में देने का निर्णय बड़ा ही संवेदनशील महसूस हो रहा है। सेना में भी अर्थव्यवस्था का उतना ही प्रभाव पड़ता है जितना देश के आम नागरिक को, पर यह तो निश्चित है कि सेना को कभी भी निजी हाथों में नहीं सौंपा

सावन की बरसात से नदी नालों में इतना ज्यादा पानी भर गया है कि उनके किनारे बसने वाले गांवों में बाढ़ से हालात बनने लगे हैं। प्रदेश में किन्नौर, लाहौल-स्पीति तथा कुल्लू की पहाडि़यों से  बहने वाली जलधाराओं ने जान और माल दोनों का नुक़सान किया है। कोरोना की तीसरी लहर के आगमन से सहमे

पिछले सप्ताह कोरोना महामारी से आंशिक राहत की अच्छी खबर आई, पर उसके साथ-साथ वैक्सीन की कमी पर सरकार की नीतियों पर सवाल  उठते रहे। एनडीए सरकार के सात साल पूरे होने के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री जी ने मन की बात की तो उधर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ‘मिस्टर मन की बात प्राइम मिनिस्टर’ कहकर

हिमाचल में बीते दिनों चार नगर निगमों के चुनावों के जो परिणाम आए हैं, उनसे 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के बारे में लोगों के मन का अंदाजा लगाया जा सकता है। चार नगर निगमों में जहां दो नगर निगम एक पार्टी ने जीते, जबकि मुख्यमंत्री के अपने गृह जिले में ही सत्ताधारी पार्टी